इंडिगो संकट पर केजरीवाल का तीखा हमला: “बहुत बड़ा घोटाला… सरकार मिली हुई है या पूरी तरह निकम्मी”

Arvind Kejriwal on Indigo Crisis | इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनियों में से एक है। लाखों यात्री इससे हवाई सफर करते हैं। लेकिन पिछले दिनों में देश ने जो देखा, वह सिर्फ कोई तकनीकी खराबी नहीं थी। वह एक ऐसा संकट था जिसने एयरपोर्ट्स को ठप कर दिया, यात्रियों को भटकने पर मजबूर कर दिया और सरकार की क्षमता पर सीधे सवाल खड़े कर दिए।

इसी अव्यवस्था और अफरा-तफरी के बीच आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की भाजपा सरकार पर सबसे कड़ा प्रहार किया है। केजरीवाल ने आरोप लगाया- “इंडिगो संकट बहुत बड़ा घोटाला है और इसमें केंद्र की भाजपा सरकार भी मिली हुई है।”

“ये सरकार निकम्मी है… जांच के नाम पर जनता को बेवकूफ बना रही”

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश और दुनिया दोनों देख रहे थे कि भारत के एयरपोर्ट्स पर कैसे हजारों लोग फंसे हुए थे। उन्होंने कहा-

“21वीं सदी का भारत एक आधुनिक भारत होना चाहिए, लेकिन इनसे अपनी एयरलाइंस तक नहीं संभलतीं। कुछ तो गड़बड़ है। एक कंपनी ने पूरी भारत सरकार को घुटनों पर ला दिया। इसका मतलब है कि या तो सरकार निकम्मी है, इनको सरकार चलानी नहीं आती, या फिर यह सरकार मिली हुई है। मुझे तो लगता है कि यह सरकार मिली हुई है। जांच कमेटी बैठाकर जनता की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।”

केजरीवाल के मुताबिक सरकार सिर्फ “जांच” का नाम लेकर जिम्मेदारी से बच रही है, और असल सवालों से दूर भाग रही है।

“25 लोगों की जान लेने वाला उसी इंडिगो से रातों-रात भाग गया”

गोवा के एक नाइट क्लब में आग लगने से हुई 25 लोगों की मौत का मुद्दा उठाते हुए केजरीवाल ने सरकार पर और गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा-

“गोवा में 25 लोगों की जान लेने वाले नाइट क्लब के मालिक रातों-रात देश से कैसे भाग गए? और वह भी उसी इंडिगो की फ्लाइट से, जिसने भारत सरकार को ब्लैकमेल किया था। भारत सरकार मुझे तो जेल में डाल देती है, लेकिन 25 लोगों की हत्या करने वालों को देश से भगा देती है। इसका मतलब साफ है—भाजपा मिली हुई है।”

यह सवाल केजरीवाल ने एक बार नहीं, कई बार दोहराया—क्योंकि उनके मुताबिक यह ‘इत्तफाक’ नहीं, ‘मिलीभगत’ का संकेत है।

“मुंद्रा पोर्ट—देश का सबसे बड़ा ड्रग्स गेटवे… लेकिन कोई दोषी नहीं”

इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा-

“मुंद्रा पोर्ट पूरे देश के लिए ड्रग्स का सबसे बड़ा गेटवे बन गया है। वहां से बड़े-बड़े कंसाइनमेंट पकड़े गए, लेकिन यह नहीं पता चला कि वे कहां जाने वाले थे, उनका मालिक कौन था। कुछ भी नहीं पता चला। जो कंसाइनमेंट नहीं पकड़े गए, उनका तो कोई हिसाब ही नहीं है।”

उन्होंने कहा कि गुजरात के लोग खुद कह रहे हैं कि “गली-गली में ड्रग्स बिक रहा है।” केजरीवाल ने कहा- “सरकार की मिलीभगत के बिना ड्रग्स का बिकना संभव ही नहीं है।”

केजरीवाल का कहना है कि युवाओं का भविष्य नशे की इस मंडी में खो रहा है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

“पंजाब में ड्रग्स पर बुलडोजर चला… क्योंकि नीयत साफ थी”

इसके उलट उदाहरण देते हुए उन्होंने पंजाब की तस्वीर सामने रखी। उन्होंने कहा-

“जब आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सरकार संभाली थी, तब वहां भी गली-गली में नशा बिकता था। आज हाल यह है कि वहां नशा बेचने वालों के घर बुलडोजर से तोड़े जा रहे हैं। 25 हजार से ज्यादा ड्रग्स बेचने वालों को गिरफ्तार किया जा चुका है। क्योंकि हमारी नीयत साफ है। अगर पंजाब में यह हो सकता है, तो गुजरात में क्यों नहीं? गुजरात में नकली शराब और ड्रग्स खुलेआम बिक रहा है और कोई पकड़ा नहीं जाता। क्योंकि ड्रग्स बेचने वाले इनके साथ मिले हुए हैं।”

यह सिर्फ इंडिगो संकट, गोवा हादसा या मुंद्रा पोर्ट का मामला नहीं है। यह उस भरोसे का सवाल है, जो जनता सरकार को देती है- और जिसे सरकार बार-बार टूटने देती है। एक एयरलाइन अगर देश की व्यवस्था को हिला दे, एक अपराधी अगर आराम से उड़ान भरकर देश छोड़ दे, और ड्रग्स की खेपें अगर बिना जवाबदेही के गायब हो जाएं- तो समस्या घटनाओं की नहीं, शासन की होती है। केजरीवाल के आरोप राजनीतिक हों या सच्चाई का आईना, लेकिन इतना साफ है कि देश को अब जवाब चाहिए। और जवाब सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस या जांच कमेटियों से नहीं मिलते- वे मिलते हैं पारदर्शिता, कार्रवाई और जिम्मेदारी से।

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