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मोहम्मद शमी 34 साल की उम्र में भी कैसे रहते हैं फिट?

Mohammad Shami, Indian fast bowler, pictured in his cricket kit with a focused expression, highlighting his strict one-meal-a-day routine and inspiring fitness journey post-injury.

टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी अपनी घातक स्विंग और धारदार गेंदबाजी के लिए मशहूर हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 34 साल की उम्र में भी उनकी फिटनेस का राज क्या है? यह कोई महंगी डाइट या जटिल एक्सरसाइज नहीं, बल्कि अनुशासन और इच्छाशक्ति का नतीजा है।

मोहम्मद शमी ने बताया अपना फिटनेस सीक्रेट

स्टार स्पोर्ट्स पर नवजोत सिंह सिद्धू के साथ बातचीत में शमी ने अपनी फिटनेस का राज साझा किया। उन्होंने बताया:

“2015 के बाद से मैं दिन में केवल एक बार भोजन करता हूं। मैं सिर्फ रात का खाना खाता हूं—ना नाश्ता, ना दोपहर का भोजन।”

शमी के अनुसार, शुरू में यह काफी मुश्किल था, लेकिन आदत बनने के बाद अब यह आसान लगता है।

चोट से वापसी की प्रेरक कहानी

शमी ने वनडे विश्व कप 2023 के फाइनल के बाद 14 महीने तक क्रिकेट से दूरी बनाए रखी थी। इस दौरान उन्हें टखने की गंभीर चोट से जूझना पड़ा और सर्जरी करानी पड़ी। इस कठिन दौर में उनका वजन 90 किलो तक पहुंच गया था, लेकिन उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें दोबारा अपने फिटनेस स्तर तक पहुंचा दिया।

“रिहैबिलिटेशन के दौरान मैंने लगभग नौ किलो वजन कम किया। यह आसान नहीं था, लेकिन मैंने खुद को पूरी तरह फिटनेस पर फोकस कर लिया।”

स्वादिष्ट खाने की लालसा नहीं!

शमी के अनुसार, वह फिटनेस के प्रति इतने समर्पित हैं कि स्वादिष्ट व्यंजनों की कभी लालसा नहीं रखते।

“मेरी सबसे अच्छी आदत यही है कि मैं मिठाइयों से हमेशा दूरी बनाए रखता हूं।”

यह एक ऐसी बात है जो किसी भी फिटनेस एंथुज़ियास्ट के लिए प्रेरणा बन सकती है।

मैदान पर वापसी और धमाकेदार प्रदर्शन

लंबे ब्रेक के बाद जब शमी ने वापसी की, तो उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी में बांग्लादेश के खिलाफ पांच विकेट लेकर दिखा दिया कि वह अब भी भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के सबसे घातक हथियारों में से एक हैं। उन्होंने वनडे क्रिकेट में सबसे कम मैचों में 200 विकेट लेने का भारतीय रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।

शमी से क्या सीख सकते हैं?

  1. अनुशासन ही सफलता की कुंजी है – सही डाइट और फिटनेस रूटीन का पालन करें।
  2. इच्छाशक्ति सबसे बड़ी ताकत है – शमी ने बिना किसी लालसा के अपने शरीर को अनुशासित रखा।
  3. चोट के बाद भी वापसी संभव है – सही डेडिकेशन और मेहनत से आप किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।

क्या क्रिकेटर्स के लिए यह डाइट सही है?

एक क्रिकेटर का दिनभर का कार्यक्रम बेहद कठिन होता है। ऐसे में एक बार भोजन करना हर किसी के लिए संभव नहीं है। लेकिन शमी की कहानी इस बात का उदाहरण है कि सही माइंडसेट और डेडिकेशन से कुछ भी संभव है।

अब सवाल उठता है—क्या आप भी अपनी फिटनेस के लिए इतनी सख्त डाइट अपना सकते हैं? 😃

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