Ajaz Khan को कितने वोट मिले, चंद्रशेखर ने बनाया था उम्मीदवार

एजाज खान (Ajaz Khan) का नाम सुनते ही एक सवाल दिमाग में कौंधता है – “अरे, वही बिग बॉस वाले?” जी हां, वही! बॉलीवुड में छोटे-मोटे रोल्स और सोशल मीडिया पर बड़े-बड़े दावे करने वाले एजाज खान को लोग उनके बड़बोलेपन और विवादित बयानों के लिए जानते हैं। उन्होंने फिल्मों से ज्यादा अपनी पहचान बिग बॉस, टिकटॉक वीडियो और इंस्टाग्राम पर बनाई है। उनके इंस्टाग्राम पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं, और अगर फॉलोअर्स का सर्टिफिकेट मिलता, तो शायद एजाज दुनिया पर राज कर रहे होते।

लेकिन हाल ही में, एजाज ने सोशल मीडिया की दुनिया से निकलकर राजनीति में हाथ आजमाने की ठानी। उनकी नई पहचान बनी – “चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवार।” लेकिन अफसोस, राजनीति के मैदान में एजाज खान का प्रदर्शन ऐसा रहा, मानो वे सोशल मीडिया पर लाइव फॉलोअर्स गिनने में व्यस्त रह गए हों।


राजनीति का बिग बॉस: Ajaz Khan की हार का शो

एजाज खान को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भीम आर्मी वाले चंद्रशेखर ने वर्सोवा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था। हाल ही में लोकसभा चुनाव में जीत से उत्साहित चंद्रशेखर को शायद लगा होगा कि इंस्टाग्राम की चमक-दमक वोट में बदल जाएगी। लेकिन जब चुनाव नतीजे आए, तो नजारा कुछ और ही था।

चुनावी रिपोर्ट कार्ड:

  • जाज खान को मिले कुल वोट: 155
  • वर्सोवा सीट पर कुल वोट: 1,50,000+
  • एजाज की रैंक: 11वां स्थान (जी हां, आखिरी से थोड़ा ऊपर!)
  • NOTA से भी कमः आलम ये रहा कि एजाज़ खान को NOTA से भी कम वोट मिले। (वर्सोवा सीट पर 1298 लोगों ने NOTA दबाया।)

अब ज़रा तुलना करें – उनके इंस्टाग्राम फॉलोअर्स 5.6 मिलियन हैं, और वोट सिर्फ 155! यह तो ऐसा है, जैसे कोई शेर जंगल का राजा हो, लेकिन गली के *** से डर जाए।


वर्सोवा सीट का हाल

वर्सोवा सीट पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के उम्मीदवार हारून खान ने जीत दर्ज की है। उन्हें 65,396 वोट मिले। हारून ने बीजेपी उम्मीदवार भारती लावेकर को 1600 वोटों के अंतर से हराया। ऐसे में एजाज खान का 155 वोट पाना किसी बुरे मजाक से कम नहीं लगता।

वैसे, अगर हम उनकी रैंकिंग देखें, तो एजाज खान 11वें स्थान पर रहे। इसका मतलब है कि उनसे ऊपर 10 और उम्मीदवार थे, जिनमें से शायद कुछ ऐसे भी होंगे, जिनके पास इंस्टाग्राम पर 5.6 मिलियन तो दूर, 5.6 फॉलोअर्स भी नहीं होंगे।


इंस्टाग्राम का राजा, चुनाव में हारा!

एजाज खान की यह हार हमें सिखाती है कि सोशल मीडिया की पॉपुलैरिटी और असल जिंदगी की वोटिंग में जमीन-आसमान का फर्क होता है। इंस्टाग्राम पर तस्वीरों को लाइक करने वाले लोग शायद उन्हें वोट देने के लिए लाइन में खड़े नहीं हुए।

एक दिलचस्प बात यह है कि उनकी पार्टी के नेता चंद्रशेखर ने उन्हें क्यों चुना? क्या उन्होंने सोचा कि एजाज खान के फॉलोअर्स देखते ही वोटिंग मशीन फॉलोअर्स काउंटिंग मशीन बन जाएगी? अगर ऐसा था, तो यह राजनीतिक गणित उनकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई।


क्या होगा एजाज का अगला कदम?

अब सवाल यह उठता है कि 155 वोट पाने के बाद एजाज खान क्या करेंगे?

  1. फॉलोअर्स से सवाल करेंगे?: “भाई, मेरे 5.6 मिलियन फॉलोअर्स में से वोट डालने कौन-कौन गया था?”
  2. नई रणनीति बनाएंगे: एक इंस्टाग्राम रील बनाकर लोगों को यह समझाएंगे कि “लाइक और वोट में फर्क होता है।”
  3. बिग बॉस सीजन वापसी: शायद एक और बिग बॉस सीजन में हिस्सा लेकर यह डायलॉग मारें – “अब जनता को बताऊंगा, वोट करना कैसे होता है।”

एजाज खान की चुनावी हार ने यह साबित कर दिया कि पॉपुलैरिटी और पॉलिटिक्स में कोई सीधा रिश्ता नहीं है। सोशल मीडिया पर बड़बोलापन और असली दुनिया के वोटरों का विश्वास दो अलग-अलग बातें हैं।

शायद अगली बार एजाज खान यह समझेंगे कि फॉलोअर्स को वोटर में बदलने के लिए सोशल मीडिया के अलावा भी बहुत कुछ चाहिए। और जब तक वह सीखेंगे, तब तक उनकी कहानी के लिए यही कहा जा सकता है – “कंटेस्टेंट, बिग बॉस के घर से बाहर हैं… और चुनावी मैदान से भी!”

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