India Pakistan ceasefire | भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव और युद्ध अब थम गया है। शनिवार शाम 5 बजे से दोनों देशों ने संघर्षविराम लागू कर दिया है। यह अहम घटनाक्रम अमेरिकी मध्यस्थता के जरिए हुई गहन कूटनीतिक बातचीत के बाद संभव हुआ। करीब तीन दिन से जारी सैन्य तनाव, सीमाई गोलाबारी और जवाबी कार्रवाई के बाद यह पहला मौका है जब दोनों पक्षों ने एक साथ गोलीबारी रोकने की घोषणा की है।
सीज़फायर पर भारत सरकार ने क्या कहा?
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बतायाः
“पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने आज दोपहर 15:35 बजे भारतीय DGMO को फोन किया। दोनों पक्षों के बीच यह सहमति बनी कि जमीन, हवा और समुद्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई भारतीय समयानुसार शाम 5:00 बजे से रोक दी जाएगी। आज दोनों देशों की सेनाओं को इस समझौते को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।”
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सैन्य संचालन महानिदेशक 12 मई को दोपहर 12:00 बजे एक बार फिर बातचीत करेंगे ताकि समझौते की समीक्षा हो सके।
सीजफायर पर पाकिस्तान के पीएम ने क्या कहा?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सीजफायर को सकारात्मक पहल बताया और अमेरिका की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, “हम क्षेत्र में शांति के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व और सक्रिय भूमिका के लिए उनका धन्यवाद करते हैं।”
शरीफ ने यह भी कहा कि अमेरिका की पहल और मध्यस्थता के बिना यह समझौता संभव नहीं हो पाता। पाकिस्तान ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रूबियो को भी उनके अहम योगदान के लिए धन्यवाद दिया। शरीफ ने इस समझौते को दक्षिण एशिया में स्थायित्व और समृद्धि की दिशा में “एक नई शुरुआत” करार दिया और उम्मीद जताई कि यह लंबे समय से चले आ रहे विवादों के समाधान का मार्ग प्रशस्त करेगा।
सीजफायर में अमेरिका की भूमिका
संघर्षविराम की यह सहमति संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता से संभव हो सकी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बयान जारी कर कहाः
“संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता में रात को हुई लंबी बातचीत के बाद मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान ने पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम पर सहमति बना ली है। दोनों देशों को समझदारी और उत्कृष्ट बुद्धिमत्ता का परिचय देने के लिए बधाई।”
ट्रंप ने दोनों देशों की कूटनीतिक समझदारी की सराहना की और इसे दक्षिण एशिया के लिए शांति की दिशा में एक अहम कदम बताया।
भारत का रुख स्पष्ट, आतंकवाद पर सख्ती जारी रहेगी
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत की आतंकवाद के प्रति नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहाः
भारत और पाकिस्तान ने आज गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को रोकने को लेकर एक समझौता किया है।
भारत ने हमेशा आतंकवाद के सभी रूपों और स्वरूपों के खिलाफ कठोर और समझौता न करने वाला रुख अपनाया है, और आगे भी इसी रुख पर कायम रहेगा।
सीजफायर क्या होता है? (ceasefire meaning in Hindi)
सीजफायर यानी संघर्षविराम एक ऐसा औपचारिक या अनौपचारिक समझौता होता है जिसमें दो युद्धरत पक्ष तय करते हैं कि वे किसी निश्चित समय से सभी सैन्य कार्रवाई, गोलीबारी या आक्रामक गतिविधियों को रोक देंगे। यह अस्थायी भी हो सकता है और स्थायी भी, और इसका मकसद हिंसा को रोकना, बातचीत का माहौल बनाना या मानवीय सहायता पहुंचाना होता है। भारत और पाकिस्तान के बीच पहले भी कई बार सीजफायर समझौते हुए हैं, लेकिन उनके उल्लंघन की घटनाएं भी सामने आती रही हैं। इस बार की सहमति, अमेरिकी मध्यस्थता और शीर्ष सैन्य अधिकारियों की प्रत्यक्ष बातचीत से हुई है, जिससे इसकी गंभीरता और संभावित प्रभाव बढ़ जाते हैं।
क्यों ज़रूरी था यह सीज़फायर
बीते तीन दिनों में नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हालात बेहद तनावपूर्ण रहे। हवाई हमले, मिसाइल हमले और नौसेना की तैनाती के चलते आम नागरिकों और सीमाई इलाकों में रहने वालों के लिए भय और असुरक्षा की भावना बढ़ गई थी। जान-माल का नुकसान हो रहा था, स्कूल बंद थे और व्यापारिक गतिविधियां प्रभावित हो रही थीं। ऐसे में यह संघर्षविराम न सिर्फ राजनयिक स्तर पर एक बड़ी कामयाबी है, बल्कि जमीनी हालात को सामान्य करने का भी रास्ता है।
अब निगाहें 12 मई को होने वाली DGMO स्तर की अगली बातचीत पर हैं, जिसमें इस समझौते की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह संघर्षविराम यदि जमीनी स्तर पर प्रभावी रहता है, तो दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की प्रक्रिया को मजबूती मिल सकती है।