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शाहिद अफरीदी का शर्मनाक बयान: “भारत खुद ही अपने लोगों को मरवाता है”

Shahid Afridi on Pahalgam Terror Attack

पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। अफरीदी ने हाल ही में एक बेहद आपत्तिजनक और घिनौना बयान दिया है, जिसमें उन्होंने भारत पर अपने ही नागरिकों को मरवाने का आरोप लगाया है। अफरीदी के इस बयान ने एक बार फिर से उनके भारत-विरोधी रवैये को उजागर कर दिया है।

Shahid Afridi ने पहलगाम पर क्या कहा?

शाहिद अफरीदी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहाः

पहलगाम में एक घंटे तक दहशतगर्द दहशतगर्दी करते रहे, लेकिन आठ लाख की फौज में से कोई वहां नहीं आया। जब आए तो 10 मिनट में ही पाकिस्तान पर इल्जाम लगा दिया। मुझे लगता है कि भारत खुद ही अपने लोगों को मरवाता है। भारत को इस तरह से नहीं करना चाहिए। दहशतगर्दी को कोई भी मुल्क या मजहब सपोर्ट नहीं करता। पाकिस्तान, हमारा दीन, हमारा इस्लाम हमेशा अमन की बात करता है।

इतना ही नहीं, अफरीदी ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा भारत के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि खेलों के जरिए डिप्लोमेसी (Sports Diplomacy) को बढ़ावा देना चाहिए। अफरीदी ने भारत पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहाः

भारत कबड्डी टीम को तो पाकिस्तान भेज देता है लेकिन क्रिकेट टीम को नहीं। बंद करना है तो पूरी तरह बंद करो और अगर चलाना है तो पूरी तरह चलने दो।

शाहिद अफरीदी के बयान पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?

शाहिद अफरीदी पहले भी कई बार भारत विरोधी बयान देते रहे हैं। खासतौर पर कश्मीर मुद्दे पर वह अक्सर भड़काऊ टिप्पणियां करते रहे हैं। इस बार भी उन्होंने बिना किसी प्रमाण के भारत पर अपने ही नागरिकों को नुकसान पहुँचाने का आरोप लगा दिया, जो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर न सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना है बल्कि बेहद आपत्तिजनक भी है।

अफरीदी के इस बयान पर भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स और क्रिकेट प्रेमियों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। कई लोगों ने इसे पाकिस्तान की पुरानी रणनीति का हिस्सा बताया है, जिसमें बिना सबूत भारत पर झूठे आरोप लगाए जाते हैं ताकि अपने देश की विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाया जा सके।

भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति

भारत हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाता रहा है। पुलवामा हमले से लेकर उरी हमले तक, भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ मजबूत सबूत पेश किए हैं। ऐसे में अफरीदी जैसे पूर्व खिलाड़ियों द्वारा इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान देना न केवल भारत की छवि पर हमला है, बल्कि यह पाकिस्तान की अपनी असफलताओं को छुपाने का एक प्रयास भी प्रतीत होता है।

अफरीदी का दोगलापन

अफरीदी अपने बयान में एक तरफ अमन और शांति की बातें करते हैं, वहीं दूसरी तरफ भारत पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हैं। यह दोहरा रवैया उनके बयानों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है। यदि अफरीदी सच में भारत-पाकिस्तान के बीच शांति चाहते हैं, तो उन्हें बिना सबूत आरोप लगाने की जगह, सकारात्मक और रचनात्मक संवाद को बढ़ावा देना चाहिए।

शाहिद अफरीदी का ताजा बयान एक बार फिर साबित करता है कि पाकिस्तान के कुछ जाने-माने चेहरे भी भारत विरोधी प्रोपेगेंडा को हवा देने से पीछे नहीं हटते। भारत एक जिम्मेदार लोकतंत्र है जो आतंकवाद के खिलाफ न सिर्फ अपनी सीमाओं के भीतर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी संघर्ष कर रहा है। अफरीदी जैसे लोगों के बेबुनियाद और भड़काऊ बयानों से भारत की छवि पर कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन इससे उनकी अपनी विश्वसनीयता जरूर सवालों के घेरे में आ जाती है।

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