Noida Police: पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन दिनांक 22 नवंबर 2024 को पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के संबोधन के साथ हुआ। यह कार्यशाला प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों के कौशल विकास, साइबर अपराध, महिला सुरक्षा, फोरेंसिक साक्ष्य, और भारतीय न्याय संहिता के नए प्रावधानों की गहन समझ विकसित करने के लिए आयोजित की गई थी।
प्रशिक्षण का उद्देश्य
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को आधुनिक अपराधों, विशेष रूप से साइबर अपराधों, से निपटने के लिए सक्षम और दक्ष बनाना था। इसके साथ ही महिला सुरक्षा, फोरेंसिक जांच और कानूनी प्रावधानों के संबंध में उनकी जानकारी को और समृद्ध करना भी इस प्रशिक्षण का महत्वपूर्ण हिस्सा था।
साइबर अपराध से निपटने की तैयारी
कार्यशाला के दौरान साइबर अपराधों से बचाव और पीड़ितों को त्वरित सहायता प्रदान करने के तरीकों पर जोर दिया गया। साइबर अपराधों की गुणवत्तापूर्ण विवेचना और तकनीकी साक्ष्यों के महत्व पर विशेष जानकारी दी गई।
- साइबर जागरूकता: आम जनता को साइबर अपराधों से बचाने और उन्हें जागरूक करने के तरीकों पर चर्चा की गई।
- तत्काल सहायता: साइबर अपराध पीड़ितों को त्वरित सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए गए।
महिला सुरक्षा और अपराधों की विवेचना
महिला संबंधी अपराधों को गंभीरता से लेते हुए प्रशिक्षुओं को निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रशिक्षित किया गया:
- गुणवत्तापूर्ण विवेचना: पीड़िता के साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
- न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करने के दिशानिर्देश: विवेचना के दौरान किन बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए, इस पर प्रकाश डाला गया।
- महिलाओं और छात्राओं की जागरूकता:
- स्कूल और कार्यस्थल पर पॉश एक्ट (POSH Act) की जानकारी देना।
- गुड टच-बैड टच और लैंगिक अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
फोरेंसिक साक्ष्य और घटनास्थल निरीक्षण
घटनास्थल पर फोरेंसिक निरीक्षण और साक्ष्य संकलन के दौरान सावधानियां बरतने के विषय में प्रशिक्षुओं को मार्गदर्शन दिया गया।
- फोटोग्राफी और साक्ष्य संग्रहण: फोरेंसिक विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए सटीक साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया समझाई गई।
- तकनीकी साक्ष्य: इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के महत्व और उनके सही उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
स्किल्ड बनें, अपडेटेड रहें
पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए उपनिरीक्षकों को आधुनिक तकनीक के साथ अपने स्किल्स को अपडेट करने पर जोर दिया। उन्होंने प्रशिक्षुओं को निम्नलिखित निर्देश दिए:
- समय के साथ बदलते परिदृश्य के अनुरूप स्वयं को तैयार करना।
- अपराध निरोध के लिए व्यवहारिक प्रशिक्षण अपनाना।
- जनता, मीडिया और अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ तालमेल बिठाने के लिए प्रशिक्षित होना।
कौन-कौन रहा मौजूद?
इस कार्यक्रम में पुलिस आयुक्त के साथ अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय श्री बबलू कुमार और अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था श्री शिवहरि मौना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने प्रशिक्षुओं को प्रोत्साहित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा आयोजित यह कार्यशाला न केवल उपनिरीक्षकों के कौशल और दक्षता को बढ़ाने का प्रयास था, बल्कि उन्हें साइबर अपराध और महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर प्रभावी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित भी किया। इस प्रकार के कार्यक्रम पुलिस अधिकारियों को बदलते अपराध परिदृश्य के साथ तालमेल बिठाने में मदद करते हैं और समाज में सुरक्षा और विश्वास का माहौल बनाते हैं।