केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एअर इंडिया की सेवाओं पर सवाल उठाए हैं। चौहान ने एअर इंडिया पर कड़ा प्रहार करते हुए अपनी यात्रा के दौरान मिली असुविधा को उजागर किया। उन्होंने बताया कि भोपाल से दिल्ली की उड़ान में उन्हें एक “टूटी और धंसी हुई” सीट दी गई, जिससे बैठना बेहद कष्टदायक हो गया।
पूरी कीमत चुकाने के बाद भी खराब सीट?
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा:
“मुझे सीट क्रमांक 8C आवंटित हुई। मैं जाकर बैठा, लेकिन सीट टूटी और अंदर धंसी हुई थी। बैठना मुश्किल था। जब विमानकर्मियों से पूछा कि यह सीट खराब थी तो आवंटित क्यों की गई? तो उन्होंने बताया कि प्रबंधन को पहले ही इसकी जानकारी थी, फिर भी इसे बेचा गया। ऐसी एक नहीं, कई सीटें इसी स्थिति में थीं।”
चौहान के इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। कई लोगों ने अपनी-अपनी हवाई यात्रा के कड़वे अनुभव साझा किए और एयरलाइनों की सेवा पर सवाल उठाए।
“मुझे खुद से ज्यादा यात्रियों की चिंता”
शिवराज सिंह चौहान को सहयात्रियों ने अपनी सीट देने का प्रस्ताव दिया, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया। उनके अनुसार-
“मेरे सहयात्रियों ने आग्रह किया कि मैं उनकी सीट पर बैठ जाऊं, लेकिन मैं किसी और को तकलीफ नहीं देना चाहता था। मैंने फैसला किया कि मैं उसी सीट पर बैठकर यात्रा पूरी करूंगा।”
यह बयान दर्शाता है कि वह अपनी तकलीफ से ज्यादा आम यात्रियों की परेशानियों को उजागर करना चाहते थे।
“टाटा प्रबंधन के आने के बाद सेवा में सुधार की उम्मीद थी, लेकिन…”
शिवराज ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि टाटा ग्रुप के अधिग्रहण के बाद एअर इंडिया की सेवा में सुधार हुआ होगा, लेकिन यह उनका भ्रम निकला।
उन्होंने इस मामले को नैतिकता से भी जोड़ा:
“मुझे अपने कष्ट की चिंता नहीं, लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा लेने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है। क्या यह यात्रियों के साथ धोखा नहीं है?”
एअर इंडिया ने मांगी माफी, लेकिन क्या यह काफी है?
शिवराज सिंह चौहान की शिकायत के बाद एअर इंडिया ने उनके पोस्ट पर जवाब दिया:
“प्रिय महोदय, आपको हुई असुविधा के लिए हमें खेद है। कृपया आश्वस्त रहें कि हम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। हम आपसे संपर्क करना चाहेंगे, कृपया हमें बताएं कि कब बात हो सकती है।”
हालांकि, यह केवल औपचारिक माफी मानी जा रही है। सवाल यह उठता है कि क्या एयरलाइंस यात्रियों की सुविधाओं में सुधार के लिए वास्तव में ठोस कदम उठाएगी, या यह केवल एक और ‘स्टैंडर्ड रिप्लाई’ बनकर रह जाएगा?
क्या कहती है जनता?
इस घटना पर यात्रियों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ ने इसे एअर इंडिया की पुरानी समस्याओं का ताजा उदाहरण बताया, तो कुछ ने इसे राजनीतिक बयानबाजी करार दिया।
एक यात्री ने लिखा:
“यह कोई नई बात नहीं है। एअर इंडिया में ऐसी समस्याएं आम हैं, लेकिन जब कोई वीआईपी इसे उजागर करता है, तभी कार्रवाई होती है।”
वहीं, एक अन्य व्यक्ति ने लिखा:
“कम से कम इस घटना से एयरलाइंस पर दबाव बनेगा और आम यात्रियों के लिए सेवाओं में सुधार हो सकता है।”
शिवराज सिंह चौहान का यह मामला केवल एक व्यक्ति की असुविधा तक सीमित नहीं है। यह भारतीय विमानन सेवा की व्यापक समस्याओं को उजागर करता है, जहां यात्रियों को दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता कई बार संतोषजनक नहीं होती।
अब देखना होगा कि क्या एअर इंडिया इस आलोचना से सीख लेकर अपनी सेवाओं में सुधार करेगी, या यात्रियों को आगे भी ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा?