लालू यादव का कैदी नंबर बताने पर भड़कीं राबड़ी देवी, क्या कहा?

Rabri Devi defends Lalu Yadav | बिहार की राजनीति में एक बार फिर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को लेकर उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने कोई गलत काम नहीं किया, लेकिन फिर भी उन्हें सजा मिली। इसके साथ ही उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग के लगातार नोटिस भेजे जाने पर भी नाराजगी जाहिर की।

राबड़ी देवी का तीखा हमला

राज्य विधान परिषद में बोलते हुए, राबड़ी देवी ने जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा-

“आप लोगों को लालू जी पर निशाना साधना बहुत पसंद है। उन्हें जेल में दिए गए कैदी नंबर से बुलाना भी अच्छा लगता है, लेकिन सच यह है कि लालू जी ने कोई गलत काम नहीं किया, फिर भी उन्हें सजा दी गई।”

राबड़ी देवी ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी पार्टी को केंद्रीय एजेंसियों का डर दिखाया जा रहा है, लेकिन राजद इससे डरने वाला नहीं है। उन्होंने कहा-

“आप लोग ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग के डर में जीते हैं। हमें देखिए, हमें हर दूसरे दिन इन एजेंसियों के नोटिस मिलते हैं, फिर भी हम बिना किसी डर के बिहार में रहकर काम कर रहे हैं।”

Lalu Yadav के खिलाफ कौन-कौन से आरोप हैं?

लालू प्रसाद यादव का नाम कई घोटालों में आया है, जिनमें चारा घोटाला और ‘जमीन के बदले नौकरी’ मामला प्रमुख हैं।

1. चारा घोटाला

1997 में चारा घोटाले में नाम आने के बाद लालू यादव को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और उन्होंने राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी थी। 2013 में उन्हें इस मामले में दोषी ठहराया गया और इसके बाद कई अन्य मामलों में भी उन्हें सजा हुई।

2. रेलवे में ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाला

जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब उन पर आरोप लगे कि उन्होंने रेलवे में नौकरियां देने के बदले उम्मीदवारों से जमीन लिखवाई। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई लगातार जांच कर रहे हैं और लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

इन सभी आरोपों के बावजूद राबड़ी देवी और राजद का कहना है कि यह सब राजनीतिक साजिश के तहत किया जा रहा है।

राबड़ी देवी की केंद्र सरकार और जद(यू) पर नाराजगी

राबड़ी देवी ने जद(यू) और भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सत्ताधारी दल लगातार राजद के 15 साल के शासनकाल को कोसते रहते हैं, जबकि वे खुद बिहार के विकास के लिए कुछ नहीं कर रहे। उन्होंने कहा-

“जब आप राजद के 15 साल की बात करते हैं, तो यह क्यों छिपाते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार बिहार को कोई आर्थिक सहायता नहीं दे रही थी? फिर भी हमने सड़कें बनाईं और गरीब बच्चों को शिक्षा दिलाने की कोशिश की।”

क्या लालू यादव के लिए सहानुभूति बढ़ेगी?

राबड़ी देवी के इस बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। राजद समर्थकों के बीच लालू यादव को लेकर सहानुभूति बढ़ सकती है, वहीं विरोधी इसे एक ‘राजनीतिक ड्रामा’ बता रहे हैं।

अब देखना होगा कि इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में क्या नया मोड़ आता है और क्या इससे राजद को आगामी चुनावों में फायदा मिलेगा।

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