इंटरनेशनल ट्रेड शो में छाया सिद्धार्थ नगर का काला नमक चावल, जानिए क्यों है स्पेशल?

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में चल रहे UP इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 में इस बार एक खास स्टॉल चर्चा का केंद्र बना- काला नमक चावल (Buddha Rice)। सिद्धार्थ नगर से आए दीनानाथ जी ने यहां अपनी संस्था ‘सोशल अलायंस फॉर बैलेंसिंग इनइक्विलिटी’ के माध्यम से दुनिया के सामने इस धरोहर को पेश किया।

काला नमक चावल के फायदे

काला नमक चावल को आमतौर पर सुगंधित और पोषक तत्वों से भरपूर पारंपरिक धान की किस्म माना जाता है। यह उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र (खासतौर पर सिद्धार्थ नगर) में सदियों से उगाई जा रही है।

  • इसमें हल्की लेकिन विशिष्ट खुशबू होती है, जो इसे अन्य प्रजातियों से अलग बनाती है।
  • पकने के बाद इसके दाने मुलायम होते हैं, स्वाद उम्दा और सुपाच्य होता है।
  • इसमें जिंक, आयरन और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की पर्याप्त मात्रा होती है, जो इसे हेल्दी डाइट का हिस्सा बनाती है।
  • इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
  • ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होने के कारण डायबिटीज़ के रोगियों के लिए यह सुरक्षित है।
  • इसे GI टैग प्राप्त है, जो इसकी विशिष्टता और वैश्विक पहचान की गारंटी है।

दीनानाथ जी बताते हैं कि यह धान सदियों से सिद्धार्थ नगर और आसपास के जिलों—गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, महराजगंज और संतकबीर नगर—में उगाया जाता रहा है और इसे बुद्धा राइस भी कहा जाता है।

इंटरनेशनल ट्रेड शो में काला नमक चावल के बारे में जानकारी देते दीनानाथ।

दीनानाथ जी और उनकी संस्था

सिद्धार्थ नगर के रहने वाले दीनानाथ जी वर्षों से काला नमक चावल की खेती, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग को बढ़ावा दे रहे हैं।

  • उनकी संस्था ‘सोशल अलायंस फॉर बैलेंसिंग इनइक्विलिटी’ किसानों को एक मंच देती है।
  • यह संस्था छोटे किसानों को सीधे मार्केट और खरीदारों से जोड़ने का काम करती है।
  • उनका उद्देश्य केवल व्यापार नहीं बल्कि सामाजिक समानता और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना है।

इंटरनेशनल ट्रेड शो में उन्होंने विभिन्न खरीदारों और डेलीगेट्स को काला नमक चावल की खूबियों से परिचित कराया।

काला नमक चावल को ‘बुद्धा राइस’ क्यों कहते हैं?

काला नमक चावल को ‘बुद्धा राइस’ भी कहा जाता है। दीनानाथ जी ने इसके पीछे का ऐतिहासिक महत्व भी बताया। दीनानाथ जी ने बताया-

माना जाता है कि लगभग 600 ईसा पूर्व जब भगवान बुद्ध कपिलवस्तु और कुशीनगर के बीच भ्रमण करते थे, तब स्थानीय किसानों ने उन्हें इसी चावल से भोजन कराया था। तब से अब तक लोग काला नमक चावल को प्रसाद के रूप में भगवान बुद्ध को समर्पित करते हैं।

यही वजह है कि यह धान सिर्फ एक फसल नहीं, बल्कि गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।

सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल

काला नमक चावल का वैज्ञानिक महत्व

कृषि वैज्ञानिकों और शोध संस्थानों जैसे ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) तथा एन. डी. यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, फैज़ाबाद ने इस चावल पर गहन अध्ययन किया है।

  • इसमें 20 से अधिक माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं।
  • इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले तत्व मौजूद हैं।
  • इसमें मौजूद फिनॉलिक यौगिक (Phenolic Compounds) इसे एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रदान करते हैं।
  • मोटापा नियंत्रित करने में सहायक।
  • डायबिटीज़ के मरीजों के लिए बेहतर विकल्प।
  • आयरन की उच्च मात्रा इसे एनीमिया से लड़ने में मददगार बनाती है।
  • यह धान की पारंपरिक किस्म है, जो प्राकृतिक रूप से कई रोगों और कीटों से लड़ने की क्षमता रखती है।
  • यही वजह है कि यह लंबे समय तक संरक्षित रह सकती है और आधुनिक हाइब्रिड किस्मों की तरह जल्दी नष्ट नहीं होती।

UP सरकार और ODOP प्रोग्राम की भूमिका

काला नमक चावल को आज जिस पहचान की जरूरत थी, उसमें उत्तर प्रदेश सरकार का ODOP (One District One Product) प्रोग्राम अहम साबित हुआ है।

  • सिद्धार्थ नगर जिले का चयन ODOP में काला नमक चावल के लिए किया गया।
  • सरकार इस चावल को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने के लिए मंच उपलब्ध करा रही है।
  • ट्रेड शो जैसे आयोजन किसानों और उद्यमियों को सीधे खरीदारों, निर्यातकों और निवेशकों से जोड़ रहे हैं।

दीनानाथ जी का कहना है कि बिना सरकार की इस पहल के काला नमक चावल को वैश्विक पहचान दिलाना मुश्किल होता।

इंटरनेशनल ट्रेड शो : वैश्विक मंच की ओर कदम

ग्रेटर नोएडा का UP इंटरनेशनल ट्रेड शो केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की कृषि और परंपरा को वैश्विक बाजार से जोड़ने का माध्यम है।

  • यहां विदेशी खरीदारों और भारतीय उद्यमियों की सीधी मुलाकात हो रही है।
  • काला नमक चावल जैसे उत्पाद अब ऑर्गेनिक और हेल्दी फूड कैटेगरी में अपनी जगह बना रहे हैं।
  • इस तरह के आयोजन सिद्धार्थ नगर जैसे जिलों के किसानों को ग्लोबल ब्रांड वैल्यू दिलाने में मदद कर रहे हैं।

काला नमक चावल भारत की एक अनोखी धरोहर है, जिसे आज वैश्विक पहचान मिल रही है। दीनानाथ जी और उनकी संस्था इस दिशा में अहम भूमिका निभा रहे हैं। वहीं, UP सरकार का ODOP प्रोग्राम और इंटरनेशनल ट्रेड शो जैसे मंच इस विरासत को नए आयाम दे रहे हैं।

यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में काला नमक चावल न केवल किसानों की आर्थिक रीढ़ बनेगा, बल्कि भारत को हेल्दी और ऑर्गेनिक फूड मार्केट में एक वैश्विक नेतृत्व दिलाने में भी मदद करेगा।

1 thought on “इंटरनेशनल ट्रेड शो में छाया सिद्धार्थ नगर का काला नमक चावल, जानिए क्यों है स्पेशल?”

  1. Excellent efforts are being made from your side to give recognition to Siddharth Nagar’s valuable heritage.
    We are proud of you 👍

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