महाकुंभ भगदड़ में मध्य प्रदेश के कितने लोगों की मौत हुई?

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में मची भगदड़ में मारे गए लोगों का सरकारी आंकड़ा सामने आ चुका है. घटना के करीब 16 घंटों बाद सरकार ने भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या सार्वजनिक की है.
सरकार के मुताबिक, महाकुंभ में मची भगदड़ में लगभग 30 लोगों की मौत हुई है. जान गंवाने वालों में कौन किस राज्य का निवासी था, यह जानकारी भी सार्वजनिक कर दी गई है.

महाकुंभ भगदड़ में मध्य प्रदेश के कितने लोगों ने गंवाई जान

सरकार के मुताबिक, महाकुंभ में मची भगदड़ में कुल 30 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इनमें से कम से कम पांच लोग मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. यह जानकारी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दी है.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रत्येक मृतक के परिजन को चार-चार लाख रुपये की सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया है. यादव इस समय जापान के दौरे पर हैं. उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा-

‘‘प्रयागराज महाकुंभ में हुए अत्यंत पीड़ादायक हादसे में मध्यप्रदेश के अब तक पांच श्रद्धालुओं की मृत्यु की पुष्टि हुई है। सभी पांच श्रद्धालुओं की असमय दुखद मृत्यु पर परिजनों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता राशि ‘‘2-2 लाख से बढ़ाकर 4-4’’ लाख करने के निर्देश करता हूं। दुःख की इस घड़ी में हमारी सरकार शोकाकुल परिजनों की हरसंभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दुःख की इस घड़ी में हमारी सरकार शोकाकुल परिजनों की हरसंभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है।’’

महाकुंभ भगदड़ में कितने लोग मरे?


महाकुंभ के संगम क्षेत्र में बुधवार को तड़के मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 अन्य घायल हो गए थे. लाखों तीर्थयात्री मौनी अमावस्या पर पवित्र स्नान के लिए त्रिवेणी संगम की ओर जाने की कोशिश कर रहे थे तभी यह हादसा हुआ।

महाकुंभ में मरने वालों की पहचान

अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि महाकुंभ में मध्य प्रदेश के दो लोगों – एक महिला और एक पुरुष – की मौत हुई है. अधिकारियों ने बताया था कि महिला की पहचान छतरपुर निवासी हुकुम बाई लोधी के तौर पर की गई है जबकि पुरुष की पहचान रायसेन जिले के निवासी मोहनलाल अहिरवार के रूप में हुई है.

हालांकि, मुख्यमंत्री ने पांच लोगों की मौत की पुष्टि की है, लेकिन तीन अन्य मृतकों की जानकारी अभी तक भोपाल में अधिकारियों के पास उपलब्ध नहीं है.

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