Anurag Kashyap Controversy | चर्चित फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप एक बार फिर विवादों में हैं। हाल ही में फिल्म ‘फुले’ को लेकर उन्होंने ब्राह्मणों पर जो टिप्पणी की, उसने न केवल सनातन समाज को आहत किया बल्कि राष्ट्रवादी बुद्धिजीवियों के बीच गहरी नाराजगी पैदा कर दी।
अब इस पर गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मुंतशिर ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए अनुराग कश्यप को तीखे शब्दों में आड़े हाथों लिया।
अनुराग कश्यप ने ब्राह्मणों पर क्या कहा था? Anurag Kashyap Controversy
फिल्म ‘फुले’ को लेकर ब्राह्मण समाज की आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए अनुराग कश्यप ने कहा था:
मैं ब्राह्मणों पर मूतूंगा!
उनके इस बयान को लेकर ब्राह्मण समाज में आक्रोश है। लोग सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
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शब्दों पर कंट्रोल रखने की नसीहत
मनोज मुंतशिर ने वीडियो की शुरुआत में ही अनुराग कश्यप की बोलचाल की शैली और ज्ञान की सीमा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा:
“आमदनी कम हो तो खर्चों पर और जानकारी कम हो तो शब्दों पर कंट्रोल रखना जरूरी है। अनुराग कश्यप, तुम्हारी तो आमदनी भी कम है और जानकारी भी—इसलिए तुम दोनों पर कंट्रोल करो।”
ब्राह्मणों की विरासत को दूषित करने की कोशिश पर सख्त चेतावनी
अनुराग कश्यप के बेहूदा बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुंतशिर ने स्पष्ट कर दिया कि ब्राह्मणों की विरासत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा:
“तुम्हारे शरीर में इतना पानी नहीं है कि ब्राह्मणों की इंच भर लेगेसी को दूषित कर पाओ।”
ब्राह्मण महापुरुषों की तस्वीरें भेजने की बात कही
मनोज मुंतशिर ने अपनी बात को और आगे बढ़ाते हुए अनुराग कश्यप को चुनौती भरे लहजे में कहा कि वे उन्हें कुछ महान ब्राह्मणों की तस्वीरें भेजना चाहते हैं। उन्होंने कहा:
“तुमने ये इच्छा जाहिर कर ही दी है तो मैं कुछ तस्वीरें तुम्हारे घर भेजना चाहता हूं। फिर उन तस्वीरों को देखकर तुम खुद तय करो कि किस-किस ब्राह्मण पर तुम अपने शरीर का गंदा पानी फेंकना चाहते हो।”
इसके बाद उन्होंने उन ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महापुरुषों के नाम गिनाए, जिनमें शामिल थे:
“आचार्य चाणक्य, चंद्रशेखर आजाद, पेशवा बाजीराव, भगवान परशुराम, रामकृष्ण परमहंस, आदि गुरु शंकराचार्य, मंगल पांडे, अटल बिहारी वाजपेयी, तात्या टोपे, राजगुरु, रामधारी सिंह दिनकर, परमवीर चक्र विजेता कैप्टन मनोज पांडे, बाल गंगाधर तिलक, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य, पंडित भीमसेन जोशी, संगीत सम्राट तानसेन, लता मंगेशकर, रानी लक्ष्मीबाई, महाकवि कालिदास, गोस्वामी तुलसीदास…”
मनोज मुंतशिर ने दी खुली चुनौती
इस भावनात्मक अपील के बाद मुंतशिर ने अनुराग कश्यप को सीधे शब्दों में चुनौती दी। उन्होंने कहा:
“तुम्हारे जैसे हजारों नफरती शुरू होकर खत्म हो जाएंगे लेकिन ब्राह्मणों की गौरवशाली परंपरा खत्म नहीं होगी। मैं एक ब्राह्मण तुम्हें खुली चुनौती देता हूं – इस वीडियो के नीचे कमेंट करके मेरे गिनवाए गए 21 नामों में से कोई एक नाम चुनकर बता दो, तस्वीर भेजना मेरी जिम्मेदारी है।”
ब्राह्मणों को बताया भारतवर्ष का मस्तक
ब्राह्मण संस्कृति की भूमिका और उसके गौरव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा:
“ब्राह्मण भारतवर्ष का मस्तक है, और इस मस्तक पर चमकते भगवा तिलक पर सिर्फ ब्राह्मणों को नहीं, चारों वर्णों को अभिमान है।”
अनुराग कश्यप को ‘औकात में रहने’ की सलाह
अनुराग की भाषा शैली और विचारधारा पर निशाना साधते हुए मुंतशिर ने तीखी चेतावनी दी। उन्होंने कहा:
“अगर गुर्दे में इतना दम नहीं है कि अपनी बोली हुई बातों पर अटल रह पाओ तो याद रखो – रहने के लिए दुनिया में कई अच्छी जगहें हैं, लेकिन सबसे अच्छा यही है कि औकात में रहो।”
हिंदू समाज नहीं करेगा माफ
ब्राह्मणों की सहिष्णुता की बात करते हुए मुंतशिर ने कहा कि यदि वे क्षमा कर भी दें, तो हिंदू समाज ऐसे लोगों को माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा:
“ब्राह्मण तो शायद क्षमा भी कर दें, लेकिन हिंदु समाज तुम जैसे अपराधियों को, सनातन द्रोहियों को, देश को तोड़ने वाले और देश की अखंडता को खंडित करने वाले वामपंथियों को कभी क्षमा नहीं करेगा।”
बीमार बुद्धि के लिए हवन की सलाह
अनुराग कश्यप की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए मुंतशिर ने कहा:
“तुम बीमार हो, ईश्वर तुम्हें ठीक करे। जरूरत पड़ी तो 108 ब्राह्मण तुम्हारी बीमार बुद्धि के लिए हवन करेंगे।”
दिमागी इलाज के लिए चंदा देने की पेशकश
मनोज मुंतशिर ने तीखे व्यंग्य में कहा कि ब्राह्मण समाज जरूरत पड़ी तो उनके इलाज का खर्च भी उठाएगा। उन्होंने कहा:
“इलाज के लिए अगर चंदा चाहिए तो हम ब्राह्मण दान लेना भी जानते हैं और दान देना भी जानते हैं। तुम्हारे इलाज का खर्चा भी हम उठाएंगे।”
यह पूरा विवाद एक बार फिर इस बहस को जन्म देता है कि क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में सनातन और ब्राह्मण संस्कृति को अपमानित करने की छूट होनी चाहिए? मनोज मुंतशिर का जवाब न सिर्फ एक भावुक ब्राह्मण की प्रतिक्रिया है, बल्कि यह हिंदू समाज की सामूहिक चेतना का मुखर रूप भी बन चुका है।