उत्तर प्रदेश के कानपुर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने चोरी किए जेवरात बरामद किए जाने के बाद उन्हें पिघलाकर जौहरी को बेच दिया। इस मामले में एक थाना प्रभारी और प्रशिक्षु दरोगा समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
अपर पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) हरीश चंदर ने इस मामले की पूरी जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि बर्रा थाना क्षेत्र में एक अक्टूबर को अध्यापिका शालिनी दुबे के घर में घुसे चोरों ने सोने के आभूषण समेत कीमती सामान चुरा लिया था। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
चोर पकड़े, माल बरामद हुआ और फिर…
अपर पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) हरीश चंदर ने बताया कि कुछ दिन पहले ही संदेह के आधार पर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। चंदर ने बताया-
‘‘पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि अध्यापिका के घर में चोरी के मामले में उन्हें रेल बाजार थाने की पुलिस ने हिरासत में लिया था। इस दौरान उन्होंने अपना अपराध कुबूल करते हुए पुलिस को उस जौहरी के बारे में भी बताया था, जिसे उन्होंने लूटा हुआ सोना बेचा था।’’
अपर पुलिस आयुक्त के अनुसार, ‘‘जांच में पता चला कि रेल बाजार थाने के पुलिसकर्मियों ने बताये गये जौहरी को बुलाया था, जिसने अपना अपराध कुबूल करते हुए पुलिस को करीब 25 लाख रुपये का सोना लौटा दिया। जौहरी ने उसके खिलाफ मामला दर्ज न करने का अनुरोध किया था।’’
पिघलाकर बेच दिए बरामद आभूषण
पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि रेल बाजार थाने पर पदस्थ पुलिसकर्मियों ने चोरों की निशानदेही पर जौहरी से बरामद किए गए आभूषणों को पिघलाकर दूसरे जौहरी को बेच दिया। उन्होंने बताया-
‘‘आरोपी पुलिसकर्मियों ने गहनों को पिघलाकर शुद्ध सोना निकाला और बाद में उसे दूसरे जौहरी को बेच दिया। इन गंभीर आरोपों की जांच के लिये एक टीम गठित की गयी थी। जांच में पुलिसकर्मियों को अवैध रूप से सोना बेचने और कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया।’’
चंदर के मुताबिक इस आधार पर रेल बाजार थाने के प्रभारी विजय दर्शन शर्मा, प्रशिक्षु दारोगा नवीन श्रीवास्तव, हेड कांस्टेबल सुभाष तिवारी और आमिल हफीज को सोमवार को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।