Site icon

UPSC टॉपर शक्ति दुबे कौन हैं? जानिए प्रयागराज की बेटी की प्रेरक कहानी

UPSC टॉपर शक्ति दुबे की फोटो

Who is Shakti Dubey UPSC Topper | देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC (सिविल सेवा परीक्षा) टॉप करने वाली शक्ति दुबे (Shakti Dubey) आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। प्रयागराज की रहने वाली शक्ति की कहानी बताती है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी सपना छोटा नहीं होता।

UPSC टॉपर शक्ति दुबे की शिक्षा (Shakti Dubey Education)

शक्ति दुबे की शुरूआती पढ़ाई प्रयागराज में ही हुई। पढ़ाई में वे शुरू से ही मेधावी रही हैं।

शक्ति दुबे ने बताया कि साल 2018 में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद से ही उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी।

यह भी पढ़ेंः UPSC Civil Services Result 2024: शक्ति दुबे बनीं टॉपर, देखिए पूरी लिस्ट

सिविल सर्विस में क्यों आईं शक्ति दुबे?

जब शक्ति दुबे से पूछा गया कि आप सिविल सेवा में क्यों आना चाहती हैं?, तो उनका जवाब दिल को छू लेने वाला था:

“मेरे पिता पुलिस सेवा में हैं। मैंने उन्हें समाज के लिए काम करते हुए देखा है। लेकिन असली एहसास मुझे BHU हॉस्टल में हुआ, जब रात में पुलिस पेट्रोलिंग के दौरान हमें सुरक्षा का अहसास होता था। तब मैंने समझा कि छोटी सी पावर भी कितना बड़ा बदलाव ला सकती है।”

शक्ति का मानना है कि अगर सही सोच और भावना हो, तो प्रशासनिक सेवा सिर्फ एक जॉब नहीं बल्कि समाज सुधार का सशक्त माध्यम बन सकती है।

पुलिस व्यवस्था पर शक्ति दुबे के विचार

शक्ति दुबे की सोच न केवल प्रगतिशील है, बल्कि व्यवहारिक भी। जब उनसे पूछा गया कि पुलिस की छवि सुधारने के लिए क्या किया जाना चाहिए, तो उन्होंने दो बेहद ठोस सुझाव दिए:

  1. ब्रिटिश कालीन पुलिस एक्ट (1861) को बदलने की आवश्यकता है। आज भी पुलिस उसी कानून के तहत काम करती है जो अंग्रेजों ने जनता को दबाने के लिए बनाया था, न कि उनकी सेवा के लिए।
  2. कॉन्सटेबल स्तर की कैपेसिटी बिल्डिंग पर ज़ोर देना चाहिए। नागरिकों का सबसे अधिक संपर्क इसी स्तर की फोर्स से होता है, इसलिए उन्हें अधिक संवेदनशील और पेशेवर बनाना जरूरी है।

यह विचार शक्ति दुबे के गहराई से सोचने की क्षमता और सुधारवादी दृष्टिकोण को दर्शाता है—जो किसी भी सफल सिविल सेवक की पहचान है।

शक्ति दुबे की तैयारी की रणनीति

शक्ति दुबे आज न सिर्फ अपने परिवार और शहर के लिए गर्व का विषय हैं, बल्कि वे आने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी आदर्श हैं। उनकी सोच, संघर्ष और समर्पण यह साबित करता है कि सिविल सेवा सिर्फ एक करियर नहीं, बल्कि समाज परिवर्तन का माध्यम है।

अगर आप UPSC की तैयारी कर रहे हैं, तो शक्ति दुबे की कहानी आपको सिर्फ प्रेरणा ही नहीं देगी, बल्कि सही दिशा में सोचने और कार्य करने की शक्ति भी प्रदान करेगी।

Exit mobile version