नोएडा (Noida) के थाना फेज-तीन क्षेत्र स्थित एक प्ले स्कूल में बच्चों और स्टाफ की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्कूल के शौचालय में बल्ब होल्डर के अंदर छुपा हुआ एक ‘स्पाई कैमरा’ मिलने के बाद पुलिस ने स्कूल निदेशक नवनीश सहाय को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है और अभिभावकों में चिंता की लहर दौड़ गई है।
कैसे हुआ खुलासा?
घटना का खुलासा तब हुआ जब 10 दिसंबर को स्कूल की एक शिक्षिका शौचालय गईं। उन्होंने बल्ब होल्डर पर कुछ असामान्य देखा। गौर से देखने पर पता चला कि वहां एक ‘स्पाई कैमरा’ लगा हुआ था। शिक्षिका ने तुरंत इसकी जानकारी स्कूल के निदेशक नवनीश सहाय को दी। लेकिन, निदेशक ने इसे गंभीरता से लेने के बजाय अनदेखा कर दिया।
शिक्षिका ने पुलिस को बताया कि यह पहली बार नहीं था। इससे पहले भी उन्होंने शौचालय में एक ‘स्पाई कैमरा’ देखा था। तब भी उन्होंने इसे हटाकर निदेशक को सौंप दिया था। हालांकि, निदेशक ने न तो कोई कार्रवाई की और न ही इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास किया।
सिक्योरिटी गार्ड ने किया बड़ा खुलासा
शिकायतकर्ता के अनुसार, जब उन्होंने स्कूल के सुरक्षा गार्ड से बात की, तो गार्ड ने बताया कि यह कैमरा निदेशक नवनीश सहाय के कहने पर ही लगाया गया था।
Noida Police का एक्शन
थाना प्रभारी ने बताया कि शिक्षिका की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच के दौरान यह पुष्टि हुई कि आरोपी निदेशक ने ऑनलाइन ‘स्पाई कैमरा’ मंगवाया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की गहन जांच की जा रही है।
अभिभावकों में आक्रोश
इस घटना के बाद स्कूल के छात्रों के अभिभावकों में भारी रोष है। उन्होंने स्कूल प्रशासन पर बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ का आरोप लगाया है। कई अभिभावकों ने कहा कि ऐसे मामलों के लिए कड़ी सजा होनी चाहिए ताकि दोबारा कोई ऐसी हरकत करने की हिम्मत न कर सके।
कैमरा लगाने का मकसद?
फिलहाल, पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह कैमरा लगाने का उद्देश्य क्या था। क्या यह महज स्टाफ पर निगरानी के लिए था, या इसके पीछे कोई अन्य गलत इरादा था।
आगे की कार्रवाई
नोएडा पुलिस ने स्कूल के अन्य स्थानों की भी जांच शुरू कर दी है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कहीं और भी ऐसे कैमरे तो नहीं लगाए गए।
समाज के लिए सबक
यह घटना न केवल बच्चों और शिक्षकों की निजता के अधिकार का उल्लंघन है, बल्कि समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई और सख्त कानून की आवश्यकता है ताकि शैक्षणिक संस्थानों को सुरक्षित बनाया जा सके।
नोएडा के इस मामले ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि बच्चों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना कितनी बड़ी जिम्मेदारी है। पुलिस की जांच में जो भी सच्चाई सामने आएगी, उससे इस घटना पर और रोशनी डाली जाएगी।