कर्नाटक सरकार ने अभिनेत्री रान्या राव से जुड़े सोना तस्करी (Ranya Rao Gold Smuggling Case) मामले में डीजीपी रैंक के अधिकारी रामचंद्र राव की भूमिका की जांच के आदेश दिए हैं। इस जांच की जिम्मेदारी अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) गौरव गुप्ता को सौंपी गई है।
क्या है पूरा मामला? (Ranya Rao Gold Smuggling Case)
बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अभिनेत्री रान्या राव के पास से 12.56 करोड़ रुपये मूल्य का सोना बरामद किया गया था। यह सोना कथित रूप से दुबई से अवैध रूप से लाया जा रहा था। इस घटना के बाद अधिकारियों ने रान्या के आवास पर भी छापा मारा, जहां से 2.06 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि रान्या राव ने हवाई अड्डे पर उच्च पदस्थ अधिकारियों को मिलने वाली सुविधाओं का गलत फायदा उठाया। जांच के दौरान इस मामले में उनके सौतेले पिता और डीजीपी रैंक के अधिकारी रामचंद्र राव की संदिग्ध भूमिका पर भी सवाल उठे।
सरकार की कार्रवाई
कर्नाटक सरकार ने इस गंभीर मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए गौरव गुप्ता को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। आदेश के मुताबिक, जांच अधिकारी को तुरंत कार्रवाई शुरू करनी होगी और एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी।
रामचंद्र राव की वर्तमान भूमिका
रामचंद्र राव फिलहाल कर्नाटक राज्य पुलिस आवास एवं अवसंरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। सरकार ने पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक (डीजीपी एंड आईजीपी) सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को इस जांच में पूरा सहयोग देने का निर्देश दिया है।
जांच के प्रमुख बिंदु
1. क्या रामचंद्र राव ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया?
- आरोप है कि रान्या राव ने हवाई अड्डे पर प्रोटोकॉल सुविधाओं का गलत इस्तेमाल किया।
- जांच में यह देखा जाएगा कि क्या इसमें रामचंद्र राव की कोई भूमिका रही है।
2. सोना तस्करी का पूरा नेटवर्क
- यह पता लगाया जाएगा कि सोने की यह खेप कहां से आई और इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं।
- क्या यह तस्करी संगठित रूप से की जा रही थी?
3. क्या अन्य अधिकारी भी इसमें शामिल हैं?
- जांच में यह भी देखा जाएगा कि क्या इस तस्करी में अन्य सरकारी अधिकारी या पुलिसकर्मी शामिल थे।
सरकार की सख्ती
कर्नाटक सरकार इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है। यह मामला न केवल अवैध सोना तस्करी से जुड़ा है, बल्कि इसमें उच्च पदस्थ अधिकारियों पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। सरकार ने जांच की समयसीमा भी तय कर दी है ताकि जल्द से जल्द निष्कर्ष निकाला जा सके।
रान्या राव गोल्ड स्मगलिंग केस ने कर्नाटक में प्रशासनिक हलचल तेज कर दी है। डीजीपी स्तर के अधिकारी के नाम के जुड़ने से यह मामला और अधिक संवेदनशील हो गया है। अब यह देखना होगा कि जांच के बाद क्या नए खुलासे सामने आते हैं और सरकार इस पर क्या कार्रवाई करती है।