MCD Bypoll Results | दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 12 वार्डों में हुए उपचुनाव के नतीजे राजधानी की राजनीति में नया संदेश लेकर आए हैं। इन नतीजों ने आम आदमी पार्टी को न सिर्फ़ बड़ी राहत दी, बल्कि राजनीतिक माहौल में यह संकेत भी दिया कि दिल्ली में जनता का रुझान एक बार फिर “काम की राजनीति” की ओर झुक रहा है।
उपचुनाव में भाजपा अपनी 9 में से सिर्फ 7 सीटें जीत पाई, जबकि आम आदमी पार्टी ने भारी दबाव और आरोपों के बीच अपनी 3 सीटें सुरक्षित रखीं। परिणामों के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज, वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया, विधानमंडल में नेता प्रतिपक्ष आतिशी और अन्य नेताओं ने जनता का आभार जताया और विजयी पार्षदों को बधाई दी।
MCD Bypoll Results पर केजरीवाल की प्रतिक्रिया
नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर लिखा कि आम आदमी पार्टी ने इस बार “समर्पित और जमीनी कार्यकर्ताओं” को चुनाव मैदान में उतारा, और दिल्ली की जनता ने इस फैसले पर सकारात्मक मुहर लगाई। उन्होंने कहा-
“दिल्ली की जनता ने अपने जनादेश से ये साफ कर दिया है कि दिल्ली का जनसमर्थन लगातार आम आदमी पार्टी की तरफ मज़बूत हो रहा है। सिर्फ़ 10 महीनों में ही जनता का विश्वास एक बार फिर तेज़ी से आम आदमी पार्टी की ओर लौट रहा है। दिल्ली बहुत जल्द वापस सकारात्मक राजनीति और अच्छे कामों की तरफ लौट रही है।”
केजरीवाल के इस बयान को पार्टी के भीतर नई ऊर्जा के रूप में देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब भाजपा लगातार एमसीडी में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
आतिशी का चुनाव आयोग पर सवाल
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने अशोक विहार वार्ड में हुए नतीजों को “जनादेश की चोरी” बताया।
उन्होंने एक स्क्रीनशॉट साझा करते हुए आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर पहले यह वार्ड आम आदमी पार्टी के नाम दिखाया गया, लेकिन बाद में “रीकाउंटिंग” के नाम पर परिणाम बदल दिए गए। आतिशी ने कहा-
“अशोक विहार वार्ड में लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ हुआ। वेबसाइट पर साफ लिखा था कि आम आदमी पार्टी जीती। लेकिन अब अचानक ‘रिकाउंटिंग’ के नाम पर नतीजे पलट दिए गए। भाजपा दिल्ली की जनता का जनादेश चुराने की हर कोशिश कर रही है।”
इस आरोप के बाद राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है, और पार्टी चुनाव आयोग से इस मामले में पारदर्शिता की मांग कर रही है।
अनुराग ढांडा का दावा: “एक साल से भी कम समय में जनता ने भाजपा को नकारना शुरू कर दिया”
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने लिखा कि उपचुनाव के नतीजे भाजपा के लिए चेतावनी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की एमसीडी सीटें 9 से घटकर 6 रह गईं, और अशोक विहार की सीट भी “रीकाउंटिंग के फर्जीवाड़े” से मिली। ढांडा ने कहा-
“दिल्ली के लोगों ने एक साल से भी कम समय में ही भाजपा सरकार को नकारना शुरू कर दिया है।”
दुर्गेश पाठक: “दिल्ली की जनता ने एक बार फिर काम की राजनीति को चुना”
एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने इन परिणामों को “ईमानदार राजनीति की जीत” बताया। उन्होंने कहा कि मुंडका से अनिल जी, नारायणा से राजन अरोड़ा और दक्षिणपुरी से राम स्वरूप कनोजिया को मिले भारी समर्थन से साफ है कि दिल्ली की जनता काम करने वाले नेतृत्व को ही पसंद करती है।
उन्होंने लिखा-
“दिल्ली की देवतुल्य जनता ने यह साबित कर दिया कि ईमानदार काम, साफ नीयत और जनता की सेवा ही असली राजनीति है।”
अंकुश नारंग: “यह सिर्फ एक चुनाव नहीं, जनता का विश्वास है”
एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने भी इसे भाजपा की “अहंकार वाली राजनीति” पर जनता का करारा जवाब बताया। उन्होंने कहा-
“ये सिर्फ एक चुनाव नहीं, जनता का विश्वास और भाजपा की भ्रष्ट राजनीति पर जनमानस की जीत है। दिल्ली की जनता ने साफ संदेश दिया है—काम पर वोट मिलेगा, अहंकार पर नहीं।”
क्या दिल्ली में हवा बदल रही है?
एमसीडी उपचुनाव के नतीजे भले सीमित हों, पर उनका राजनीतिक असर बड़ा माना जा रहा है।
- भाजपा की सीटों में गिरावट
- आम आदमी पार्टी द्वारा अपने मजबूत क्षेत्रों को बचा लेना
- अशोक विहार वार्ड को लेकर बढ़ा विवाद
- और जनता का “काम की राजनीति” पर भरोसा
ये सभी संकेत आने वाले महीनों में दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
आम आदमी पार्टी इन नतीजों को 2025 के राजनीतिक कैलेंडर की बड़ी जीत के रूप में पेश कर रही है, जबकि भाजपा के लिए ये नतीजे आत्ममंथन की मांग करते दिख रहे हैं।

