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फिर लय में लौटे अरविंद केजरीवाल: दिल्ली हारने के बाद पहला बड़ा हमला

दिल्ली में 'एक शाम शहीदों के नाम' कार्यक्रम के दौरान अरविंद केजरीवाल भाषण देते हुए। मंच पर भगत सिंह और डॉ. आंबेडकर के पोस्टर नजर आ रहे हैं।

(फोटोः @ArvindKejriwal )

Arvind Kejriwal News | दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद यह पहला मौका है जब आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर जोरदार हमला बोला है। रविवार को आयोजित ‘एक शाम शहीदों के नाम’ कार्यक्रम में उन्होंने ऐलान किया कि उनकी पार्टी सत्ता के लिए नहीं, बल्कि स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के सपनों को पूरा करने के लिए राजनीति में आई है।

AAP द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर दिल्ली की सत्ता में आने के बाद दोनों महापुरुषों की विरासत का अपमान करने का आरोप लगाया। यह आयोजन भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया था।

भगत सिंह और आंबेडकर की विरासत पर जोर

केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा-

“हमारे आदर्श बाबासाहेब आंबेडकर और भगत सिंह हैं। भगत सिंह कहते थे कि सिर्फ अंग्रेजों को हटाना ही काफी नहीं है, समाज का ढांचा बदलना होगा। नहीं तो गोरे अंग्रेज तो चले जाएंगे लेकिन काले अंग्रेज आ जाएंगे।”

उन्होंने मौजूदा शासन को अंग्रेजों से भी बदतर करार देते हुए कहा कि सत्ता संभालने के 48 घंटे के भीतर ही भाजपा ने सरकारी दफ्तरों से भगत सिंह और आंबेडकर की तस्वीरें हटा दीं। उन्होंने सवाल किया-

“मैं भाजपा से पूछना चाहता हूं कि क्या देश के लिए भगत सिंह से ज्यादा किसी ने बलिदान दिया है?”

महिलाओं की मुफ्त बस यात्रा योजना पर विवाद

पूर्व मुख्यमंत्री ने दिल्ली में महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा से वंचित करने के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि अब बस परिचालक महिलाओं को गुलाबी टिकट देने से मना कर रहे हैं, जब तक कि वे एक नया ‘ऐप’ डाउनलोड न करें।

“वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? सुविधाओं में सुधार करने के बजाय वे मौजूदा सुविधाओं को छीन रहे हैं। अब तक उन्हें महिलाओं को 2,500 रुपये देना शुरू कर देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।”

दिल्ली चुनाव के बाद अब आक्रामक AAP

पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा कि AAP संघर्ष से पैदा हुई है और पूरे देश में अपना मिशन जारी रखेगी। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार महज एक रणनीतिक असफलता थी। पूर्व मंत्री ने कहा-

“दिल्ली में हमारी हार रणनीतिक कारणों से हुई, लेकिन हमारी ताकत हमारे समर्पित कार्यकर्ता हैं। उन्हें लगा कि हम खत्म हो जाएंगे, लेकिन हम दोगुनी ताकत के साथ पूरे देश में वापसी करेंगे।”

AAP की दिल्ली इकाई के नवनियुक्त प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने भाजपा की जीत को ‘प्राकृतिक’ न बताते हुए कहा-

“2015 के चुनावों में AAP की जीत पर पूरे शहर में जश्न मनाया गया था, लेकिन भाजपा की जीत पर वैसा माहौल देखने को नहीं मिला। उनके विधायक भी अपनी जीत से हैरान हैं।”

क्या Arvind Kejriwal ने फिर से मैदान सजाना शुरू कर दिया?

केजरीवाल की यह घोषणा कि उनकी पार्टी भगत सिंह और आंबेडकर के विचारों को लागू करने के लिए राजनीति में आई है, उनके राजनीतिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।

इन तीनों तत्वों को जोड़कर पार्टी अपनी नई पहचान गढ़ने की कोशिश कर रही है।

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयानबाजी सिर्फ जनता को आकर्षित करने की रणनीति हो सकती है।

भाजपा का पलटवार

भाजपा ने केजरीवाल के इन आरोपों को ‘राजनीतिक ड्रामा’ करार दिया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “AAP अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए भगत सिंह और आंबेडकर के नाम का सहारा ले रही है।”

दिल्ली चुनाव में हार के बाद केजरीवाल लंबे समय तक बचाव की मुद्रा में दिखे, लेकिन अब उनका यह आक्रामक रूप बताता है कि AAP फिर से अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए तैयार है। सवाल यह है कि क्या भगत सिंह और आंबेडकर के नाम पर दी गई यह वैचारिक दिशा पार्टी को नई गति दे पाएगी, या यह महज एक चुनावी रणनीति बनकर रह जाएगी? आने वाले समय में इसका जवाब मिलेगा।

 

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