India Pakistan Conflict | भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सभी टीवी चैनलों, डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को कड़ी हिदायत दी है कि वे रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की मूवमेंट से जुड़ी लाइव कवरेज, रियल टाइम रिपोर्टिंग या सूत्रों के हवाले से चल रही खबरें तुरंत बंद करें।
सरकार का कहना है कि ऐसी रिपोर्टिंग न सिर्फ ऑपरेशन को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि सुरक्षा बलों की जान को भी खतरे में डाल सकती है।
क्यों ज़रूरी है यह एडवाइजरी?
पिछले कुछ बड़े घटनाक्रमों में देखा गया है कि मीडिया की असमय और संवेदनहीन रिपोर्टिंग ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावित किया:
- कारगिल युद्ध (1999) – टीवी रिपोर्ट्स ने दुश्मन को हमारी रणनीति का अंदाज़ा दे दिया।
- मुंबई आतंकी हमला (26/11, 2008) – लाइव कवरेज ने आतंकियों को होटलों में सुरक्षा बलों की स्थिति जानने में मदद की।
- कंधार विमान अपहरण (1999) – टीवी फुटेज ने पूरे देश में अफरा-तफरी फैलाई और बातचीत में बाधा पहुंचाई।
ऐसे मामलों में कौन सा नियम लागू होता है?
यह एडवाइजरी केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के तहत जारी की गई है। नियम 6(1)(p) के अनुसार:
ऐसे किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान की लाइव रिपोर्टिंग नहीं की जा सकती, जब तक कि वह अभियान समाप्त न हो जाए। केवल सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी की समय-समय पर दी गई जानकारी ही सार्वजनिक की जा सकती है।
इस नियम का उल्लंघन करने पर संबंधित चैनल या प्लेटफ़ॉर्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
इस एडवाइजरी के दायरे में कौन-कौन हैं?
- सभी टीवी न्यूज़ चैनल
- सभी प्रकार के डिजिटल न्यूज़ पोर्टल्स
- सोशल मीडिया यूज़र्स और सिटिजन जर्नलिस्ट
- यूट्यूब, फेसबुक लाइव, इंस्टाग्राम लाइव जैसे माध्यम
युद्ध की रिपोर्टिंग कैसे की जानी चाहिए?
- केवल अधिकृत अधिकारी की ब्रीफिंग का इंतजार करें
- किसी भी जानकारी को तथ्यों की पुष्टि के बिना प्रकाशित न करें
- ऑपरेशन के दौरान लाइव वीडियो, ड्रोन फुटेज या लोकेशन डिटेल्स शेयर न करें
- राष्ट्रीय हित और जवानों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें
मीडिया की जिम्मेदारी क्या है?
सरकार ने इस एडवाइजरी में यह भी कहा है कि मीडिया सिर्फ एक व्यवसाय नहीं, बल्कि राष्ट्रहित की एक नैतिक ज़िम्मेदारी भी निभाता है।
मीडिया को चाहिए कि वह संवेदनशीलता, सतर्कता और राष्ट्र के प्रति निष्ठा बनाए रखे। हर रिपोर्टिंग में यह ज़रूर सोचें कि कहीं आपकी खबर दुश्मन की ताकत तो नहीं बन रही।
एडवाइजरी का पालन नहीं करने चैनलों पर क्या कार्रवाई हो सकती है?
- टीवी चैनल या प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी किया जा सकता है
- चैनल की लाइसेंसिंग पर असर पड़ सकता है
- कानूनी कार्रवाई और दंड का सामना करना पड़ सकता है
राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में तत्काल रिपोर्टिंग नहीं, जिम्मेदार रिपोर्टिंग ज़रूरी है। किसी भी लाइव कवरेज से पहले यह समझना ज़रूरी है कि एक छोटी सी जानकारी भी सैकड़ों जवानों की जान को खतरे में डाल सकती है।
मीडिया, डिजिटल क्रिएटर्स और आम नागरिकों से अपील है कि वे इस एडवाइजरी का पालन करें और देशहित में संयम, विवेक और ईमानदारी से अपनी भूमिका निभाएं।