Who is vaibhav suryavanshi in Hindi | IPL का मंच बड़ा है, लेकिन इससे भी बड़ा होता है वहां तक पहुंचने का सफर। एक 14 साल का बच्चा जब क्रिकेट की दुनिया के सबसे चमकीले मंच पर आता है और पहली ही गेंद पर छक्का जड़ता है, तो ये केवल खेल नहीं रह जाता – ये इतिहास बन जाता है। उस बच्चे का नाम है – वैभव सूर्यवंशी।
Table of Contents
IPL में सबसे तेज शतक | Fastest 100 in IPL
क्रमांक | खिलाड़ी | किसके खिलाफ | बॉल |
1 | क्रिस गेल | v PWI, 2013 | 30 |
2 | वैभव सूर्यवंशी | v GT, 2025 | 35 |
3 | युसूफ पठान | v MI, 2010 | 37 |
4 | डेविड मिलर | v RCB, 2013 | 38 |
5 | प्रियांश आर्या | v CSK, 2025 | 39 |
कौन हैं वैभव सूर्यवंशी? | Who is vaibhav suryavanshi in Hindi
- वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को बिहार के ताजपुर गांव में हुआ। क्रिकेट के प्रति उनका लगाव महज़ 4 साल की उम्र में ही उनके पिता ने पहचान लिया था।
- 9 साल की उम्र में उन्होंने समस्तीपुर के एक क्रिकेट अकादमी में दाखिला लिया और फिर उन्हें मिला एक ऐसा कोच जिसने उनकी ज़िंदगी की दिशा बदल दी – मनीष ओझा, जो खुद एक पूर्व रणजी क्रिकेटर हैं।
- ओझा ने उनकी तकनीक, बैटिंग पोजिशन और मानसिकता पर काम किया। वैभव ने मेहनत का ऐसा सिलसिला शुरू किया कि 12 साल की उम्र तक वो बिहार के लिए वीनू मांकड़ ट्रॉफी में 5 मैचों में 400 रन ठोक चुके थे।
वैभव सूर्यवंशी की उम्र कितनी है | vaibhav suryavanshi age
2025 का IPL सीज़न वैसे तो कई बड़े नामों और शानदार मुकाबलों के लिए याद किया जाएगा, लेकिन जिस पल ने करोड़ों दिलों को छू लिया, वह था – वैभव सूर्यवंशी का डेब्यू।
सिर्फ 14 साल और 23 दिन की उम्र में, जब राजस्थान रॉयल्स की टीम ने उन्हें LSG के खिलाफ ओपनिंग के लिए उतारा, तब बहुतों को हैरानी हुई। लेकिन जब पहली ही गेंद पर उन्होंने छक्का जड़ा, तब वो हैरानी गर्व में बदल गई।
वैभव अब IPL में खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन चुके हैं, उन्होंने प्रयस रे बर्मन का 2019 में बनाया रिकॉर्ड तोड़ दिया।
वैभव सूर्यवंशी ने बनाए ये रिकॉर्ड | Vaibhav Suryavanshi Records
- IPL में शतक जड़ने वाला सबसे कम उम्र का बल्लेबाज
- IPL 2025 में शतक जड़ने वाला पहला बल्लेबाज
- IPL के इतिहास में सबसे तेज शतक जड़ने वाला दूसरा बल्लेबाज
पहली गेंद, पहला छक्का – आत्मविश्वास की मिसाल
मैच की शुरुआत ही अलग थी। रियान पराग राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी कर रहे थे और यशस्वी जायसवाल के साथ ओपनिंग पर उतरे वैभव सूर्यवंशी। सामने थे अनुभवी गेंदबाज़ शार्दुल ठाकुर।
पहली ही गेंद पर वैभव ने जो छक्का मारा, वह सिर्फ गेंद का सामना नहीं था – वह उनके संघर्षों, अभ्यास, जुनून और आत्मविश्वास की पहली झलक थी।
उन्होंने 20 गेंदों में 34 रन बनाए, जिसमें 3 छक्के और 2 चौके शामिल थे। एक 14 वर्षीय खिलाड़ी के लिए यह प्रदर्शन सिर्फ ‘ड्रीम डेब्यू’ नहीं था – यह क्रिकेट भविष्य की दस्तक थी।
रणजी डेब्यू से लेकर भारत U-19 तक
वैभव की प्रतिभा सिर्फ जूनियर स्तर तक ही सीमित नहीं रही। उनकी मेहनत ने उन्हें बिहार की रणजी टीम में जगह दिला दी और उन्होंने जनवरी 2024 में मुंबई के खिलाफ डेब्यू किया।
उम्र थी – सिर्फ 12 साल और 284 दिन। वो भारत के सबसे कम उम्र के फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों में शामिल हो गए।
इसके बाद उन्होंने भारत U-19 टीम में जगह बनाई और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 58 गेंदों में शतक ठोक दिया – जो भारत की ओर से U-19 टेस्ट में सबसे तेज़ शतक है।
IPL में एंट्री – किस्मत नहीं, काबिलियत का परिणाम
राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें IPL 2025 की नीलामी से पहले ट्रायल के लिए नागपुर बुलाया। ट्रायल की चुनौती थी – एक ओवर में 17 रन बनाना। वैभव ने पहले तीन गेंदों पर ही तीन छक्के जड़ दिए!
यहीं से तय हो गया कि रॉयल्स को अपना अगला सुपरस्टार मिल गया है। और जब 13 साल की उम्र में उन्हें IPL नीलामी में शॉर्टलिस्ट किया गया, तो वो अब तक के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए जिन्हें IPL ऑक्शन लिस्ट में जगह मिली।
राजस्थान रॉयल्स ने बिना देर किए उन्हें टीम में शामिल कर लिया। उन्होंने वैभव को न सिर्फ एक खिलाड़ी के रूप में देखा, बल्कि एक लंबे समय का इन्वेस्टमेंट माना।
भावनाओं का तूफान – जब मैदान पर छलक पड़ी आंखें
जब वैभव आउट होकर पवेलियन लौटे, तो उनकी आंखें भीगी हुई थीं। वो आंसू सिर्फ आउट होने के नहीं थे – वो भावनाओं की एक गहराई थे, उस सफर की थकान थे जो बिहार के एक छोटे से गांव से IPL तक पहुंचा था।
उनके आंसुओं ने सबको यह याद दिलाया कि खेल सिर्फ स्कोरकार्ड नहीं होता – खेल सपनों, संघर्ष और जुनून का मिश्रण होता है।
राजस्थान रॉयल्स – युवाओं की फैक्ट्री
राजस्थान रॉयल्स हमेशा से युवा टैलेंट्स को मौका देने के लिए जानी जाती है। यशस्वी जायसवाल, रियान पराग और अब वैभव सूर्यवंशी – ये टीम क्रिकेट को सिर्फ जीतने का जरिया नहीं मानती, बल्कि टैलेंट को तराशने का मिशन मानती है।
टीम मैनेजमेंट का मानना है कि वैभव लंबी रेस के घोड़े हैं, और वो टीम इंडिया के भविष्य का हिस्सा हो सकते हैं।
वैभव की यह शुरुआत है – मंज़िल नहीं। लेकिन शुरुआत ऐसी है कि पूरी दुनिया ने उन्हें नोटिस कर लिया है। हो सकता है अगले कुछ वर्षों में हम उन्हें टीम इंडिया की नीली जर्सी में, बड़े-बड़े बॉलिंग अटैक्स के खिलाफ उसी आत्मविश्वास के साथ शॉट लगाते देखें।
तब शायद हम गर्व से कहेंगे – “हमने उस दिन देखा था जब 14 साल का वैभव IPL में उतरा था और पहली गेंद पर छक्का मारा था।”
अगर आप वैभव सूर्यवंशी के बारे में ज्यादा जानकारी चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करें।