Used Car खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान?

Used Car Buying Tips | क्या आपको भी आरामदायक सफर के लिए कार खरीदने की जरूरत महसूस हो रही है? क्या आप भी कम बजट की वजह से सेकेंड हैंड कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं? तो ये लेख आपके लिए है। इस लेख में उन सभी सवालों के जवाब मौजूद हैं, जो किसी भी आम इंसान के मन में सेकेंड हैंड कार खरीदने का प्लान करते समय उठते हैं।

तो चलिए उन सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर बात करते हैं, जो आपको एक बेहतरीन सेकेंड हैंड कार खरीदने में मदद करेंगे।


1. अपनी ज़रूरतें और बजट तय करें

  • उद्देश्य स्पष्ट करें: कार का उपयोग निजी उपयोग, ऑफिस के लिए या लंबी यात्राओं के लिए करना है, यह तय करें।
  • बजट तय करें: बजट में गाड़ी की कीमत के साथ-साथ बीमा, सर्विस और अन्य खर्च शामिल करें।
  • मॉडल और ब्रांड चुनें: आपकी ज़रूरतों के अनुसार मॉडल और ब्रांड शॉर्टलिस्ट करें।

2. ऑनलाइन रिसर्च करें

  • ऑनलाइन रिसर्च करें: जैसे OLX, Cars24, CarDekho, Spinny पर उपलब्ध सेकेंड हैंड कारों को देखें।
  • मार्केट वैल्यू समझें: चुने गए मॉडल की बाजार में औसत कीमत जांचें।
  • रीसेल वैल्यू: कार का रीसेल वैल्यू और मेंटेनेंस लागत का ध्यान रखें।

3. कार की कंडीशन चेक करें

सेकेंड हैंड कार खरीदते समय कार की कंडीशन भलीभांति चेक कर लें। क्योंकि मार्केट में ऐसे धूर्त लोग बैठे हैं, जो कार को ऊपर से डेंटपेंट कराके आपकी आंखों में धूल झोंक सकते हैं. इसलिए निम्नलिखित बातों का ध्यान अवश्य रखें.

  • बॉडी कंडीशन: कार की बॉडी को भलीभांति चेक करें। देखें कि कार में कोई डेंट या खरोंच आदि तो नहीं है। इसके अलावा दरवाजों और फ्लोर को अच्छी तरह देखें कि कहीं कार में जंग लगना शुरू तो नहीं हो गया है।
  • टायर की स्थिति: दूसरा महत्वपूर्ण पहलू हैं टायर। चेक करें और देखें, सभी टायर समान रूप से घिसे हुए होने चाहिए।
  • लाइट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स: चेक करें कि हेडलाइट, इंडिकेटर, वाइपर, म्यूजिक सिस्टम जैसी चीजें सही से काम कर रही हैं या नहीं।

इंजन और मैकेनिकल पार्ट्स चेक करें

  • इंजन का परफॉर्मेंस: कार को स्टार्ट कर इंजन की आवाज सुनें। जांचें कि कहीं कोई अजीब सी आवाज तो नहीं आ रही है।
  • ऑयल लीक: इंजन के नीचे तेल रिसाव की जांच करें।
  • ब्रेक और क्लच: ब्रेक और क्लच सही स्थिति में होने चाहिए।

इंटीरियर की स्थिति जांचें

  • सीट, स्टियरिंग और डैशबोर्ड का कंडीशन चेक करें।
  • एसी और म्यूजिक सिस्टम सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं।

4. सर्विस रिकॉर्ड और दस्तावेज़ों की जांच करें

पुरानी कार खरीदते समय कार का सर्विस रिकॉर्ड जरूर चेक करें. इससे आपको कार की हिस्ट्री समझने में मदद मिलेगी।

  • सर्विस रिकॉर्ड: सुनिश्चित करें कि कार की नियमित सर्विसिंग हुई है।
  • एक्सीडेंट रिकॉर्ड: क्या कार किसी दुर्घटना का शिकार हुई है?
  • पार्ट रिप्लेसमेंटः कार में कौन-कौन से पार्ट रिप्लेस हो चुके हैं।

दस्तावेज़ चेकलिस्ट

  • आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट): आरसी में मालिक का नाम और अन्य जानकारी सही है या नहीं।
  • पॉल्यूशन सर्टिफिकेट: वैध पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट।
  • बीमा: बीमा पॉलिसी की वैधता और क्लेम हिस्ट्री।
  • फाइनेंस क्लीयरेंस: सुनिश्चित करें कि कार पर कोई बकाया लोन न हो।

5. टेस्ट ड्राइव लेना न भूलें

  • ड्राइव का अनुभव: कार की ड्राइविंग स्मूथ है या नहीं।
  • सस्पेंशन: गड्ढों पर गाड़ी चलाकर सस्पेंशन की जांच करें।
  • गियर शिफ्टिंग: गियर बदलने में आसानी होनी चाहिए।

6. प्रोफेशनल मैकेनिक से चेक कराएं

अगर संभव हो तो एक भरोसेमंद मैकेनिक से कार की पूरी जांच करवाएं। इससे किसी भी छिपी हुई समस्या का पता चल सकता है।


7. मोलभाव और फाइनल डील

  • सही कीमत तय करें: किसी भी खामी के आधार पर कीमत पर मोलभाव करें।
  • भुगतान का तरीका: भुगतान का सुरक्षित तरीका अपनाएं, जैसे बैंक ट्रांसफर।

8. आरटीओ में ट्रांसफर और अन्य कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करें

  • नाम ट्रांसफर: आरसी पर नए मालिक के रूप में अपना नाम पंजीकृत कराएं।
  • बीमा ट्रांसफर: मौजूदा बीमा को अपने नाम पर ट्रांसफर करें।
  • नो क्लेम बोनस (NCB): अगर पुराने मालिक का बीमा ट्रांसफर नहीं करना है, तो NCB क्लेम करें।

सेकेंड हैंड कार खरीदते समय धैर्य और सतर्कता बेहद जरूरी है। सही रिसर्च, दस्तावेजों की जांच और टेस्ट ड्राइव आपके निर्णय को सरल और सही बना सकते हैं। एक विश्वसनीय डीलर या प्लेटफ़ॉर्म से खरीदारी करें और सुनिश्चित करें कि गाड़ी आपकी जरूरतों और बजट के अनुसार सही है।

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