संभल में फिर ‘चमत्कार’, अब आलू में दिखा भगवान का अवतार!

उत्तर प्रदेश के संभल का तुलसी मानस मंदिर इस समय चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यहाँ एक आलू को भगवान का अवतार माना जा रहा है, जिस पर भक्तों को “दिव्य छवि” दिखाई दे रही है। यह चमत्कारी आलू मंदिर के राम दरबार में रखा गया है, जहां इसे देखने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग गया है।

कैसे चर्चा में आया यह आलू?

मंदिर के महंत शंकर दास के अनुसार,

“दिव्य छवि वाला आलू एक अवतार का रूप है। यह वंश गोपाल तीर्थ के पास खेमा गांव में पाया गया था। यहां दर्शन के लिए आए एक भक्त ने बताया कि आलू में छवि दिखाई दी थी, इसलिए हमने इसे मंदिर में स्थापित करने का फैसला किया।”

महंत का मानना है कि यह कोई साधारण घटना नहीं है, बल्कि एक दिव्य संकेत हो सकता है। चूंकि मान्यता है कि भगवान कल्कि का अवतरण संभल में होगा, इस आलू को उनके आगमन का संकेत माना जा रहा है।

क्या दिखता है आलू पर?

महंत शंकर दास का दावा है कि आलू पर बनी आकृति “स्पष्ट रूप से नंदी, भगवान शिव और कछुए” से मिलती-जुलती है। इसे देखकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। दर्शन करने आए मोहित रस्तोगी ने कहा,

“मैंने सुना है कि तुलसी मानस मंदिर में भगवान आलू के रूप में प्रकट हुए हैं, इसलिए मैं खुद इसे देखने आया हूं। यह देखकर मेरा दिल खुशी से भर गया है और ऐसा लग रहा है कि संभल में भगवान कल्कि का आगमन निकट है।”

संभल हाल ही में क्यों रहा है सुर्खियों में?

संभल धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। खासकर हाल के दिनों में यहाँ कई धार्मिक गतिविधियाँ बढ़ी हैं।

1. पुरातात्विक खुदाई और मंदिर पुनरुद्धार:

  • हाल ही में संभल में खुदाई के दौरान प्राचीन मंदिरों और मूर्तियों के अवशेष मिले हैं।
  • पुरातत्वविदों के अनुसार, यह स्थल प्राचीन सभ्यता और धार्मिक महत्व से जुड़ा हो सकता है।
  • मंदिरों के पुनरुद्धार का कार्य जोरों पर है, जिससे यह क्षेत्र तीर्थ स्थल के रूप में उभर रहा है।

2. भगवान कल्कि से जुड़ी मान्यता:

  • हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु का अंतिम अवतार “कल्कि” इसी स्थान पर प्रकट होंगे।
  • इस वजह से यहां हर साल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है।

3. होली से पहले चमत्कार:

  • महंत शंकर दास ने कहा, “होली के आगमन से पूर्व इस पवित्र छवि के प्रकट होने से उत्सव में चार चांद लग गए हैं।”
  • भक्त इसे दिव्य संकेत मान रहे हैं और पूरे क्षेत्र में इसे लेकर श्रद्धा का माहौल बना हुआ है।

क्या यह चमत्कार है या मात्र संयोग?

ऐसे चमत्कारिक दावों को लेकर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग होती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह एक साधारण आकृति भी हो सकती है, जो प्राकृतिक रूप से बनी हो। लेकिन आस्था से जुड़े लोग इसे “ईश्वर की लीला” मानते हैं।

संभल बना धार्मिक पर्यटन का केंद्र

संभल में हाल के वर्षों में धार्मिक पर्यटन बढ़ा है। आलू में भगवान की छवि दिखने की घटना के बाद यहाँ भक्तों की भीड़ और अधिक बढ़ने की संभावना है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह जगह धार्मिक पर्यटन का नया केंद्र बनती है या नहीं। फिलहाल, संभल का यह आलू श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का प्रतीक बना हुआ है।

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