FASTag Update: सरकार ला रही नया टोल सिस्टम, जानिए क्या है प्लान?

Fastag Update | अब टोल प्लाजा पर रुकने का झंझट खत्म हो सकता है। केंद्र सरकार एक ऐसी नई टोल नीति पर काम कर रही है जो देशभर के नेशनल हाइवे और एक्सप्रेसवे पर यात्रा को आसान, तेज़ और पारदर्शी बनाने का वादा करती है। इस नई नीति के तहत, वाहन मालिकों को हर यात्रा पर टोल नहीं देना पड़ेगा, बल्कि एक बार भुगतान कर वे पूरे साल बगैर किसी अतिरिक्त रिचार्ज के बेधड़क सफर कर सकेंगे।

Fastag Update | क्या है नई टोल पॉलिसी का प्रस्ताव?

सरकार दो विकल्पों पर विचार कर रही है:

1. वार्षिक पास (Annual Pass) प्रणाली

  • वाहन मालिक केवल ₹3,000 का एकमुश्त भुगतान करेंगे।
  • इसके बाद एक साल तक अनलिमिटेड यात्रा कर सकेंगे — चाहे नेशनल हाइवे हो, स्टेट एक्सप्रेसवे हो या कोई अन्य एक्सप्रेसवे
  • कोई अतिरिक्त दस्तावेज़ या नई FASTag की ज़रूरत नहीं, मौजूदा FASTag से ही काम चल जाएगा।

2. दूरी आधारित मूल्य निर्धारण (Distance-Based Pricing)

  • यदि कोई वाहन मालिक सालाना भुगतान नहीं करना चाहता, तो वो ₹50 प्रति 100 किलोमीटर की फ्लैट दर पर सफर कर सकता है।
  • यह मौजूदा टोल प्लाज़ा प्रणाली की तुलना में अधिक सरल और पारदर्शी होगी।

टोल प्लाज़ा होंगे इतिहास!

नई नीति का सबसे क्रांतिकारी पहलू यह है कि अब टोल प्लाजा की जरूरत नहीं रहेगी। सरकार सेंसर-आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम लागू करने की योजना बना रही है। यानी न बैरियर होंगे, न लंबी कतारें, न समय की बर्बादी।

यह कदम न केवल यात्रियों को राहत देगा, बल्कि फास्टैग स्कैनिंग की तकनीकी खामियों से भी निजात दिलाएगा।

क्या होगा पुराने FASTag का?

  • मौजूदा FASTag को ही इस प्रणाली में उपयोग किया जाएगा।
  • सरकार ने पहले जिस लाइफटाइम FASTag (₹30,000/15 साल) की योजना बनाई थी, उसे फिलहाल ड्रॉप कर दिया है।

ठेकेदारों को कैसे मिलेगा भुगतान?

एकमुश्त भुगतान प्रणाली से टोल ऑपरेटरों और सड़क परियोजनाओं के ठेकेदारों की आमदनी पर असर पड़ सकता है। लेकिन सरकार ने इस पहलू को भी ध्यान में रखा है।

  • मंत्रालय (MoRTH) डिजिटल ट्रैवल डेटा और सरकार द्वारा स्वीकृत फॉर्मूले के आधार पर ठेकेदारों को मुआवजा देगा।
  • इससे सरकारी और निजी साझेदारी परियोजनाओं पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।

बैंकों को मिलेगी और ताकत

इस नई प्रणाली के अंतर्गत, बैंक FASTag खातों में न्यूनतम बैलेंस जैसी शर्तें लागू कर सकेंगे

  • टोल चोरी या भुगतान में गड़बड़ी की स्थिति में बैंक तत्काल कार्रवाई कर सकेंगे।
  • इससे फर्जी ट्रांजेक्शन और ईवेज़न पर भी लगाम लगेगी।

क्या होगा इस नीति के लागू होने से?

🔹 यात्रियों के लिए

  • लंबी लाइनों से छुटकारा
  • समय और ईंधन की बचत
  • पारदर्शी और सरल भुगतान प्रणाली

🔹 सरकार के लिए

  • डिजिटल भुगतान को बढ़ावा
  • टोल प्रशासन में पारदर्शिता
  • इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश का बेहतर रिटर्न

🔹 पर्यावरण के लिए

  • वाहनों के ठहराव में कमी से प्रदूषण में गिरावट
  • सफर में सहजता से कार्बन फुटप्रिंट कम होगा

यह नीति कब से लागू होगी?

फिलहाल यह नीति मसौदा स्तर पर है और केंद्र सरकार इस पर अंतिम निर्णय लेने की प्रक्रिया में है। नीति के लागू होते ही देश के हाईवे नेटवर्क में एक नई क्रांति आ सकती है।

भारत का ट्रांसपोर्ट सेक्टर एक डिजिटल और स्मार्ट युग की ओर बढ़ रहा है। यदि यह नई टोल नीति लागू होती है, तो यह न केवल यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगी, बल्कि देश के लॉजिस्टिक सेक्टर को भी मजबूती देगी। FASTag की इस नई प्रणाली से हर भारतीय को मिलेगा बिना रुकावट सफर का अनुभव — और वो भी सस्ती, सुरक्षित और स्मार्ट तरीके से।

क्या आप इस नई नीति का समर्थन करते हैं? अपनी राय नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं।
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