सोचिए, आप एक फ्लाइट में बैठकर विदेश जा रहे हैं और अचानक आपको पता चले कि प्लेन वापस लौट चुका है—बिना आपकी जानकारी के! महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री तानाजी सावंत के बेटे ऋषिराज सावंत के साथ कुछ ऐसा ही हुआ।
सब कुछ एक फिल्मी कहानी जैसा था—पिता को बेटे की किडनैपिंग की खबर मिलती है, पुलिस हरकत में आती है, क्राइम ब्रांच जांच शुरू करती है और फिर अचानक प्लेन को बीच रास्ते से वापस बुला लिया जाता है! लेकिन जब सच्चाई सामने आई, तो हर कोई हैरान रह गया।
कैसे हुआ ऋषिराज सावंत का ‘अपहरण’?
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री तानाजी सावंत को एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आता है, जो दावा करता है कि उनके बेटे ऋषिराज का अपहरण हो गया है। घबराए हुए सावंत साहब पुलिस कमिश्नर के पास पहुंचते हैं और मामला हाई-प्रोफाइल होने की वजह से पुलिस तुरंत हरकत में आ जाती है।
क्राइम ब्रांच जांच शुरू करती है और जल्द ही उन्हें एक चौंकाने वाली जानकारी मिलती है—ऋषिराज को किडनैप नहीं किया गया था, बल्कि उन्होंने खुद ही पुणे से बैंकॉक जाने के लिए एक प्राइवेट जेट बुक किया था!
78 लाख में बुक किया था प्राइवेट प्लेन
ऋषिराज सावंत (32) ने पुणे से बैंकॉक जाने के लिए एक प्राइवेट प्लेन बुक किया था, जिसका किराया 78 लाख रुपये था। उनके साथ दो दोस्त भी इस जेट में सफर कर रहे थे।
लेकिन उनके परिवार को इस यात्रा की कोई जानकारी नहीं थी। जब पिता को बेटे के गायब होने का पता चला, तो उन्होंने इसे अपहरण समझ लिया और पुलिस को इसकी सूचना दी।
प्लेन ने बीच रास्ते से क्यों लिया यू-टर्न?
जैसे ही पुलिस ने इस मामले में जांच तेज की, एयरपोर्ट अथॉरिटी को सतर्क किया गया। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) ने तुरंत फ्लाइट पायलटों से संपर्क किया और विमान को पुणे लौटने का निर्देश दिया।
जिस समय यह आदेश दिया गया, प्लेन अंडमान-निकोबार के एयरस्पेस में था। शुरुआत में पायलटों को यह कॉल फर्जी लगा, लेकिन जब नागरिक उड्डयन मंत्रालय से पुष्टि हुई, तो उन्हें विमान को वापस पुणे ले जाना पड़ा।
यात्रियों को भनक तक नहीं लगी!
विमानन अधिकारी के मुताबिक, यात्रियों (ऋषिराज और उनके दो दोस्तों) को इस यू-टर्न की जानकारी नहीं दी गई थी।
“यात्रियों के सामने नेविगेशन स्क्रीन पहले ही बंद कर दी गई थी। वे आराम से खाना खाकर रिलैक्स कर रहे थे, जब उनका विमान चुपचाप पुणे की ओर लौट रहा था!”
जब प्लेन पुणे एयरपोर्ट पर उतरा, तो ऋषिराज और उनके दोस्त गुस्से में थे और पायलटों से जवाब मांग रहे थे। लेकिन पायलटों ने साफ कहा कि वे सिर्फ आदेश का पालन कर रहे थे।
एयरलाइन और पुलिस का क्या कहना है?
एयरलाइन के अधिकारी ने बताया कि प्लेन को वापस पुणे लाने का निर्णय उचित सत्यापन के बाद लिया गया था।
“पहले हमें परिवार की कॉल पर भरोसा नहीं हुआ, क्योंकि इस तरह की कॉल फर्जी भी हो सकती हैं। लेकिन जब नागरिक उड्डयन मंत्रालय और DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने इसे वैध बताया, तब हमने फ्लाइट को वापस बुलाने का फैसला किया।”
पुणे पुलिस ने भी पुष्टि की कि ऋषिराज ने बिना परिवार को बताए अपनी ‘बिजनेस ट्रिप’ प्लान की थी। पिता और परिवार की नाराजगी से बचने के लिए उन्होंने अपनी यात्रा गुप्त रखी थी।
तो क्या सच में बिजनेस ट्रिप थी?
ऋषिराज सावंत ने दावा किया कि वह बिजनेस ट्रिप पर बैंकॉक जा रहे थे, लेकिन उन्होंने अपने पिता या परिवार को इसकी जानकारी नहीं दी थी।
पर असली सवाल यह है कि क्या वाकई यह एक बिजनेस ट्रिप थी या कुछ और? 🤔
यह मामला एक हाई-प्रोफाइल ड्रामा जैसा था—किडनैपिंग की अफवाह, 78 लाख की प्राइवेट जेट बुकिंग, पुलिस का ऐक्शन और फिर विमान का यू-टर्न!
पर असली रहस्य अभी भी बना हुआ है—ऋषिराज सच में बिजनेस ट्रिप पर जा रहे थे या बैंकॉक जाने की वजह कुछ और थी? 😏