जया बच्चन की ये बात भाजपा के कई नेताओं को नहीं आएगी रास!

भारतीय राजनीति और बॉलीवुड का नाता नया नहीं है। लेकिन जब एक दिग्गज फिल्म अभिनेत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद जया बच्चन (Jaya Bachchan) खुलकर कहती हैं कि “भाजपा के कई नेता केवल मोदी के नाम पर चुनाव जीतते हैं,” तो ये बयान सुर्खियों में आना तय है।

‘शी’ कॉन्क्लेव में Jaya Bachchan का बड़ा बयान

इंडिया टीवी द्वारा आयोजित ‘शी’ कॉन्क्लेव में जया बच्चन ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की। जब उनसे पूछा गया कि क्या नेता लोकप्रियता के मामले में फिल्म अभिनेताओं की बराबरी कर सकते हैं, तो उन्होंने दो टूक कहा –

“नहीं, जब तक कि आप नरेंद्र मोदी न हों।”

उनका यह बयान सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को रेखांकित करता है। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा के कई नेता अपनी राजनीतिक क्षमता के कारण नहीं, बल्कि सिर्फ मोदी के नाम पर चुनाव जीतते हैं।

‘मोदी लहर’ ही भाजपा नेताओं की जीत की वजह?

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो जया बच्चन के बयान में दम है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत के पीछे मोदी लहर को ही सबसे बड़ा कारण माना गया। जया बच्चन ने कहा-

“मैं विपक्ष में हूं, लेकिन तथ्य यह है कि सत्ताधारी पार्टी के नेता, चाहे वे फिल्म अभिनेता हों या अन्य, सिर्फ नरेन्द्र मोदी के नाम की वजह से विजयी होते हैं, न कि अपनी राजनीतिक क्षमता की वजह से।”

फिल्मी सितारे और राजनीति

जया बच्चन ने राजनीति में फिल्मी सितारों की एंट्री को लेकर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा-

“हो सकता है कि एक अभिनेता बनने और सफलता पाने के बाद, आप जनता के लिए कुछ करना चाहते हों। अगर आज कोई नेता खड़ा होता है, तो कृपया मुझे यह कहने के लिए माफ करें, लेकिन आपको देखने चार आदमी भी नहीं आएंगे जब तक कि आप एक जाने-माने व्यक्ति न हों।”

यह बयान राजनीति में स्टार पावर के महत्व को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा, “अगर कोई छोटा सा कलाकार भी है तो लोग उसे देखने आएंगे। वे आपको वोट दें या न दें, यह अलग बात है, लेकिन देखने जरूर आएंगे।”

क्या भाजपा की ताकत सिर्फ मोदी की लोकप्रियता है?

जया बच्चन के इस बयान ने विपक्ष को एक मुद्दा दे दिया है। भाजपा समर्थकों का कहना है कि मोदी सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं। वहीं, विपक्ष का मानना है कि भाजपा के कई नेता अपने दम पर चुनाव नहीं जीत सकते, उन्हें मोदी के चेहरे का सहारा लेना पड़ता है।

नेता बनाम अभिनेता: कौन ज्यादा लोकप्रिय?

इस पूरे मुद्दे का सबसे दिलचस्प पहलू यह रहा कि क्या नेता कभी अभिनेताओं की लोकप्रियता की बराबरी कर सकते हैं? जया बच्चन ने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा, “नहीं। जब तक कि आप नरेंद्र मोदी न हों।”

इस बयान से स्पष्ट है कि नरेंद्र मोदी का कद राजनीति में कितना बड़ा है। लेकिन यह भी सवाल उठता है कि क्या यह भाजपा के अन्य नेताओं की क्षमताओं पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह नहीं लगा देता?

जया बच्चन के इस बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। भाजपा समर्थकों के लिए यह मोदी की अपार लोकप्रियता का प्रमाण है, जबकि विपक्ष इसे भाजपा की रणनीति पर सवाल उठाने का मौका मान रहा है।

सवाल यह भी उठता है कि क्या भाजपा नेताओं को मोदी के बिना भी चुनाव जीतने की ताकत है या नहीं? यह तो आने वाले चुनाव ही बताएंगे। लेकिन एक बात तय है – राजनीति और स्टारडम का रिश्ता अभी खत्म नहीं हुआ है।

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