सुक्खू सरकार के गले में अटका ‘समोसा’, हिमाचल के लिए कैसा रहा साल 2024 ?

हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के लिए 2024 पहला साल था, लेकिन यह साल सकारात्मक और नकारात्मक घटनाओं का मिश्रण रहा। सत्तारूढ़ पार्टी के लिए यह वर्ष चुनौतीपूर्ण साबित हुआ, जहां राज्यसभा चुनाव में हार से लेकर सांप्रदायिक तनाव तक का सामना करना पड़ा। हालांकि, मुख्यमंत्री सुक्खू की पत्नी कमलेश देहरा के उपचुनाव जीतने के बाद राज्य विधानसभा को पहली बार विधायक दंपति मिला।

राज्यसभा चुनाव में हार और राजनीतिक उठा-पटक

फरवरी में कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी राज्यसभा चुनाव में हार गए, जिसका कारण पार्टी के छह विधायकों द्वारा ‘क्रॉस-वोटिंग’ करना था। यह पहली बार हुआ कि बहुमत में होने के बावजूद सत्तारूढ़ पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इन छह विधायकों को बाद में दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया।

जून और जुलाई में उपचुनाव हुए, जिनमें कांग्रेस ने चार सीटों पर जीत हासिल की। इनमें से एक सीट मुख्यमंत्री सुक्खू की पत्नी कमलेश देहरा ने जीती। इस जीत के साथ विधानसभा में कांग्रेस की संख्या 40 पर लौट आई, जबकि भाजपा की संख्या बढ़कर 28 हो गई।

शिमला में सांप्रदायिक तनाव

सितंबर में शिमला के संजौली इलाके में एक मस्जिद के ‘अवैध’ हिस्से को लेकर हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में कई लोग घायल हो गए। मस्जिद समिति ने अवैध हिस्से को हटाने पर सहमति जताई, और इस पर काम चल रहा है।

प्राकृतिक आपदाएं और वित्तीय संकट

27 जून से 2 अक्टूबर के बीच बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में 65 लोगों की जान चली गई। राज्य ने 1901 के बाद से सबसे सूखा पोस्ट-मॉनसून सीजन देखा, जिसमें बारिश 98% कम हुई।

सरकार को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा, जिससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन के भुगतान में देरी हुई। नवंबर में हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश दिया गया, ताकि एक जलविद्युत कंपनी का 150 करोड़ रुपये का बकाया चुकाया जा सके।

‘समोसा विवाद’ और अन्य किस्से

अक्टूबर में एक समारोह के दौरान सीआईडी ​​मुख्यालय में मुख्यमंत्री को परोसे जाने वाले समोसे सुरक्षा कर्मचारियों को दे दिए गए। इस विवाद ने राजनीतिक रंग ले लिया और सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई।

दिसंबर में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री को ‘जंगली मुर्गा’ खाने के लिए प्रेरित करते हुए दिखाया गया। हालांकि, मुख्यमंत्री ने इन आरोपों का खंडन किया। भाजपा ने इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन बताते हुए सरकार की आलोचना की।

शिक्षा और नई नीतियां

अतिथि शिक्षकों की प्रति घंटे की नियुक्ति नीति ने राजनीतिक दलों और युवाओं को नाराज किया। सरकार ने इसे अस्थायी समाधान बताते हुए कहा कि 15,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

2024 के अंत की अहम घटनाएं

वर्ष के अंत में हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने भूमि जोत सीलिंग (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया, जिससे धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए भूमि हस्तांतरण की सीमा तय हुई।

2024 हिमाचल प्रदेश के लिए चुनौतियों और उपलब्धियों का साल रहा, जो यह दिखाता है कि राज्य सरकार को आने वाले सालों में कई मुद्दों से निपटना होगा।

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