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बिहार की सियासत गरमाई: प्रशांत किशोर का नीतीश कुमार पर बड़ा हमला

Prashant Kishor addressing the media, criticizing Bihar CM Nitish Kumar, calling him 'physically exhausted and mentally retired,' ahead of the Bihar Assembly elections.

बिहार की राजनीति में चुनावी सरगर्मी बढ़ने लगी है। इस बीच राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री को “शारीरिक रूप से थका हुआ और मानसिक रूप से सेवानिवृत्त” करार दिया और दावा किया कि इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में जद(यू) एक भी सीट नहीं जीत पाएगी।

प्रशांत किशोर का सीधा वार: ‘नीतीश कुमार अब थक चुके हैं’

बिहार की सत्ता में लंबे समय से बने रहने वाले नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा-

“नीतीश कुमार केवल पाला बदलकर सत्ता की कुर्सी पर बने रहने में कामयाब रहे हैं। जनता अब बदलाव चाहती है।”

उन्होंने जद(यू) के खिलाफ अभियान चलाने का ऐलान किया और जनता से अपील की कि वे इस बार ऐसा वोट करें कि जद(यू) का पूरी तरह सफाया हो जाए।

जन सुराज पार्टी की चुनावी तैयारी

प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी जन सुराज पार्टी को आगामी चुनाव में मजबूत विकल्प के रूप में पेश करने की कोशिश की। उन्होंने घोषणा की कि 11 अप्रैल को पटना में एक विशाल ‘बदलो बिहार रैली’ आयोजित की जाएगी, जिसमें भारी भीड़ जुटने का दावा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “यह रैली भीड़ के मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी।”

हालांकि, उन्होंने आशंका जताई कि “सत्तारूढ़ सरकार इस रैली को अनुमति देने से इनकार कर सकती है, क्योंकि वे डर गए हैं।”

भाजपा और जद(यू) के रिश्तों पर सवाल

प्रशांत किशोर ने भाजपा पर भी हमला बोलते हुए कहा कि “भाजपा केवल नीतीश कुमार को मुखौटे के रूप में इस्तेमाल कर रही है और सत्ता का आनंद ले रही है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हाल ही में किया गया मंत्रिमंडल विस्तार चुनावी लाभ के लिए किया गया था, ताकि कुछ जातियों को खुश किया जा सके।

‘नीतीश कुमार अगर मानसिक रूप से फिट हैं, तो साबित करें’

प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की हालिया टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी। जब निशांत ने कहा कि उनके पिता “सौ प्रतिशत फिट हैं और उन्हें एक और कार्यकाल मिलना चाहिए”, तो किशोर ने चुनौती देते हुए कहा-

“अगर नीतीश कुमार मानसिक रूप से पूरी तरह फिट हैं, तो बिना कागज देखे अपने मंत्रियों के नाम गिना दें। अगर वह ऐसा कर पाए, तो मैं अपनी राजनीति छोड़ दूंगा और उनके लिए काम करना शुरू कर दूंगा।”

क्या बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव आने वाला है?

प्रशांत किशोर के इस हमले के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।

बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाले हैं। अब यह देखना होगा कि जनता किसके दावे पर भरोसा करती है – नीतीश कुमार की सत्ता, भाजपा का गठबंधन, या प्रशांत किशोर की नई राजनीति? 🚀

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