दिल्ली की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। मंगलवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) के आवास समेत दिल्ली-एनसीआर के 13 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई राजधानी में अस्पतालों के निर्माण से जुड़े कथित घोटाले और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) की जांच के सिलसिले में की गई।
ईडी अधिकारियों के मुताबिक यह तलाशी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (PMLA) की धारा 17 के तहत की गई है। जांच एजेंसी ने यह कदम दिल्ली पुलिस की एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) द्वारा दर्ज एफआईआर संख्या 37/2025 के आधार पर उठाया, जिसमें अस्पताल निर्माण परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, अनियमित ठेके, लागत बढ़ोतरी और सरकारी फंड की हेराफेरी के आरोप लगाए गए हैं।
हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इसे पूरी तरह राजनीतिक कार्रवाई बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फर्ज़ी डिग्री पर उठ रहे सवालों से ध्यान हटाने के लिए यह छापेमारी की गई।
किन-किन ठिकानों पर हुई छापेमारी?
सुबह तड़के शुरू हुई इस कार्रवाई में सौरभ भारद्वाज के आवास के साथ-साथ निजी कॉन्ट्रैक्टरों के दफ्तर और घरों को भी कवर किया गया। अधिकारियों ने बताया कि छापे का मकसद उन सबूतों को इकट्ठा करना है, जिनसे यह साबित हो सके कि अस्पतालों के निर्माण के लिए जारी किए गए फंड का दुरुपयोग हुआ और पैसे को अलग-अलग चैनलों के जरिए डायवर्ट कर मनी लॉन्ड्रिंग की गई।
घोटाले की जड़ क्या है?
दिल्ली सरकार ने बीते वर्षों में स्वास्थ्य ढांचे को विस्तार देने के लिए कई बड़े अस्पताल निर्माण प्रोजेक्ट घोषित किए थे। आरोप है कि इस दौरान कॉन्ट्रैक्ट्स में हेरफेर किया गया, बिलों को अनाप शनाप तरीके से बढ़ाकर पेश किया गया और कई जगह बिना अनुमति के निर्माण किया गया। नतीजा यह हुआ कि न केवल लागत कई गुना बढ़ गई, बल्कि परियोजनाओं में अनावश्यक देरी भी हुई।
अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में यह भी सामने आया कि कुछ सरकारी अधिकारियों और निजी ठेकेदारों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई।
Saurabh Bhardwaj पर क्यों उठे सवाल?
सौरभ भारद्वाज आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हैं। वे उस समय स्वास्थ्य मंत्री थे जब इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की घोषणा की गई थी। हालांकि बाद में उन पर अस्पताल निर्माण के ठेकों में धांधली और वित्तीय गड़बड़ियों की अनदेखी करने के आरोप लगे।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी की जांच अब इस बात पर केंद्रित है कि अस्पताल निर्माण के लिए मिले बजट का कितना हिस्सा वास्तव में जमीन पर खर्च हुआ और कितना निजी हितों के लिए डायवर्ट कर दिया गया।
आम आदमी पार्टी का पलटवार
ईडी की इस कार्रवाई के बाद आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर करारा हमला बोला है। पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा –
“प्रधानमंत्री मोदी की फ़र्ज़ी डिग्री से ध्यान भटकाने के लिए सौरभ भारद्वाज जी के यहाँ छापा मारा गया। यह पूरा मामला बेबुनियाद है। जिस समय की यह एफआईआर है, उस दौरान सौरभ भारद्वाज मंत्री ही नहीं थे। पहले भी सत्येंद्र जैन पर झूठा केस बनाकर उन्हें सालों जेल में रखा गया। लेकिन आज तक एक भी सबूत नहीं मिला। यही खेल अब भारद्वाज जी के साथ दोहराया जा रहा है।”
वहीं, AAP नेता अनुराग ढांढा ने भी केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा –
“कल से प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री फर्ज़ी होने की चर्चा चल रही थी और उसी से ध्यान भटकाने के लिए सौरभ भारद्वाज जी के घर पर छापेमारी हुई है। जिन मामलों को लेकर सौरभ भारद्वाज जी पर आरोप लगाए गए हैं, उस समय वह मंत्री भी नहीं थे। यह साबित करता है कि पूरा मामला झूठा है।”
AAP का आरोप: विपक्ष को दबाने की कोशिश
पार्टी नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार विपक्ष को कमजोर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। आम आदमी पार्टी ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया और कहा कि “जनता सब देख रही है, सच सामने आएगा।”
राजनीतिक मायने
ईडी की इस छापेमारी ने दिल्ली की सियासत में नया भूचाल ला दिया है। एक ओर केंद्र सरकार पर एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप फिर से तेज हो गए हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इस मुद्दे को लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मामला केवल वित्तीय अनियमितताओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आने वाले महीनों में राजनीतिक बहस का बड़ा मुद्दा बनेगा। खासतौर पर ऐसे समय में जब दिल्ली में स्वास्थ्य ढांचा चुनावी वादों का अहम हिस्सा रहा है।
आगे क्या?
ईडी ने स्पष्ट किया है कि जांच जारी है और फिलहाल एकत्र किए गए दस्तावेज़ों और डिजिटल रिकॉर्ड्स की पड़ताल की जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो और लोगों से पूछताछ भी की जा सकती है।
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी यह मानने को तैयार नहीं कि उसके नेताओं ने किसी भी तरह की गड़बड़ी की है। पार्टी का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह राजनीतिक है और भाजपा विपक्ष को कुचलने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
ईडी की छापेमारी ने दिल्ली की राजनीति में नया तूफान ला दिया है। जहां एक ओर एजेंसी अनियमितताओं की जांच का हवाला दे रही है, वहीं आम आदमी पार्टी इसे केंद्र सरकार की “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बता रही है। असली सच्चाई जांच से ही सामने आएगी, लेकिन फिलहाल यह विवाद मोदी की डिग्री और विपक्ष पर कार्रवाई के बीच खींचतान में फंस गया है।