No Helmet No Fuel No Helmet No Fuel | उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सोमवार से एक महीने का विशेष सड़क सुरक्षा अभियान शुरू किया है। इस दौरान बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं मिलेगा। यह अभियान 1 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगा और इसे सभी 75 जिलों में जिला प्रशासन व सड़क सुरक्षा समितियों की देखरेख में लागू किया जाएगा।
क्यों ज़रूरी हुआ No Helmet No Fuel अभियान?
सड़क हादसों के ताज़ा आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के हालिया डेटा के अनुसार—
- उत्तर प्रदेश में 2023 में 44,534 सड़क हादसे हुए, जो 2022 के 41,746 हादसों से ज़्यादा हैं।
- हादसों की संख्या में चौथे स्थान पर रहने के बावजूद, मौतों के मामले में यूपी देश में सबसे ऊपर है।
- 2023 में 23,652 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 22,595 था।
यानी हादसों में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है और सबसे अधिक जानें उत्तर प्रदेश में जा रही हैं। ऐसे में सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए ‘पहले हेलमेट, फिर पेट्रोल’ का संदेश दिया है।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की अपील
राज्य के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने लोगों से सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा:
“हम सभी निवासियों से अपील करते हैं कि स्पीड को नियंत्रित रखें और ट्रैफिक कानूनों का पालन करें। हमारी सामूहिक चिंता आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा है। सरकार की प्रतिबद्धता है कि आप सड़क पर सुरक्षित यात्रा करें।”
पाठक ने यह भी निर्देश दिया कि पुलिस व परिवहन विभाग अभियान के दौरान कानून के दायरे में रहते हुए कार्रवाई करें और आम जनता को अनावश्यक असुविधा न हो।
परिवहन विभाग और प्रशासन की भूमिका
परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह ने कहा कि अभियान की मॉनिटरिंग जिलेवार स्तर पर की जा रही है।
- जिला अधिकारी इसकी अगुवाई करेंगे।
- पुलिस, प्रशासन और परिवहन विभाग संयुक्त रूप से इसे लागू करेंगे।
- पेट्रोल पंप संचालकों और ऑयल मार्केटिंग कंपनियों से सहयोग की अपील की गई है।
सिंह ने कहा—
“यह अभियान जनता की सुरक्षा के लिए है। हेलमेट पहनना हर किसी की जिम्मेदारी है, और पेट्रोल पंप संचालकों का सहयोग इसे सफल बनाएगा।”
सीएम योगी आदित्यनाथ का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह अभियान दंडात्मक नहीं बल्कि जागरूकता बढ़ाने वाला कदम है। उनका संदेश है—
“पहले हेलमेट, फिर फ्यूल।”
विभागों का समन्वय और जागरूकता
- खाद्य एवं रसद विभाग पेट्रोल पंपों पर अभियान लागू करने की निगरानी करेगा।
- सूचना एवं जनसंपर्क विभाग बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाएगा।
- पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ने भी सरकार के प्रयासों को पूरा समर्थन देने का ऐलान किया है।
पहले भी चला है ऐसा अभियान
उत्तर प्रदेश सरकार पहले भी ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ अभियान चला चुकी है। दरअसल, सरकार का दीर्घकालिक लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में सड़क हादसों से होने वाली मौतों को 50% तक कम किया जाए।
नतीजा क्या होगा?
यह अभियान सिर्फ हेलमेट पहनने की आदत डालने का प्रयास नहीं है, बल्कि सड़क पर ज़िंदगियां बचाने का एक ठोस कदम है। आंकड़े बताते हैं कि सड़क हादसों में सबसे ज़्यादा मौतें सिर पर चोट लगने से होती हैं। हेलमेट न केवल नियम है बल्कि जीवन की ढाल भी है।
उत्तर प्रदेश का यह नया अभियान आम जनता को एक सख़्त लेकिन ज़रूरी संदेश दे रहा है—
👉 हेलमेट पहनो, तभी मिलेगा पेट्रोल।
👉 सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करो, तभी सुरक्षित घर पहुंचोगे।
सरकार और प्रशासन इसे सफल बनाने की तैयारी कर चुके हैं, अब जिम्मेदारी नागरिकों की है कि वे इसे गंभीरता से अपनाएं।
यूपी के ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ अभियान से जुड़े सामान्य सवाल (FAQ)
1. ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ अभियान क्या है?
यह एक सड़क सुरक्षा अभियान है, जिसके तहत बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं मिलेगा। इसका मकसद लोगों को हेलमेट पहनने की आदत डालना और सड़क हादसों में मौतों को कम करना है।
2. यह अभियान कब तक चलेगा?
अभियान 1 सितंबर से 30 सितंबर तक पूरे उत्तर प्रदेश में चलेगा।
3. यह अभियान कहां लागू होगा?
यह अभियान सभी 75 जिलों में लागू होगा और इसकी मॉनिटरिंग जिला अधिकारी व सड़क सुरक्षा समितियां करेंगी।
4. हेलमेट न पहनने पर क्या केवल पेट्रोल ही नहीं मिलेगा या जुर्माना भी लगेगा?
अभियान के तहत पेट्रोल नहीं मिलेगा, साथ ही ट्रैफिक पुलिस जुर्माना भी लगा सकती है। सरकार का मकसद लोगों को नियम मानने के लिए प्रेरित करना है, न कि सिर्फ दंड देना।
5. अगर पीछे बैठा व्यक्ति (पिलियन राइडर) हेलमेट नहीं पहनेगा तो क्या पेट्रोल मिलेगा?
सरकार ने अभी तक स्पष्ट किया है कि दोपहिया वाहन चालक का हेलमेट पहनना अनिवार्य है। कई जगहों पर पुलिस पिलियन राइडर से भी हेलमेट की अपेक्षा कर सकती है।
6. क्या पेट्रोल पंप मालिकों को इस अभियान का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा?
हाँ, पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ने अभियान को पूरा समर्थन देने का ऐलान किया है। खाद्य एवं रसद विभाग और जिला प्रशासन इसकी निगरानी करेगा।
7. इस अभियान से क्या फायदा होगा?
सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें सिर पर चोट लगने से होती हैं। हेलमेट पहनने से मृत्यु दर 60-70% तक कम हो सकती है। इसलिए यह अभियान लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभा सकता है।