महाकुंभ 2025 का भव्य आयोजन न केवल आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि सुरक्षा और सुचारु प्रबंधन के लिए भी एक मिसाल कायम की। इस ऐतिहासिक आयोजन में अपनी सेवा देने वाले 75,000 पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘महाकुंभ सेवा मेडल’ और प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की है। साथ ही, अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को ₹10,000 का विशेष बोनस और एक सप्ताह का चरणबद्ध अवकाश भी प्रदान किया जाएगा।
गंगा मंडपम में आयोजित विशेष कार्यक्रम में पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने उनकी धैर्य, शालीनता और अनुशासन की सराहना की। उन्होंने कहा-
“महाकुंभ जैसा विराट आयोजन अपने आप में एक चुनौती था, लेकिन हमने इसे नए आयाम तक पहुंचाया। यह सफलता आप सभी (पुलिस बल) के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।”
महाकुंभ 2025: सुरक्षा प्रबंधन की मिसाल
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक मेला है, जहां लाखों श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। ऐसे में, भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था और आपदा नियंत्रण किसी परीक्षा से कम नहीं होता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस बल, अर्धसैनिक बल, होमगार्ड, पीआरडी, जल पुलिस, यातायात पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी कड़ी मेहनत और सूझबूझ के कारण ही यह महाकुंभ इतनी सफलता के साथ संपन्न हो सका।
उन्होंने इस आयोजन को उत्तर प्रदेश और भारत की वैश्विक छवि को मजबूत करने वाला बताया और आंकड़ों को साझा करते हुए कहा-
“प्रयागराज की स्थायी आबादी मात्र 25 लाख है, लेकिन महाकुंभ के दौरान प्रतिदिन औसतन डेढ़ से दो करोड़ श्रद्धालु पहुंचे। 28 से 30 जनवरी के बीच सिर्फ तीन दिनों में 15 करोड़ लोग महाकुंभ में शामिल हुए।”
सवाल उठाने वालों को सीएम का करारा जवाब
मुख्यमंत्री ने उन लोगों पर भी निशाना साधा, जो इस भव्य आयोजन पर सवाल उठाते रहे। उन्होंने कहा-
“जो इस महाकुंभ का हिस्सा बना, वही इसकी भव्यता और प्रबंधन के स्तर को समझ सकता है। किनारे बैठकर नकारात्मक टिप्पणी करना आसान होता है, लेकिन इसे सफलतापूर्वक संपन्न कराना एक बड़ी जिम्मेदारी थी, जिसे हमारी पुलिस और प्रशासन ने पूरी निष्ठा से निभाया।”
पुलिस सुधारों में ऐतिहासिक बदलाव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में 2017 से लेकर अब तक पुलिस सुधारों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने प्रदेश की कमान संभाली थी, तब पुलिसकर्मियों की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। उन्होंने एक उदाहरण साझा करते हुए बताया-
“लखनऊ पुलिस लाइन में मैंने जवानों को टूटी छतों के नीचे और चारपाई पर सोते देखा। उसी समय मैंने सुधारों का संकल्प लिया और आज उत्तर प्रदेश पुलिस का बजट ₹40,000 करोड़ तक पहुंच चुका है।”
पुलिस सुधारों की प्रमुख उपलब्धियां:
- 54 पीएसी कंपनियों को बहाल किया गया।
- तीन महिला बटालियन का गठन किया गया।
- 1,56,000 पुलिसकर्मियों की भर्ती पूरी हो चुकी है।
- 60,000 और पुलिसकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया जारी है।
- आगे 30,000 और पुलिसकर्मियों की भर्ती की जाएगी।
- हर जनपद में पुलिस बैरकों की सबसे बड़ी इमारतें बन रही हैं।
आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट प्रदर्शन
महाकुंभ 2025 के दौरान आपदा प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण में पुलिस ने असाधारण कार्य किया। मुख्यमंत्री ने मौनी अमावस्या पर हुए एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि 15-20 मिनट के भीतर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया, जिससे गंभीर नुकसान को टाला जा सका।
इसके अलावा, महाकुंभ के दौरान आग लगने की घटनाओं को मात्र 10 मिनट में नियंत्रित किया गया, जिससे किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
महाकुंभ 2025: भारत की छवि को नई ऊंचाई
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि इसने भारत की सांस्कृतिक और प्रशासनिक दक्षता को भी दुनिया के सामने रखा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,
“महाकुंभ ने भारत की वैश्विक छवि को मजबूत किया और उत्तर प्रदेश को नई पहचान दी। जो भी यहां आया, संगम में स्नान कर अभिभूत होकर गया और प्रशासन को धन्यवाद देकर गया।”
इस आयोजन ने दिखाया कि जब राज्य सरकार, पुलिस प्रशासन, और सुरक्षा बल मिलकर काम करते हैं, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।
महाकुंभ 2025 ने सुरक्षा, प्रबंधन और आपदा नियंत्रण के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित किया। उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिसकर्मियों के समर्पण और परिश्रम को न केवल पहचाना, बल्कि उन्हें सम्मानित करने के लिए ‘महाकुंभ सेवा मेडल’ और विशेष बोनस की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पुलिस सुधारों और सुरक्षा प्रबंधन में हुए ऐतिहासिक बदलावों ने न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत की छवि को सशक्त किया है। यह आयोजन आने वाले वर्षों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बनेगा। 🚔🔱