अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ दो घंटे लंबी बातचीत की है, जिसके सकारात्मक नतीजे सामने आने लगे हैं। ट्रंप के मुताबिक, रूस और यूक्रेन अब युद्धविराम और शांति बहाली को लेकर तुरंत बातचीत शुरू करेंगे। यह वार्ता युद्ध को खत्म करने की दिशा में एक निर्णायक कदम हो सकती है।
ट्रंप ने इस बातचीत को “बेहद सफल” करार दिया और कहा कि दोनों पक्षों के बीच एक स्थायी समझौते की संभावना बन रही है। उन्होंने कहा कि वार्ता की शर्तें वही देश तय करेंगे जो इसमें प्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं – यानी रूस और यूक्रेन। ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि बातचीत का लहजा और भावना बेहद सकारात्मक रही और अगर ऐसा न होता, तो वे खुद इसके बारे में स्पष्ट रूप से बोलते।
Donald Trump ने क्या कहा?
ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि रूस, इस ‘खूनी संघर्ष’ के समाप्त होने के बाद अमेरिका के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार करना चाहता है। उन्होंने इसे रूस के लिए ‘असीम संभावनाओं वाला’ अवसर बताया, जिससे देश में भारी मात्रा में नौकरियों और संपत्ति का सृजन हो सकता है। ट्रंप ने यह भी कहा कि यूक्रेन भी व्यापार के ज़रिए अपने देश के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त कर सकता है।
प्रमुख वैश्विक नेताओं को दी जानकारी
डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़, फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब्ब और वेटिकन के पोप को भी इस बातचीत की जानकारी दी है। पोप फ्रांसिस की ओर से भी इस वार्ता में रुचि जताई गई है।
भारत-पाक के बीच भी मध्यस्थता का दावा
बता दें, यह पहला मौका नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप ने शांति दूत बनने की कोशिश की है। इससे पहले बीती 10 मई की रात को भी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हालात बेहद तनावपूर्ण थे, तब डोनाल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट कर नई सनसनी मचा दी थी। उन्होंने लिखा था:
“After a long night of talks mediated by the United States, I am pleased to announce that India and Pakistan have agreed to a FULL AND IMMEDIATE CEASEFIRE.”
उन्होंने इस युद्धविराम को “कॉमन सेंस और बुद्धिमत्ता” का परिणाम बताया और दोनों देशों को इसके लिए बधाई दी। ट्रंप के इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया में हलचल पैदा कर दी थी, हालांकि भारत सरकार की ओर से इसकी कोई औपचारिक पुष्टि नहीं की गई। लेकिन पाकिस्तान ने यह स्वीकार किया है कि युद्धविराम के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने मध्यस्थता की थी।
डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर वैश्विक मंच पर शांति दूत की भूमिका में नजर आ रहे हैं। चाहे वह रूस-यूक्रेन संघर्ष हो या भारत-पाक तनाव, ट्रंप सक्रिय हस्तक्षेप के जरिए खुद को एक निर्णायक नेता के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। हालांकि उनके दावों की पुष्टि कई बार विवादास्पद रही है, लेकिन इन घोषणाओं ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई चर्चा जरूर छेड़ दी है।