UPSC Topper Shakti Dubey | संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा 2024 में टॉप करने वाली शक्ति दुबे की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है, जो न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि हर उस उम्मीदवार के लिए मार्गदर्शक है जो असफलताओं से जूझ रहा है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया की रहने वाली शक्ति दुबे का यह पांचवां प्रयास था, और इस बार उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर इतिहास रच दिया।
UPSC Topper Shakti Dubey ने अपनी सफलता पर प्रतिक्रिया देते हुए कहाः
“ये कई सालों की मेहनत है। जब रिजल्ट देखा तो पहले विश्वास नहीं हुआ, लेकिन अब धीरे-धीरे उस पर यकीन और खुशी दोनों हो रही है।”
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“रैंक 1 की उम्मीद नहीं थी, लेकिन भाई को था यकीन”
शक्ति दुबे ने बताया कि उन्हें रैंक 1 की उम्मीद नहीं थी। लेकिन उनके भाई को उन पर पूरा विश्वास था। शक्ति दुबे ने बतायाः
“बीते साल जब मैं 12 मार्क्स से कटऑफ से बाहर रह गई थी, तब भी भाई ने कहा था कि चिंता मत करो, भगवान ने तुम्हें रैंक 1 के लिए बचाकर रखा है। और आज उसकी बात सच हो गई।”
“सबसे पहले पापा को फोन किया”
भावुक लम्हों को याद करते हुए शक्ति ने बताया कि परिणाम आने के बाद उन्होंने सबसे पहले पापा को फोन किया, फिर मम्मी से बात की।
Shakti Dubey upsc attempt | पांचवे प्रयास में मिली सफलता
UPSC जैसी कठिन परीक्षा में पहली रैंक हासिल करना कोई छोटी बात नहीं है। हालांकि, UPSC Topper Shakti Dubey ने बताया कि इसके पीछे सालों की मेहनत है। शक्ति इस सफलता से पहले चार बार असफल हो चुकी थीं और यह उनका पांचवां प्रयास था। UPSC परीक्षा में पांच प्रयास लगाना किसी साहस से कम नहीं। शक्ति ने कहाः
“चार बार की असफलता के बाद भी मैंने हार नहीं मानी। अगर आपको खुद पर भरोसा है, आप अपनी गलतियों को सुधारने का माद्दा रखते हैं, तो रास्ता जरूर निकलता है। माता-पिता का साथ और आत्मविश्वास ही असली पूंजी है।”
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UPSC Topper Shakti Dubey ने बताए सफलता के तीन मंत्र
शक्ति दुबे से जब UPSC परीक्षा में सफलता के तीन मंत्र पूछे गए तो उन्होंने कहाः
- कम से कम किताबें रखें – किताबों की संख्या सीमित होनी चाहिए लेकिन उनका रिवीजन गहरा और बार-बार होना चाहिए।
- सिलेबस और पिछली परीक्षाओं का गहन अध्ययन – UPSC के सिलेबस को अच्छी तरह समझना और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण बहुत जरूरी है।
- मॉक टेस्ट की प्रैक्टिस अनिवार्य – जितना अधिक मॉक टेस्ट देंगे, उतनी ही तैयारी मजबूत होगी।
“प्रयागराज मेरी जन्मभूमि है, उसने मुझे गढ़ा है”
शक्ति दुबे प्रयागराज में पली-बढ़ीं, और इसे उन्होंने अपनी सफलता का एक अहम स्तंभ बताया। उन्होंने कहाः
“प्रयागराज ने मुझे निखारा है। हर बच्चा मेहनत करता है, लेकिन अगर कभी चूक हो जाए तो गलतियों से सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए। UPSC सिर्फ एक एग्जाम है, यह जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है।”
“सब महादेव की कृपा है”: मां प्रेमा दुबे
शक्ति दुबे की मां प्रेमा दुबे ने बेटी की सफलता को ईश्वर की कृपा बताया। उन्होंने कहा,
“हमारा इसमें कोई योगदान नहीं है। यह सब महादेव की कृपा है। घर में सभी बहुत खुश हैं।”
शक्ति दुबे की सफलता सिर्फ उनकी नहीं, हर उस सपने की जीत है जो कभी असफलता से डगमगाया था। उनकी कहानी यह सिखाती है कि दृढ़ निश्चय, सही रणनीति, परिवार का साथ और आत्मविश्वास से कोई भी मंजिल दूर नहीं। बलिया की यह बेटी अब पूरे देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है।