पानीपत मार्केट में जेबकतरों का आतंक: बुजुर्ग महिला का पर्स और मोबाइल चोरी

पानीपत। शहर के बाजारों में जेबकतरों की बढ़ती घटनाओं से लोग परेशान हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन का रवैया इन मामलों को और भी गंभीर बना रहा है। हाल ही में नोएडा निवासी एक बुजुर्ग महिला सावित्री देवी का पर्स और मोबाइल चोरी हो गया, लेकिन पुलिस ने इसे चोरी मानने के बजाय गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की। इस घटना ने न केवल पीड़िता, बल्कि बाजार के अन्य लोगों में भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


क्या है पूरा मामला?

नोएडा निवासी सावित्री देवी पानीपत के एक भीड़भाड़ वाले बाजार में खरीदारी कर रही थीं। इस दौरान अज्ञात जेबकतरों ने उनके हैंडबैग को ब्लेड से काटकर उनका पर्स और मोबाइल चुरा लिया। पर्स में 5 हजार रुपये नकद, आधार कार्ड, पैन कार्ड, और एक इनफिनिक्स नोट 40 मोबाइल था।

घटना के तुरंत बाद सावित्री देवी ने पानीपत सिटी थाने में जाकर शिकायत दर्ज करानी चाही। लेकिन पुलिस ने इसे चोरी का मामला मानने से इनकार कर दिया और शिकायत को ‘गुमशुदगी’ के रूप में दर्ज किया।


पुलिस का ढुलमुल रवैया

पीड़िता ने पुलिस से मदद की उम्मीद की थी, लेकिन शिकायत दर्ज कराने में ही उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पुलिस ने कहा कि पर्स और मोबाइल चोरी होने के बजाय “गुम” हो गए होंगे। इस बयान ने पीड़िता को और अधिक असहाय महसूस कराया।

पुलिस का यह रवैया कई सवाल खड़े करता है:

  1. क्या पुलिस बाजार में बढ़ते जेबकतरों की घटनाओं को गंभीरता से ले रही है?
  2. गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कर क्या पुलिस इस मामले को हलके में नहीं ले रही है?
  3. क्या पीड़िता को न्याय मिलेगा?

पीड़िता ने क्या कहा?

सावित्री देवी ने बताया कि उनके पर्स में नकदी के साथ-साथ उनके महत्वपूर्ण दस्तावेज भी थे, जिनके गुम होने से उनकी व्यक्तिगत और आर्थिक सुरक्षा पर असर पड़ा है। पीड़िता ने कहा-

“मैंने पुलिस से मदद की उम्मीद की थी, लेकिन वे चोरी की बात मानने को तैयार ही नहीं थे। मुझे नहीं पता कि मेरा सामान वापस मिलेगा या नहीं”


क्या पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभा रही है?

पुलिस का गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करना यह दर्शाता है कि वह चोरी की घटनाओं को गंभीरता से लेने के बजाय उन्हें टालने की कोशिश कर रही है। ऐसे में सवाल उठता है:

  • क्या पुलिस पीड़िता के साथ न्याय कर पाएगी?
  • क्या यह रवैया अपराधियों को और अधिक सक्रिय नहीं करेगा?

क्या पीड़िता को न्याय मिलेगा?

पानीपत के बाजारों में जेबकतरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। लेकिन पुलिस का ढुलमुल रवैया इस समस्या को और गंभीर बना रहा है। गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कर पुलिस ने इस मामले को हलके में लिया है, जिससे पीड़िता को न्याय मिलने की संभावना कम लगती है।

पुलिस प्रशासन को चाहिए कि वह बाजारों में सुरक्षा बढ़ाए, जेबकतरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और पीड़ितों को उचित मदद मुहैया कराए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो पानीपत के बाजार असुरक्षित होते जाएंगे और अपराधियों के हौसले बुलंद रहेंगे।

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