प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) को भारत आने का निमंत्रण दिया है। पीएम मोदी ने एक मार्च को उन्हें पत्र लिखकर यह न्योता भेजा।
सुनीता विलियम्स अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर नौ महीने बिताने के बाद बुधवार को पृथ्वी पर लौटने वाली हैं। प्रधानमंत्री का पत्र नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो के जरिए उन्हें भेजा गया। इस पत्र को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा किया।
भारत के दिल के करीब हैं सुनीता विलियम्स
प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में लिखा-
“भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन आप हमारे दिलों के करीब हैं। भारत के लोग आपके अच्छे स्वास्थ्य और मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।आपकी वापसी के बाद हम भारत में आपसे मिलने को उत्सुक हैं। भारत के लिए अपनी सबसे प्रतिभाशाली बेटियों में से एक की मेजबानी करना सम्मान की बात होगी।”
पुरानी यादों का जिक्र
मोदी ने अपने पत्र में 2016 की अमेरिका यात्रा का जिक्र किया, जब उनकी मुलाकात सुनीता विलियम्स और उनके दिवंगत पिता दीपक पंड्या से हुई थी। उन्होंने बताया कि हाल ही में नई दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो से मुलाकात के दौरान सुनीता विलियम्स पर चर्चा हुई थी। मोदी ने लिखा-
“हमारी बातचीत में आपका नाम आया और हमने चर्चा की कि हमें आप पर और आपके काम पर कितना गर्व है। इसके बाद मैं खुद को आपको पत्र लिखने से नहीं रोक सका.”
उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका यात्रा के दौरान उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन से मुलाकात के समय भी विलियम्स की कुशलक्षेम पूछी थी।
भारत को सुनीता विलियम्स पर गर्व
पीएम मोदी ने पत्र में लिखा कि 1.4 अरब भारतीयों को सुनीता विलियम्स की उपलब्धियों पर गर्व है। उन्होंने कहा-
“हाल के घटनाक्रमों ने एक बार फिर आपके प्रेरणादायी धैर्य और दृढ़ता को दर्शाया है।”
प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि सुनीता की मां बोनी पंड्या उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रही होंगी। उन्होंने भरोसा जताया कि उनके दिवंगत पिता दीपक पंड्या का आशीर्वाद भी हमेशा उनके साथ रहेगा।
मोदी ने पत्र के अंत में सुनीता विलियम्स के पति माइकल विलियम्स को भी शुभकामनाएं भेजीं।
कौन हैं सुनीता विलियम्स? (Who is Sunita Williams ?)
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के ओहायो में हुआ था। उनके पिता दीपक पंड्या भारतीय मूल के थे और अमेरिका में वैज्ञानिक के तौर पर कार्यरत थे। उनकी मां बोनी पंड्या स्लोवेनियाई मूल की हैं।
सुनीता बचपन से ही विज्ञान और उड़ान में रुचि रखती थीं। उन्होंने अमेरिका की नेवल एकेडमी से ग्रेजुएशन किया और नौसेना में हेलिकॉप्टर पायलट बनीं। बाद में नासा ने उन्हें अंतरिक्ष मिशनों के लिए चुना।
सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष सफर
1. पहली उड़ान (STS-116 मिशन) – 2006
- सुनीता विलियम्स पहली बार 9 दिसंबर 2006 को स्पेस शटल डिस्कवरी के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) गईं।
- इस मिशन के दौरान उन्होंने 195 दिन बिताए और अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिला बनने का रिकॉर्ड बनाया।
2. दूसरी उड़ान (Expedition 32/33) – 2012
- दूसरी बार 15 जुलाई 2012 को सोयुज TMA-05M अंतरिक्ष यान से ISS के लिए रवाना हुईं।
- इस मिशन में उन्होंने कुल 127 दिन बिताए और अंतरिक्ष में वॉक करने का भी नया रिकॉर्ड बनाया।
3. तीसरी उड़ान (Boeing Starliner-1) – 2024
- सुनीता विलियम्स तीसरी बार नासा के Boeing Starliner-1 मिशन के तहत अंतरिक्ष में गईं।
- इस मिशन में उन्होंने नौ महीने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताए।
सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में बनाए कई रिकॉर्ड
- अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने वाली महिला
- स्पेसवॉक (अंतरिक्ष में चहलकदमी) करने वाली पहली महिला भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री
- नासा के कई मिशनों का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय मूल की महिला
भारत से गहरा नाता
सुनीता विलियम्स भारत को लेकर हमेशा खास लगाव रखती हैं। उन्होंने अपने अंतरिक्ष मिशनों में गीता और भगवान गणेश की मूर्ति भी साथ रखी थी। उनका कहना है-
“मुझे अपनी भारतीय जड़ों पर गर्व है। जब भी मौका मिलेगा, मैं भारत जरूर जाऊंगी।”
क्या सुनीता विलियम्स भारत आएंगी?
प्रधानमंत्री मोदी के इस पत्र के बाद उम्मीद की जा रही है कि सुनीता विलियम्स जल्द ही भारत का दौरा कर सकती हैं। अगर वह आती हैं, तो यह भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और युवा वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणादायक होगा।
सुनीता विलियम्स सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्री ही नहीं, बल्कि एक प्रेरणा हैं। उनके कठिन परिश्रम, समर्पण और विज्ञान के प्रति जुनून ने उन्हें एक अलग मुकाम तक पहुंचाया है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उन्हें भारत आने का न्योता देना इस बात का प्रतीक है कि भारत उनके योगदान और उपलब्धियों को कितना महत्व देता है। अगर सुनीता भारत आती हैं, तो यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा।