Site icon

महाकुंभ में भगदड़ पर भड़के अखिलेश यादव, संसद में सरकार पर दागे ये सवाल

IMG 20250204 184053

प्रयागराज | महाकुंभ में भगदड़ के बाद मारे गए लोगों के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मांग की कि महाकुंभ की अव्यवस्थाओं पर स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सेना को दी जाए।

“डिजिटल कुंभ, लेकिन मृतकों के आंकड़े तक नहीं!”

अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “डिजिटल कुंभ कराने का दावा करने वाले मृतकों की डिजिट (संख्या) तक नहीं दे पा रहे।” उन्होंने आरोप लगाया कि हादसे की वास्तविकता छिपाने के लिए मीडिया का सहारा लिया जा रहा है।

भगदड़ से टूटी परंपरा, सरकार चुप!

यादव ने दावा किया कि महाकुंभ में भगदड़ के चलते संतों का मुहूर्त स्नान भी प्रभावित हुआ, लेकिन सरकार ने इस पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनकी बात गलत है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में इस पर जवाब देना चाहिए।

“सरकार प्रचार में व्यस्त, इंतजाम नदारद”

सपा प्रमुख ने कहा कि जहां बेहतर व्यवस्थाओं की जरूरत थी, वहां केवल प्रचार किया गया। उन्होंने कहा, “धार्मिक समागम में सरकार का प्रचार करना निंदनीय है।”

“महाकुंभ का सच छिपाने वालों पर हो कार्रवाई”

अखिलेश ने सरकार से मांग की कि जो लोग मृतकों के आंकड़े छिपा रहे हैं, उन पर घोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अगर सरकार को अपराध बोध नहीं है, तो आंकड़े छिपाने की जरूरत क्यों पड़ी?”

“वाराणसी को क्योटो बनाने का दावा खोखला”

उत्तर प्रदेश में अधूरी योजनाओं पर बोलते हुए यादव ने वाराणसी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र को जापान के क्योटो की तरह विकसित करने का दावा किया गया था, लेकिन अब तक वहां मेट्रो भी शुरू नहीं हो सकी।

“चीन पर चुप्पी क्यों?”

सीमा विवाद को लेकर भी अखिलेश ने सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “अगर कुंभ पर सच्ची खबरें दिखाने वालों पर एफआईआर हो सकती है, तो चीन पर ‘गलत’ खबरें दिखाने वाले मीडिया संस्थानों पर कार्रवाई क्यों नहीं?”

अखिलेश यादव की सरकार से जवाब की मांग

अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार से मांग की कि महाकुंभ भगदड़ से जुड़े सभी आंकड़े—मृतकों, घायलों, इलाज, भोजन और परिवहन की स्थिति—संसद में पेश किए जाएं। उन्होंने दोहराया कि यदि सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो उसे पारदर्शिता दिखानी चाहिए।

The Bharat Headlines की नज़र इस पूरे मामले पर बनी हुई है।

Exit mobile version