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विज़न 2047, बांग्लादेश को संदेश…लाल किले से PM Modi के भाषण की 10 बड़ी बातें

Narendra Modi at Red Fort

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को लाल किले से संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने देश के सामने साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के संकल्प को दोहराया। साथ ही पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रम पर भी चिंता जताई।

आइए जानते हैं पीएम मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में कौन सी 10 बड़ी बातें कहीं.

  1. भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई ईमानदारी के साथ जारी रहेगी, तीव्र गति से जारी रहेगी और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई जरूर होगी। मैं उनके लिए भय का वातावरण पैदा करना चाहता हूं। देश के सामान्य नागरिक को लूटने की जो परंपरा बनी है उस परंपरा को मुझे रोकना है।
  2. हमने तय किया है कि अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी।
  3. हिंदुस्तान का सपना है कि 2036 में जो ओलंपिक हों, वह हिंदुस्तान की धरती पर हों। उसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं, आगे बढ़ रहे हैं।
  4. भारत के पास वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने का एक सुनहरा अवसर है, और राज्य सरकारों को निवेश आकर्षित करने के लिए नीतियां बनानी चाहिए।
  5. हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। यह समय की मांग है।
  6. हमें यह देखकर गर्व हो रहा है कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। जब महिलाएं आत्मनिर्भर हो जाती हैं तो वे परिवार के निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेती हैं और यह महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन सुनिश्चित करेगा।
  7. बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
  8. हमने बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए बड़े सुधार किए। आज सुधारों की वजह से हमारे बैंक वैश्विक स्तर पर कुछ मजबूत बैंकों में शामिल हैं।
  9. हम जो कुछ भी करते हैं वह राजनीतिक गुण-भाग के बारे में सोचकर नहीं करते…. ‘राष्ट्र हित सर्वोपरि’, हमारा राष्ट्र महान बने, हम इस संकल्प को लेकर कदम उठाते हैं।
  10. समाज की मांग है कि देश में एक सेक्यूलर सिविल कोड (Uniform Civil Code) होना चाहिए। हमने कम्यूनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सिविल कोड की तरफ जाना होगा और तब जाकर के जो भेदभाव हो रहे हैं, उससे हमें मुक्ति मिलेगी।
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