उत्तराखंड में 15 स्थानों के नाम बदले: जानिए पुराना नाम बनाम नई पहचान

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित 15 स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की है। यह कदम जनभावना, भारतीय संस्कृति और विरासत के अनुरूप उठाया गया है। इन परिवर्तनों से स्थानीय लोगों की आस्था और ऐतिहासिक परंपराओं को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

उत्तराखंड में क्यों बदले गए नाम?

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि यह नाम परिवर्तन ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। भारतीय सभ्यता, ऐतिहासिक विरासत और जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए नाम परिवर्तन किया गया है। सरकार का मानना है कि नए नाम स्थानीय इतिहास और परंपराओं को अधिक मजबूती देंगे।

नए और पुराने नामों की सूची

नीचे दी गई तालिका में उन 15 स्थानों के पुराने और नए नाम दिए गए हैं जिन्हें उत्तराखंड सरकार ने बदलने का निर्णय लिया है:

पुराना नाम नई पहचान जिला
औरंगजेबपुर शिवाजी नगर हरिद्वार
गाजीवाली आर्यनगर हरिद्वार
चांदपुर ज्योतिबाफुले नगर हरिद्वार
मोहम्मदनगर जट मोहनपुर जट हरिद्वार
खानपुर कुर्सली आंबेडकर नगर हरिद्वार
इदरीशपुर नंदपुर हरिद्वार
खानपुर श्रीकृष्णपुर हरिद्वार
अकबरपुर फाजलपुर विजयनगर हरिद्वार
मियांवाला रामजीवाला देहरादून
पीरवाला केसरीनगर देहरादून
चांदपुर खुर्द पृथ्वीराजनगर देहरादून
अब्दुल्लापुर दक्षनगर देहरादून
नवाबी रोड अटल मार्ग नैनीताल
पनचक्की से आईटीआई मार्ग गुरु गोवलकर मार्ग नैनीताल
सुल्तानपुर पट्टी कौशल्यापुरी उधमसिंह नगर

सरकार की मंशा और जनता की प्रतिक्रिया

इस निर्णय को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे भारतीय संस्कृति और परंपरा के संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि सरकार को अन्य बुनियादी मुद्दों पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा,

“यह परिवर्तन केवल नामों का नहीं, बल्कि हमारे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करने का प्रयास है। इन नामों के माध्यम से हम अपनी धरोहर को नई पीढ़ी तक पहुँचा सकेंगे।”

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

  • शिवाजी नगर: यह नाम मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता और साहस को दर्शाता है।
  • आंबेडकर नगर: भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के योगदान को सम्मान देने के लिए यह नाम चुना गया।
  • अटल मार्ग: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में इस सड़क का नाम रखा गया।
  • गुरु गोवलकर मार्ग: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख नेता माधव सदाशिव गोलवलकर के सम्मान में यह नाम परिवर्तन किया गया।

उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय राज्य की ऐतिहासिक धरोहर को संजोने और राष्ट्रीय मूल्यों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस बदलाव को कितनी जल्दी स्वीकार करती है और इससे प्रदेश के सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश पर क्या प्रभाव पड़ता है।

Leave a Comment

पहलगाम पर अमिताभ बच्चन ने तोड़ी चुप्पी फैटी लिवर के क्या लक्षण हैं, कैसे होगा ठीक? वैभव सूर्यवंशी के लिए बिहार सरकार का बड़ा ऐलान! IPL इतिहास में सबसे तेज़ शतक लगाने वाले बल्लेबाज़! भारत ने पाकिस्तान पर लगाए 5 बड़े प्रतिबंध