उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘Invest UP’ के Chief Executive Officer (CEO) और वरिष्ठ IAS अधिकारी Abhishek Prakash को भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित कर दिया है। सरकार की इस कार्रवाई पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सरकार पर पर्दा डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस भ्रष्टाचार का अंतिम पड़ाव सिर्फ एक अधिकारी नहीं, बल्कि कोई और बड़ा नाम हो सकता है।
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश में इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए बनी संस्था ‘Invest UP’ में भ्रष्टाचार की शिकायत सामने आई थी। एक निवेशक ने आरोप लगाया था कि प्रोजेक्ट अप्रूवल के लिए बिचौलिए निकांत जैन (Nikant Jain) ने IAS अभिषेक प्रकाश के नाम पर कमीशन मांगा था।
मामले की जांच के बाद सरकार ने अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया और निकांत जैन को गिरफ्तार कर लिया गया।
Akhilesh Yadav का आरोप: असली गुनहगार कौन?
इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा-
“उत्तर प्रदेश में Industrial Development के नाम पर खुलेआम Corruption हो रहा है। जब मामला खुलता है, तो केवल Suspension का दिखावा किया जाता है। असली दोषी को बचाने की कोशिश हो रही है।”
उन्होंने यह भी कहा, “इस भ्रष्टाचार का अंतिम पड़ाव सिर्फ एक अधिकारी नहीं, बल्कि कोई और बड़ा खिलाड़ी है। सरकार को इस पूरे Nexus को बेनकाब करना चाहिए।”
सरकार का पक्ष
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाने की बात कही है। अधिकारियों के अनुसार, सरकार ने Corruption के खिलाफ Zero-Tolerance Policy अपनाई है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
निवेशक और व्यापारियों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश में Investors के बीच चिंता बढ़ गई है। Industrial Development की योजनाओं में Corruption के आरोपों से राज्य में निवेश की संभावनाओं को झटका लग सकता है। व्यापारी वर्ग का मानना है कि यदि सरकार इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं करती, तो इससे राज्य में Ease of Doing Business पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
IAS Abhishek Prakash Corruption Case: क्या है पूरा मामला?
IAS अभिषेक प्रकाश को एक निवेशक की शिकायत के बाद निलंबित किया गया है। इस शिकायत में कहा गया था कि बिचौलिए निकांत जैन ने प्रोजेक्ट अप्रूवल के लिए घूस मांगी थी। जब मामला उजागर हुआ, तो सरकार ने कार्रवाई करते हुए जैन को गिरफ्तार किया और अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया।
अब सवाल यह है कि क्या यह मामला केवल एक अधिकारी तक सीमित है, या इसके पीछे कोई और बड़ा नाम छिपा हुआ है? जांच के नतीजे आने के बाद ही इसका खुलासा हो पाएगा।