दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ सौम्या स्वामीनाथन ने चिंता जताई है। उन्होंने सुझाव दिया है कि सरकारी और निजी स्कूलों में एयर प्यूरीफायर (air purifier) लगाए जाने चाहिए ताकि बच्चों को इस गंभीर समस्या से बचाया जा सके। उनका मानना है कि अब डेटा इकट्ठा करने का नहीं, बल्कि समाधान लागू करने का समय है।
बच्चों पर सबसे ज्यादा असर, क्यों जरूरी हैं Air Purifier?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि बच्चे वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा,
“बच्चों की सांस लेने की दर वयस्कों की तुलना में ज्यादा होती है। उनकी लंबाई कम होती है, जिससे वे जमीन के करीब मौजूद प्रदूषक तत्वों के ज्यादा संपर्क में आते हैं। इससे उनके शरीर के सभी अंग प्रभावित हो सकते हैं।”
इसलिए उन्होंने स्कूलों में एयर प्यूरीफायर लगाने की सलाह दी।
सिर्फ स्कूलों में नहीं, हवा को साफ करना असली समाधान!
स्वामीनाथन ने यह भी साफ किया कि एयर प्यूरीफायर स्थायी समाधान नहीं हैं। उन्होंने कहा-
“अगर ये किफायती और आसानी से उपलब्ध होते हैं, तो इनका इस्तेमाल स्कूलों में किया जाना चाहिए। लेकिन असली समाधान यह है कि हम हवा को साफ करें।”
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकारी और निजी स्कूलों में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि बच्चे सुरक्षित माहौल में पढ़ाई कर सकें।
दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण और स्कूलों पर असर
दिल्ली में सर्दियों के दौरान वायु गुणवत्ता बेहद खतरनाक हो जाती है। ऐसे में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया जाता है, जिसके कारण कई बार स्कूलों को बंद तक करना पड़ता है। इससे शिक्षा पर भी असर पड़ता है।
स्वामीनाथन ने कहा-
“हमारे पास अब पर्याप्त आंकड़े हैं, अब समय आ गया है कि हम ठोस कदम उठाएं।”
सरकार को क्या करना चाहिए?
स्वामीनाथन ने कुछ आसान उपाय भी सुझाए, जिनमें शामिल हैं:
- बायोमास की जगह LPG गैस का इस्तेमाल
- गरीब परिवारों को सब्सिडी बढ़ाना, खासकर महिलाओं को
- शहरों में ग्रीन कवर बढ़ाना और प्रदूषण नियंत्रण उपाय अपनाना
उन्होंने कहा कि इन उपायों से सिर्फ वायु गुणवत्ता ही नहीं, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।
क्या स्कूलों में एयर प्यूरीफायर लगाने का सुझाव सही है?
दिल्ली जैसे शहरों में जहां वायु प्रदूषण गंभीर समस्या बन चुका है, वहां स्कूलों में एयर प्यूरीफायर लगाने से बच्चों को राहत मिल सकती है। लेकिन असली समाधान यही होगा कि सरकार और आम जनता मिलकर हवा को साफ करने की दिशा में काम करें।
आपकी राय क्या है?
क्या सरकार को सभी स्कूलों में एयर प्यूरीफायर अनिवार्य कर देना चाहिए? या फिर हमें प्रदूषण कम करने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए? अपनी राय कमेंट में जरूर दें! 🚀🔥