फेसबुक पर दोस्ती, मंदिर में शादीः दरोगा जी बेवफा निकले!

गोरखपुर के एक छोटे से कमरे में बैठी वह युवती बार-बार अपने आंसू पोछ रही थी। उसकी आंखों में दर्द, दिल में गुस्सा और दिमाग में ढेरों सवाल थे। आखिर, उसने ऐसा क्या गलत किया था जो उसका विश्वास इस तरह तोड़ा गया? यह कहानी सिर्फ उसकी नहीं है, बल्कि हर उस लड़की की है, जो रिश्तों में विश्वास करती है।

फेसबुक से शुरू हुआ धोखे का सफर

साल 2023 की शुरुआत थी। गोरखनाथ थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर में किराए के एक छोटे से कमरे में यह युवती अपनी फिजियोथेरेपी की पढ़ाई कर रही थी। एक दिन, फेसबुक पर उसे आशीष यादव नाम का फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट आया। फोटो में पुलिस वर्दी पहने, आत्मविश्वास से भरा चेहरा। उसने खुद को उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा बताया।

युवती ने पहले तो उसे नजरअंदाज किया, लेकिन बाद में उसने आशीष की फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली। मैंसेजर पर चैट से ये सिलसिला शुरू हुआ और फिर मोबाइल नंबर एक्सचेंज हो गए। अब चैटिंग से मामला पहले ऑडियो कॉल और फिर वीडियो कॉल तक पहुंच चुका था। आशीष की विनम्र बातें उसे प्रभावित करने लगीं।

आशीष लड़की की दिल खोलकर तारीफें करता था। वह कहता था कि तुम्हारी जैसी सुंदर दोस्त को पाकर मैं धन्य हो गया। तुम्हें लेकर मेरा आगे भी बहुत सारा प्लान है। ये बातें ही थीं, जिसने उसे आशीष से जुड़ने पर मजबूर कर दिया। जल्द ही, दोनों के बीच बातचीत बढ़ने लगी।

शादी का झांसा और चिकनी-चुपड़ी बातें

आशीष ने लड़की को बताया कि वह उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा के पद पर भर्ती हुआ है। मुरादाबाद के अंबेडकर ट्रेनिंग सेंटर में उसकी ट्रेनिंग चल रही है। इन्हीं सब बातों के बीच आशीष ने एक दिन अचानक पूछ लिया, “क्या तुम मुझसे शादी करोगी?”
लड़की हैरान रह गई। उसे यह रिश्ता असामान्य और जल्दीबाजी लग रहा था। लेकिन आशीष ने उसे अपने मीठे शब्दों और वादों से मना लिया। उसने कहा, “तुम्हारे जैसी खूबसूरत और समझदार लड़की से शादी करना मेरी जिंदगी का सपना है। मैं चाहता हूं कि हमारी जिंदगी का सफर साथ में शुरू हो।”

लड़की को यह सबकुछ बहुत जल्दबाजी लग रहा था। लेकिन वह आशीष की मंशा को भांप न सकी। उसने आशीष से कहा, “यदि आप इस रिश्ते को लेकर ईमानदार हैं, तो मैं आपसे शादी करने को तैयार हूं।” आशीष ने कहा, “मैं चाहता हूं कि ट्रेनिंग पूरी होते ही हम दोनों शादी कर लें।” वह अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में उसे फंसा रहा था। उसने कहा, “मैं तुम्हारे बिना रह नहीं पा रहा हूं। तुमसे मिलना चाहता हूं। तुम कहो तो मैं छुट्टी लेकर तुम्हारे पास आ जाऊं।”

गोरखनाथ मंदिर में झूठी शादी

कुछ दिनों बाद, आशीष ने छुट्टी लेकर गोरखपुर आने की बात कही। उसने युवती से मिलने की इच्छा जताई। एक दिन आशीष गोरखपुर जा पहुंचा। फोन पर जिसके साथ बातों का सिलसिला शुरू हुआ था, वो अब सामने खड़ा था। पहली मुलाकात में ही वह उसे पा लेना चाहता था। लेकिन लड़की ने यह कहकर इंकार कर दिया कि शादी से पहले ये मिलन संभव नहीं है।

युवती ने शारीरिक संबंध बनाने से इनकार कर दिया, उसने कहा कि यह शादी से पहले नहीं हो सकता। ये सुनते ही आशीष ने कहा, “शादी कौन-सी बड़ी बात है? चलो, गोरखनाथ मंदिर में शादी कर लेते हैं।”

उस वक्त खरमास का महीना चल रहा था, लेकिन आशीष ने उसे यह कहकर मना लिया कि “प्यार किसी महीने या नियम का मोहताज नहीं होता।” युवती मान गई। दोनों ने मंदिर में शादी की, लेकिन यह शादी झूठी थी।

उस रात, आशीष उसके किराए के कमरे पर गया और दोनों ने पहली बार साथ समय बिताया। युवती को तब तक यकीन था कि वह अब उसकी पत्नी है।

गोरखपुर से गाजियाबाद

आशीष की ट्रेनिंग पूरी हुई और उसकी पोस्टिंग गाजियाबाद में हुई। उसने युवती को वहां बुलाया। युवती ने बताया कि गाजियाबाद के उसके कमरे पर उसने कई दिनों तक उसे अपने साथ रखा। धीरे-धीरे, आशीष का रवैया बदलने लगा। वह युवती को अनदेखा करने लगा।

23 से 31 मार्च तक दोनों साथ रहे। इस दौरान उसने अनेकों बार युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाए। जब मन भर गया तो आशीष ने दूरी बनानी शुरू कर दी और उसे वापस गोरखपुर भेज दिया।

A symbolic image depicting betrayal and deceit in a relationship, featuring a broken wedding ring, a torn photograph of a couple, and a mobile phone with social media icons, representing the Facebook love story that turned into blackmail and false promises in Gorakhpur.

अप्राकृतिक दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग

अप्रैल के महीने में, आशीष ने फिर से युवती को बुलाया। इस बार, उसने अप्राकृतिक संबंध बनाए। युवती ने इसका विरोध किया, तो उसने कहा, “पति-पत्नी में यह सब चलता है।”

इस दौरान, आशीष ने उसका एक आपत्तिजनक वीडियो भी बना लिया। युवती को यह बात अजीब लगी, लेकिन आशीष ने यह कहकर उसे शांत कर दिया कि, “जब तुम दूर होती हो, तो तुम्हारी याद आती है। यह वीडियो देखकर मुझे सुकून मिलेगा।”

शादी से इनकार और धमकी

जब युवती ने अपने परिवार को उनके रिश्ते के बारे में बताया, तो परिवार ने रिश्ते को पक्का करने के लिए आशीष के घरवालों से संपर्क किया। लेकिन आशीष के घरवालों ने यह रिश्ता मानने से इनकार कर दिया।

आशीष ने युवती से साफ कहा, “तुम्हारी कुंडली में दोष है। मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता।” युवती ने जब दबाव बनाया, तो उसने धमकी दी, “अगर कहीं शिकायत की, तो तुम्हारा वीडियो वायरल कर दूंगा। मैं पुलिस में हूं, मेरा कुछ नहीं होगा। तुम्हारी जिंदगी बर्बाद कर दूंगा।”

पुलिस से मदद और न्याय की उम्मीद

युवती ने गोरखनाथ थाने में शिकायत दर्ज करवाई। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने कहा कि इस मामले में सभी तथ्यों और सबूतों की जांच की जा रही है। अगर आरोपों में सत्यता पाई जाती है तो आरोपी दरोगा के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

क्या यह कहानी न्याय तक पहुंचेगी?

यह कहानी समाज में रिश्तों के बदलते स्वरूप और सोशल मीडिया के दुरुपयोग का जीता-जागता उदाहरण है। युवती ने अपने आत्मसम्मान और न्याय के लिए कदम उठाया है। अब यह देखना है कि क्या उसे वह न्याय मिलेगा, जिसकी वह हकदार है।

आशीष यादव की इस घटना ने यह साबित किया कि झूठे वादे और धोखा किसी की जिंदगी को कितनी बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। यह घटना समाज के लिए एक सीख है कि सोशल मीडिया पर रिश्तों में सतर्कता और समझदारी जरूरी है।

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