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सुनील पाल और मुश्ताक खान किडनैपिंग के मास्टरमाइंड को पुलिस ने दबोचा

Police arrest Lavi Pal, the mastermind behind the kidnapping of celebrities Mushtaq Khan and Sunil Pal, after an encounter in Bijnor, Uttar Pradesh.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने फिल्मी हस्तियों को निशाना बनाने वाले कुख्यात अपहरण गिरोह के सरगना लवी पाल उर्फ ​​राहुल सैनी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। बिजनौर में हुई इस कार्रवाई ने गिरोह के आपराधिक नेटवर्क को उजागर किया, जो मशहूर हस्तियों को फंसाकर फिरौती वसूलने की साजिश रच रहा था।

मुश्ताक खान किडनैपिंग केस

गिरोह ने पहली बार 15 अक्टूबर को फिल्म अभिनेता मुश्ताक खान से संपर्क किया। मुख्य आरोपी लवी पाल ने खुद को राहुल सैनी बताते हुए एक इवेंट के बहाने मुश्ताक खान को 20 नवंबर को मेरठ बुलाया।

बिजनौर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक झा ने बताया-

‘‘आरोपी ने राहुल सैनी के रूप में 15 अक्टूबर को फिल्म अभिनेता मुश्ताक खान से बात की और 20 नवंबर को मेरठ में एक कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। साथ ही, 25 हजार रुपये की अग्रिम राशि का भुगतान किया और विमान का टिकट भी भेजा। मुश्ताक को 20 नवंबर को दिल्ली के हवाई अड्डे से एक कार में बैठाकर बिजनौर लाया गया, जहां उसे लवी पाल के चाहशीरी स्थित घर में रखा गया।’’

‘वेलकम’, ‘गदर’ और ‘स्त्री’ जैसी हिट फिल्मों में काम कर चुके मुश्ताक खान को किडनैप करने के बाद बिजनौर लाकर लवी पाल के चाहशीरी स्थित घर में बंधक बनाया गया।
21 नवंबर को, अपहरणकर्ताओं की लापरवाही का फायदा उठाकर मुश्ताक खान उनके चंगुल से बच निकले। पास की मस्जिद में शरण लेने के बाद वे सुरक्षित अपने घर लौटे। बिजनौर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक झा ने बताया-

‘‘21 नवंबर सुबह जब अपहरणकर्ता सो रहे थे तो मुश्ताक खान भागने में कामयाब रहे और उसने पास की मस्जिद में शरण ली। वहां से वह सुरक्षित घर लौट आए। उनके इवेंट मैनेजर शिवम यादव ने बाद में नौ दिसंबर को बिजनौर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई।’’

अधिकारी ने बताया कि मुश्ताक खान के अपहरण के दौरान उनके मोबाइल फोन से 2.5 लाख रुपये का लेन-देन किया गया था। पुलिस ने गिरोह के छह सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन लवी पाल तथा तीन अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही थी।

सुनील पाल किडनैपिंग केस

बिजनौर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आगे की जांच में पता चला है कि लवी पाल के गिरोह ने मेरठ में कॉमेडियन सुनील पाल को निशाना बनाने के लिए इसी तरह अपराध को अंजाम दिया था। पुलिस ने जांच के बाद बताया कि गिरोह ने मशहूर हस्तियों को फंसाने के लिए एक योजनाबद्ध तरीका अपनाया, जिसमें नकली कार्यक्रमों के बहाने उन्हें बुलाकर फिरौती वसूलने का प्रयास किया जाता था।

मास्टरमाइंड से Bijnor Police की मुठभेड़

रविवार-सोमवार की दरमियानी रात, पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि लवी पाल अपने साथी शुभम के साथ मंडावर मार्ग स्थित जैन फार्म पर आएगा। पुलिस ने मौके पर घेराबंदी की, लेकिन बदमाशों ने गोलीबारी शुरू कर दी।

बिजनौर के एसपी अभिषेक झा ने बताया-

“एक गोली थाना प्रभारी उदय प्रताप की बुलेटप्रूफ जैकेट में लगी। जवाबी कार्रवाई में लवी पाल घायल हो गया, जबकि शुभम भागने में कामयाब रहा।”

बिजनौर और मेरठ पुलिस ने लवी पाल की गिरफ्तारी पर 25-25 हजार रुपये का इनाम रखा था। अब आरोपियों के खिलाफ गैंग्स्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी और अपराध से अर्जित संपत्ति जब्त की जाएगी। पुलिस अधिकारी लवी पाल से पूछताछ कर रहे हैं ताकि फिल्म उद्योग के अन्य संभावित लक्ष्यों और गिरोह के संचालन के बारे में जानकारी मिल सके।

आरोपी के पास से क्या मिला?

गिरफ्तारी के दौरान लवी पाल के पास से एक तमंचा, दो कारतूस और मुश्ताक खान से वसूले गए 35,050 रुपये बरामद हुए। पुलिस ने इसे गिरोह के खिलाफ मजबूत सबूत माना है।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस कार्रवाई से एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे संगठित अपराध और कुख्यात गिरोहों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। मुठभेड़ में लवी पाल की गिरफ्तारी एक बड़ा कदम है, जो राज्य में अपराध नियंत्रण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

गिरोह का आपराधिक नेटवर्क

इस गिरोह ने न केवल फिल्मी हस्तियों को निशाना बनाया, बल्कि इनकी योजना और भी बड़े अपराधों को अंजाम देने की थी। पुलिस के अनुसार, गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए तलाश जारी है। गिरोह के तीन अन्य सदस्य अभी भी फरार हैं।

फिल्मी हस्तियों को निशाना बनाने वाले इस गिरोह का भंडाफोड़ पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि है। यह घटना बताती है कि सतर्कता और तत्परता से न केवल अपराधियों को पकड़ा जा सकता है, बल्कि उनके नेटवर्क को भी खत्म किया जा सकता है। पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल पीड़ितों को न्याय दिलाया है, बल्कि समाज में अपराधियों के खिलाफ एक सख्त संदेश भी दिया है।

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