RCB vs MI | वानखेड़े स्टेडियम में सोमवार रात क्रिकेट नहीं, टी20 महायुद्ध खेला गया। हर बॉल पर पलटती तस्वीरें, हर ओवर में उठते-गिरते ग्राफ और आख़िर तक टिकी सांसें।
RCB ने 221 रन बनाए और MI को 12 रन से हराकर न सिर्फ मैच जीता, बल्कि 10 साल पुराना अभिशाप तोड़ा। मुंबई की सरज़मीं पर ये जीत सिर्फ आंकड़ा नहीं, ऐलान है – कि इस बार RCB आई है लड़ने, और जीतने!
RCB की बैटिंग – कोहली का क्लास, पाटीदार का पावर
टॉस जीतकर जब RCB ने बल्लेबाज़ी चुनी, तो शुरुआत में सब कुछ सामान्य लगा। लेकिन फिर मैदान पर उतरे विराट कोहली – और बल्ला ऐसे चला जैसे पुराना सुपरस्टार रीलोड हो गया हो।
- 42 गेंदों में 67 रन
- क्लासिक ड्राइव्स, कवर से उठा कर मारे गए चौके
- और फिर… T20 क्रिकेट में 13,000 रन पूरे करने वाले पहले भारतीय बन गए।
अब जब कोहली सेट हो गए, तो पाटीदार ने गियर बदल दिया।
रजत पटीदार, जो इस मैच में कप्तान भी थे, मैदान पर आए और फिर बॉलर MI के हों या वर्ल्ड XI के – कोई नहीं बचा।
- 32 गेंदों में 64 रन
- विकेट के चारों तरफ शॉट्स
- डेथ ओवर्स में strike rate over 200
और फिर आया तूफान – जितेश शर्मा।
19 गेंदों में 40 रन… मतलब आखिरी के ओवर्स में fireworks की बरसात।
MI के गेंदबाज़ों की हालत कुछ यूं हो गई: बॉल डालो, बाउंड्री लो।
MI की बैटिंग – तिलक-हार्दिक का हल्ला बोल, पर RCB ने मारी बाज़ी
मुंबई इंडियंस को 222 का टारगेट मिला – वानखेड़े की पिच पर मुमकिन था। और जब तिलक वर्मा ने 29 गेंदों में 56 रन जड़ दिए, तो लगने लगा कि मुमकिन से भी ज़्यादा कुछ हो सकता है।
फिर आए हार्दिक पंड्या – और उनका बल्ला आग उगलने लगा।
- 15 गेंदों में 42 रन
- तीन छक्के, चार चौके
- स्ट्राइक रेट 280+
- और तिलक के साथ 89 रन की धमाकेदार साझेदारी
RCB की हार पक्की लग रही थी… लेकिन कहानी में ट्विस्ट अभी बाकी था।
डेथ ओवर्स की चुप्पी – जब गेंदबाज़ बने हीरो
MI को आखिरी 5 ओवर में सिर्फ 50 चाहिए थे और 7 विकेट बचे थे। लेकिन RCB के गेंदबाज़ों ने दिल, दिमाग और धैर्य – तीनों की परीक्षा पास की।
- क्रुणाल पांड्या ने 4 विकेट लिए – और अंतिम ओवर में सिर्फ 9 रन दिए, जबकि सामने खड़े थे सेट बल्लेबाज़।
- जोश हेजलवुड ने टॉप ऑर्डर को झकझोरा, 2 विकेट लिए।
- यश दयाल ने सबसे अहम विकेट – रोहित शर्मा और सूर्यकुमार यादव – दोनों को सस्ते में निपटाकर MI की रीढ़ तोड़ दी।
MI 209/9 तक पहुंची, पर जीत से 12 रन पीछे रह गई।
मैच के बाद क्या बोले RCB कप्तान?
मुंबई पर रोमांचक जीत दर्ज कराने के बाद आरसीबी के कप्तान रजत पाटीदार ने कहाः
“ये वाकई एक शानदार और बेहद कठिन मुकाबला था। लेकिन मैं अपने गेंदबाज़ों पर गर्व महसूस कर रहा हूं कि उन्होंने दबाव में भी होश नहीं खोया। इस जीत का असली श्रेय पूरी गेंदबाज़ी यूनिट है। वानखेड़े जैसे मैदान पर किसी स्कोर का बचाव करना आसान नहीं होता, लेकिन जिस तरह हमारे बॉलर्स ने खासकर डेथ ओवर्स में प्लान को अंजाम दिया—वो काबिले-तारीफ था। खास तौर पर क्रुणाल पांड्या का जिक्र करना चाहूंगा, जिसने इतना दबाव होने के बावजूद आखिरी ओवर में शानदार बॉलिंग की। इससे टीम की हिम्मत और आत्मविश्वास झलकता है।
टाइम-आउट के दौरान हमारी रणनीति साफ़ थी—मैच को आखिरी ओवर्स तक ले जाना और KP का एक ओवर अंत के लिए बचाकर रखना। और ये बिल्कुल सही साबित हुआ।
पिच एकदम वैसी ही थी जैसी मुंबई में होती है—अच्छा बाउंस और बल्लेबाज़ों के लिए मददगार। हार्दिक का ओवर खत्म होने के बाद मुझे लगा कि अब गियर बदलने और अटैक करने का वक्त है। इस फॉर्मेट में रिस्ट-स्पिनर्स का रोल बहुत अहम होता है। सुयश ने शानदार गेंदबाज़ी की, खासकर छोटे साइड से—वो एक विकेट टेकर है और उसने बहुत अच्छा नियंत्रण दिखाया।
मेरी व्यक्तिगत सोच यही थी कि मैच में असरदार भूमिका निभाऊं—बॉलर्स पर प्रेशर बनाऊं और रनरेट को आगे बढ़ाऊं। खुश हूं कि आज सबकुछ वैसा ही हुआ जैसा मैंने सोचा था।”
मुंबई की हार पर क्या बोले कप्तान हार्दिक पंड्या?
शानदार पारी और अंत तक लड़ाई के बावजूद मुंबई को हार का सामना करना पड़ा। इस हार पर मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पंड्या ने कहाः
“ये हाई-स्कोरिंग मैच था, और हम बस दो शॉट दूर रह गए। इससे ज़्यादा कहने को कुछ नहीं है। पिच एकदम सपाट थी, गेंदबाज़ों के लिए काफी मुश्किल। उन्हें ज़्यादा दोष नहीं दे सकते—अगर बल्लेबाज़ गेंद से कनेक्ट कर लें, तो रोकना नामुमकिन होता है। शायद हम 10-12 रन पीछे रह गए।
नमन को हमेशा ही नीचे बैटिंग करनी थी। पिछला मैच जब रोहित उपलब्ध नहीं थे, तब हमें बैटिंग ऑर्डर में बदलाव करना पड़ा। वो वर्सेटाइल प्लेयर हैं, और जब रोहित लौटे, तो नमन फिर अपनी पुरानी पोजिशन पर आ गया। आज वो शानदार खेला। लोग नहीं जानते, लेकिन पिछले मैच से पहले उसे एक तेज़ चोट लगी थी। तब हमने रणनीतिक तौर पर उसे ऊपर भेजा, लेकिन आज उसने असली क्लास दिखाई।
पावरप्ले किसी भी चेज़ में अहम होता है। हम उन शुरूआती ओवरों में फायदा नहीं उठा पाए और वहीं पीछे रह गए। RCB ने डेथ ओवर्स में ज़बरदस्त बॉलिंग की।
हम कभी हार नहीं मानते। हम पॉज़िटिव्स पर फोकस करते हैं, लड़ते रहते हैं, और नतीजे अपने आप आएंगे। हमें अपनी टीम पर भरोसा है।”
RCB vs MI मैच की 5 बड़ी बातें
- कोहली के 13,000 T20 रन – इतिहास रचा
- पाटीदार की कप्तानी में चेंज ऑफ गियर – आक्रामक सोच दिखी
- क्रुणाल पांड्या की डेथ ओवर बॉलिंग – पूरे मैच का टर्निंग पॉइंट
- हार्दिक-तिलक की साझेदारी – MI की उम्मीद जिंदा रखी
- RCB ने वानखेड़े में 10 साल बाद जीत दर्ज की
ये सिर्फ जीत नहीं, ऐलान था!
RCB ने वानखेड़े में सिर्फ मैच नहीं जीता, मनःस्थिति बदली है। MI को उनके गढ़ में हराना आसान नहीं होता। लेकिन आज क्लास, कूल माइंड और करेज – तीनों का कॉम्बिनेशन देखने को मिला।
यह एक Statement Victory थी। और अगर RCB ने इस फॉर्म को बनाए रखा, तो टूर्नामेंट में कोई भी टीम उन्हें हल्के में नहीं ले सकती।