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Cambridge School Noida में ‘डिजिटल रेप’, क्या है पूरा मामला?

Cambridge School Noida

Cambridge School Noida | उत्तर प्रदेश के नोएडा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के एक नामी स्कूल में चार साल की नाबालिक बच्ची के साथ ‘डिजिटल रेप’ की घटना घटित हुई है। इस घटना के बाद अभिभावकों में आक्रोश फैल गया, जिसके बाद प्रशासनिक कार्रवाई की गई है।

स्कूल प्रशासन पर एक्शन

गौतमबुद्ध नगर के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) डॉ. धर्मवीर सिंह ने प्रिंसिपल प्रीति सिरोही और प्रधानाध्यापिका को हटाए जाने की पुष्टि की है।
यह कार्रवाई पीड़िता के माता-पिता द्वारा स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के बाद हुई। आक्रोश के जवाब में स्कूल का दौरा करने वाले डॉ. सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि फिलहाल जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानाध्यापक या प्रधानाध्यापिका की कोई लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश

गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। समिति को एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का काम सौंपा गया है, जिसके बाद उचित कानूनी और प्रशासनिक कदम उठाए जाएंगे।

सुरक्षा की कमी पर अभिभावकों का आक्रोश

पीड़ित बच्ची के माता-पिता ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए शनिवार को जिलाधिकारी से मुलाकात की। बैठक के बाद, अभिभावकों का एक बड़ा समूह विरोध करने के लिए स्कूल गेट पर जमा हुआ। उन्होंने छोटे छात्रों के लिए लागू सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल उठाते हुए स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।
अभिभावकों ने शनिवार को स्कूल प्रिंसिपल से मिलने की मांग की, लेकिन वह उन्हें संबोधित करने के लिए आगे नहीं आईं, जिससे उनका गुस्सा और हताशा और बढ़ गई।

उत्तर प्रदेश महिला आयोग ने लिया संज्ञान

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है। अध्यक्ष बबीता चौहान ने स्वतंत्र जांच के लिए आयोग के एक सदस्य को भेजा है। चौहान ने आश्वासन दिया कि अपराध या मामले को छुपाने की कोशिश के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। चौहान ने कहा-

“मामला सामने आते ही हमने कार्रवाई की। स्कूल प्रशासन द्वारा घटना को दबाने की कथित कोशिश की भी गहनता से जांच की जाएगी। जिम्मेदार लोगों को सख्त से सख्त सजा का सामना करना पड़ेगा।”

मामले को दबाने का आरोप

पीड़िता के माता-पिता ने स्कूल प्रशासन पर घटना को गंभीरता से न लेने और आरोपियों को बचाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। चेयरपर्सन बबीता चौहान ने आश्वासन दिया है कि यह पहलू भी जांच का हिस्सा होगा और निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

आरोपी स्टाफ जमानत पर रिहा

घटना को छुपाने के आरोप में पहले गिरफ्तार किए गए स्कूल के दो स्टाफ सदस्यों को शुक्रवार को जमानत दे दी गई। शिक्षक, जिनकी पहचान मधु के रूप में की गई है, और स्कूल के कार्यालय प्रशासक, दया महतो को घटना को दबाने के कथित प्रयास के लिए गिरफ्तार किया गया था। दोनों को गौतमबुद्ध नगर अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
हालांकि, मुख्य आरोपी नित्यानंद अभी भी हिरासत में है। नित्यानंद स्कूल के हाउसकीपिंग विभाग में कार्यरत था और उसने कथित तौर पर यह जघन्य अपराध किया था।

क्या है पूरा मामला? what is cambridge School Case

घटना नोएडा के सेक्टर 27 स्थित एक निजी स्कूल की है, जहां चार साल की बच्ची प्री-नर्सरी में पढ़ती थी। 9 अक्टूबर को पीड़िता ने अपने माता-पिता को स्कूल के एक कर्मचारी द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने की बात बताई, जिसके बाद उसके माता-पिता ने 10 अक्टूबर को सेक्टर 20 पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई।
शिकायत के तुरंत बाद मुख्य आरोपी नित्यानंद को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में पता चला कि पीड़िता की शिक्षिका मधु ने लड़की को धमकी देकर चुप कराने का प्रयास किया था। इस रहस्योद्घाटन के बाद, मधु और कार्यालय प्रशासक दोनों को अपराध को छिपाने में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार कर लिया गया।

‘डिजिटल रेप’ क्या होता है? What is digital rape

अगर आपको लग रहा है कि डिजिटल रेप का मतलब ऑनलाइन पॉर्न देखना या कोई ऑनलाइन अपराध करना होगा तो आप गलत हैं। दरअसल, डिजिटल रेप का मतलब होता है जब आरोपी पीड़िता का सेक्सुअल असॉल्ट अपने हाथ या फिर पैर की उंगलियों से करता है।

यह कानून निर्भया केस के बाद आया था। साल 2013 में इस कानून को मान्यता मिली। इसके मुताबिक, हाथ की उंगली या अंगूठे से जबरदस्ती पेनेट्रेशन को यौन अपराध मानते हुए इसे सेक्शन 375 और पॉक्सो एक्ट की श्रेणी में रखा गया।

इस झकझोर देने वाले मामले ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावक शैक्षणिक संस्थानों से अधिक कड़े सुरक्षा उपायों और अधिक पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। प्रिंसिपल और हेडमिस्ट्रेस को तुरंत हटाना तो बस शुरुआत है; सभी की निगाहें अब आने वाली जांच रिपोर्ट पर हैं जो इस दुखद मामले में आगे की कार्रवाई तय करेगी।

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