साइबर क्राइम पर शिकंजा, नोएडा एसटीएफ का बड़ा एक्शन

उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल की नोएडा यूनिट (Noida STF) ने साइबर क्राइम के बढ़ते जाल को तोड़ते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है। एसटीएफ ने चीनी नागरिकों को बैंक खाते उपलब्ध कराने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस का दावा है कि भारतीय नागरिकों के खातों का उपयोग चीनी नागरिक साइबर धोखाधड़ी और अवैध धन के लेन-देन के लिए कर रहे थे।

Noida STF का एक्शन

एसटीएफ ने सूरजपुर थाना क्षेत्र के गोल चक्कर के पास एक सटीक अभियान चलाकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में गुजरात के वडोदरा निवासी नवरत्न सिंह खुराल, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर निवासी तनवीर, और महाराष्ट्र के जलगांव निवासी साकिब शेख शामिल हैं। पुलिस अधीक्षक (एसटीएफ नोएडा इकाई) राजकुमार मिश्रा ने बताया कि इन आरोपियों के पांच साथी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

कबूलनामे में बड़ा खुलासा

पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने भारतीय नागरिकों के बैंक खातों की पूरी जानकारी चीनी नागरिकों को दी थी। इन खातों का उपयोग चीनी नागरिकों ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के नियमों से बचने के लिए किया। इस प्रक्रिया में उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी और हवाला जैसे अवैध तरीकों से लेन-देन किया।

राजकुमार मिश्रा ने कहा-

“ये लोग खाते की समस्त जानकारी चीनी नागरिकों को देते थे। चीनी नागरिक इन खातों में हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से पैसे का लेन-देन करते थे।”

आरोपियों के पास से क्या मिला?

गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने कई अहम सबूत बरामद किए हैं, जिनमें एक लैपटॉप, आठ मोबाइल फोन, एक पासपोर्ट, पांच आधार कार्ड, चार सिम कार्ड, पांच चेक बुक, 22 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, भारतीय और नेपाली मुद्रा के साथ अन्य दस्तावेज शामिल हैं।

कैसे काम करता था यह रैकेट?

जांच में यह भी सामने आया है कि इस गिरोह ने भारतीय नागरिकों के खातों को साइबर अपराध के जाल में फंसाकर चीनी नागरिकों को सौंप दिया। विदेशी मुद्रा अधिनियम से बचने के लिए चीनी नागरिक इन खातों को हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए धनशोधन के लिए इस्तेमाल कर रहे थे।

इस मामले में पुलिस को संदेह है कि पकड़े गए आरोपी केवल छोटे मोहरे हैं और इस पूरे रैकेट के पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा है।

एसटीएफ ने यह स्पष्ट किया है कि साइबर अपराधियों के खिलाफ उनकी कार्रवाई जारी रहेगी। राजकुमार मिश्रा ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा-

“लोगों को चाहिए कि वे अपने बैंक खाते और अन्य व्यक्तिगत जानकारी को अजनबियों के साथ साझा करने से बचें। यह कदम साइबर अपराधों को रोकने में अहम साबित हो सकता है।”

यह घटना न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर बढ़ते साइबर अपराधों की गंभीरता को उजागर करती है। क्रिप्टोकरेंसी और हवाला का इस्तेमाल साइबर अपराधियों के लिए एक सुरक्षित हथियार बनता जा रहा है, जिससे वित्तीय सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

एसटीएफ ने फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी है और इस मामले में चीनी नागरिकों की संलिप्तता की गहन जांच की जा रही है। साथ ही, पुलिस ने आम जनता से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत साझा करने की अपील की है।

यह घटना दर्शाती है कि डिजिटल युग में साइबर अपराध के खतरे न केवल व्यक्तिगत बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चुनौती बन गए हैं। ऐसे में जागरूकता और सतर्कता ही इन खतरों से बचने का एकमात्र उपाय है।

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