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होली और नमाज का मेल, क्यों बन रहा सियासी खेल?

A peaceful scene in India where people are joyfully celebrating Holi with vibrant colors, while in the background, Muslims are attending Friday prayers at a mosque. The image symbolizes harmony, coexistence, and mutual respect between communities during overlapping religious events.

इस साल होली शुक्रवार को पड़ रही है, जिस दिन मुस्लिम समुदाय के लिए जुमे की नमाज होती है। इससे धार्मिक आयोजनों के टकराव की आशंका बढ़ गई है, और प्रशासन सतर्क है। हालांकि, कुछ नेताओं के बयान माहौल को और गरमाने का काम कर रहे हैं।

राजनीतिक और धार्मिक बयानबाजी के बीच सवाल यह उठता है कि ऐसे संवेदनशील मौकों पर समाज को सौहार्द बनाए रखने के लिए क्या करना चाहिए?

राजनीतिक बयानबाजी और बढ़ता विवाद

होली और जुमे की नमाज के एक ही दिन पड़ने को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। खासतौर पर भाजपा नेताओं के विवादित बयान माहौल को गर्माने का काम कर रहे हैं।

1. भाजपा नेता रघुराज सिंह का विवादित बयान

भाजपा नेता रघुराज सिंह ने मुस्लिम समुदाय को शुक्रवार की नमाज के दौरान रंगों से बचने के लिए तिरपाल से खुद को ढकने की सलाह दी। उन्होंने कहा,

“सनातन धर्म को मानने वालों के लिए होली का त्योहार वर्ष में एक बार आता है और उनसे यह अपेक्षा करना कि वे मस्जिदों के पास कुछ प्रतिबंधित क्षेत्रों में होली न खेलें, कोई व्यावहारिक समाधान नहीं है।”

शुक्रवार की नमाज के लिए बाहर निकलते समय मुस्लिम पुरुष को खुद को तिरपाल से ढकने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा-

‘‘मुस्लिम महिलाएं भी खुद को हिजाब से ढक लेती हैं और एहतियात के तौर पर बहुत बार मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया जाता है।’’

उनके इस बयान को लेकर मुस्लिम संगठनों और विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

2. सीओ अनुज चौधरी का बयान और विवाद

संभल में शांति समिति की बैठक के दौरान सीओ अनुज चौधरी ने कहा-

“अगर होली का रंग लगने से किसी का धर्म भ्रष्ट होता है, तो उस दिन घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।”

इस बयान के बाद विपक्ष ने नाराजगी जताई और प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल उठाए।

3. भाजपा सांसद सतीश गौतम का बयान

अलीगढ़ के भाजपा सांसद सतीश गौतम ने एएमयू में होली मनाने की वकालत करते हुए कहा-

“एएमयू में होली होगी, जमकर होगी। सभी हिंदू छात्र धूमधाम से होली मनाएंगे। किसी भी हिंदू छात्र के साथ कोई परेशानी आती है तो उसके लिए मैं बैठा हूं।”

जब उनसे पिछले साल एएमयू में होली खेलने के दौरान हुए विवाद पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा-

“मारपीट कैसे हो जाएगी? जो मारपीट करेगा, उसे ऊपर पहुंचा दिया जाएगा।”

उनके इस बयान से विवाद और गहरा गया है।

4. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का समर्थन

संभल के पुलिस अधिकारी के बयान पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अधिकारी ने भले ही एक पहलवान के तौर पर बात की हो, लेकिन अर्जुन पुरस्कार विजेता ने जो कहा, वह सही था।

सामाजिक सौहार्द और आदर्श स्थिति

त्योहारों का मकसद लोगों को जोड़ना होता है, न कि उन्हें धर्म और राजनीति के आधार पर बांटना। ऐसे में हमें कुछ अहम बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए:

1. धार्मिक सौहार्द को प्राथमिकता दी जाए

धर्म किसी भी विवाद का कारण नहीं होना चाहिए। हिंदू और मुस्लिम समुदायों को आपसी बातचीत के जरिए त्योहारों के टकराव को सुलझाना चाहिए।

2. राजनीतिक बयानों पर संयम

नेताओं को भड़काऊ बयान देने से बचना चाहिए। धर्म और त्योहारों को राजनीति से दूर रखा जाए, तभी शांति बनी रह सकती है।

3. प्रशासन की सख्ती जरूरी

4. समाज की पहल

समाज के प्रबुद्ध नागरिकों को आगे आकर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में भूमिका निभानी चाहिए।

होली और जुमे की नमाज का एक ही दिन पड़ना किसी भी तरह के टकराव का कारण नहीं बनना चाहिए। यह समाज की परिपक्वता और प्रशासन की सतर्कता पर निर्भर करता है कि त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाए।

जरूरत है धैर्य, समझदारी और आपसी सौहार्द की, ताकि त्योहार का रंग भाईचारे से भरा रहे, न कि राजनीतिक बयानबाजी से कलंकित हो।

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