Site icon

AAP नेता संजय सिंह का बड़ा दावा- SIR को बताया देश का सबसे बड़ा चुनावी घोटाला

SIR

आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग द्वारा कराए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर संसद में तत्काल चर्चा की मांग तेज कर दी है। राज्यसभा सांसद और “आप” के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि SIR हिंदुस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा चुनावी घोटाला है, जिसे “सीना ठोककर” किया जा रहा है।

उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘तानाशाही’ और इस चुनावी प्रक्रिया की जल्दबाजी के कारण अब तक देशभर में 27 बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) की मौत हो चुकी है, जिनमें ज़हर खाने से लेकर अचानक हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज जैसी घटनाएं शामिल हैं।

“एक महीने में SIR कराने की क्या मजबूरी?”—संजय सिंह का सवाल

सत्र के पहले दिन मीडिया से बात करते हुए संजय सिंह ने बताया कि उन्होंने राज्यसभा में नियम 267 के तहत नोटिस देकर एसआईआर पर तत्काल चर्चा की मांग की है।

उन्होंने कहा:

“जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को अभी डेढ़ साल बाकी हैं, तो ऐसा क्या दबाव है कि चुनाव आयोग सिर्फ एक महीने में पूरा डेटा इकट्ठा करना चाहता है? इतने कम समय में कागजात जमा कराने की जल्दबाजी से साफ है कि इसमें भारी गड़बड़ी की तैयारी है।”

संजय सिंह ने आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया के जरिए मुसलमान, यादव, पासी और कुर्मी समाज के वोट बड़ी संख्या में काटे जाने की तैयारी है।

“27 बीएलओ की मौतें दिल दहला देने वाली”

आम आदमी पार्टी सांसद ने मुरादाबाद के बीएलओ सर्वेश सिंह की हालिया मौत का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह दृश्य “आंखों में आंसू ला देता है।”

उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग राज्यों से बीएलओ अपनी परेशानियां बताते हुए चिट्ठियां लिख रहे हैं, कई आत्महत्या कर रहे हैं, कई मानसिक और शारीरिक दबाव के कारण जान गंवा रहे हैं।

संजय सिंह ने सवाल उठाया:

“आखिर प्रधानमंत्री मोदी को यह कैसी तानाशाही सूझ रही है कि लोगों की जानें जा रही हैं और सरकार चुप है?”

“यूपी में 2 करोड़, बिहार में 80 लाख वोट काटे जा सकते हैं”

संजय सिंह ने दावा किया कि—

उन्होंने कहा कि यह सब उन समुदायों को टारगेट करने के लिए किया जा रहा है जिन्होंने लोकसभा चुनाव में विपक्ष को वोट दिया था। उन्होंने कहा-

“अगर इतने बड़े पैमाने पर वोट काट दिए गए तो चुनाव का कोई मतलब ही नहीं रहेगा.”

संसद में बहस की मांग- “यह मुद्दा लोकतंत्र का है”

आम आदमी पार्टी नेता का कहना है कि SIR पर चर्चा सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद से जुड़ा सवाल है।

उन्होंने कहा कि:

इसलिए यह मुद्दा संसद में उठना ही चाहिए और सरकार को जवाब देना होगा।

संजय सिंह के गंभीर आरोपों के बाद SIR प्रक्रिया को लेकर विवाद और तेज हो गया है। सर्दियों के इस सत्र में यह मुद्दा संसद में कितना जोर पकड़ता है और सरकार इसका क्या जवाब देती है, अब सबकी निगाहें उसी पर हैं।

Exit mobile version