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नोएडा में ‘फिल्मी स्टाइल’ में फरार हुआ बदमाश, आठ घंटे बाद दिल्ली से गिरफ्तार!

A dramatic police chase in Noida: Officers tracking an injured fugitive who escaped from hospital custody, later captured in Delhi after an 8-hour manhunt.

नोएडा में मंगलवार को एक ऐसा घटनाक्रम हुआ, जो किसी बॉलीवुड फिल्म की कहानी जैसा लग सकता है। मुठभेड़ में घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती एक कुख्यात बदमाश पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के चलते उसे महज आठ घंटे में दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया।

कैसे हुई पूरी घटना?

नोएडा पुलिस के मुताबिक, थाना फेस-1 पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान दो कुख्यात लुटेरों श्याम कुमार और समीर अली को गिरफ्तार किया था। इस मुठभेड़ में पुलिस की गोली श्याम कुमार के पैर में लगी थी, जिसके बाद उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

अस्पताल में उसकी सुरक्षा के लिए तीन दरोगा – विवेक कुशवाहा, भूपेंद्र चौधरी और सुनील, समेत कई पुलिसकर्मी तैनात थे। इसके बावजूद श्याम कुमार किसी तरह पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया।

पुलिस की सख्त कार्रवाई और जांच शुरू

बदमाश के फरार होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। नोएडा पुलिस ने तुरंत कई टीमों का गठन किया और शहर भर में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया।

फरार बदमाश दिल्ली से गिरफ्तार

जांच में पता चला कि श्याम कुमार फरार होने के बाद सीधे दिल्ली में रहने वाली अपनी बहन के घर पहुंचा था। वहां उसने कपड़े बदले और आगे भागने की योजना बना ही रहा था कि पुलिस वहां पहुंच गई। इससे पहले कि वह फिर से भागने की कोशिश करता, पुलिस ने उसे धर दबोचा।

लापरवाही पर होगी कार्रवाई

इस सनसनीखेज घटना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। अपर पुलिस उपायुक्त सुमित कुमार शुक्ला ने बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। यह भी जांच की जा रही है कि बदमाश के फरार होने में किसी की मिलीभगत तो नहीं थी।

सवाल खड़े करती है यह घटना!

यह घटना पुलिस की सतर्कता पर कई सवाल खड़े करती है—

  1. घायल बदमाश इतने कड़े पहरे के बावजूद भागने में कैसे कामयाब हुआ?
  2. क्या सुरक्षा में कोई बड़ी चूक हुई थी?
  3. तैनात पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध है या सिर्फ लापरवाही का मामला है?

हालांकि, नोएडा पुलिस की तेज़ कार्रवाई से एक बड़ा संकट टल गया, लेकिन यह घटना भविष्य में ऐसी लापरवाहियों से बचने के लिए एक बड़ा सबक भी है।

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