राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के खिलाफ बेहद सख्त रुख अपनाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि बलात्कारियों को नपुंसक बना देना चाहिए, ताकि अन्य लोग भी ऐसे अपराध करने से डरें।
भरतपुर में जिला बार एसोसिएशन के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित करते हुए बागडे ने अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए एक उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा:
“महाराष्ट्र में एक नगर पंचायत है। वहां बहुत सारे कुत्ते थे और उनकी संख्या बढ़ती जा रही थी, इसलिए उनकी संख्या कम करने के लिए बधियाकरण किया गया। बलात्कार करने वालों के खिलाफ भी इसी तरह के कदम उठाए जाने चाहिए। उन्हें नपुंसक बना कर छोड़ दो। उन्हें ऐसे ही जीना होगा और जब दूसरे उन्हें देखेंगे, तो उन्हें याद आएगा कि वह वही (बलात्कारी) व्यक्ति था।”
सख्त कार्रवाई की जरूरत
राज्यपाल बागडे ने बलात्कारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यदि ऐसे अपराधियों पर रोक नहीं लगाई गई तो वे समाज के लिए खतरा बने रहेंगे।
उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि अक्सर ऐसे अपराधों के दौरान लोग पीड़िता की मदद करने के बजाय वीडियो बनाने में व्यस्त हो जाते हैं। उन्होंने इस प्रवृत्ति की कड़ी निंदा की और कहा:
“जब तक हम इस मानसिकता को नहीं बदलेंगे, यौन अपराध नहीं रुकेंगे।”
न्याय की त्वरित उपलब्धता पर जोर
हरिभाऊ बागडे ने सुलभ और त्वरित न्याय की अवधारणा पर बल देते हुए वकीलों से अपील की कि वे अपने कौशल का उपयोग आम लोगों को समय पर न्याय दिलाने के लिए करें।
उन्होंने समाज से यह भी आग्रह किया कि वे जरूरतमंदों की सहायता करें और न्याय की अवधारणा से सीख लेते हुए एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में आगे आएं।
सख्त कानून और जागरूकता की दरकार
राज्यपाल का यह बयान समाज में महिलाओं की सुरक्षा, कानूनी व्यवस्था और सामाजिक मूल्यों पर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म देता है। बलात्कार जैसे अपराधों के खिलाफ सख्त कानून, न्यायिक सुधार और सामाजिक जागरूकता ही इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकते हैं।